Introduction- The Power of Positive Thinking Summary in Hindi (परिचय)
हेलो दोस्तों, स्वागत है आपका The Power of Positive Thinking Summary in Hindi में
दोस्तों, “द पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग” एक बहुत ही प्रेरक बुक है जो हमें पॉजिटिव थिंकिंग की शक्ति के बारे में बताती है और यह भी बताती है के कैसे सकारात्मक सोच हमारे जीवन को बदल सकती है।
बुक के ऑथर, Norman Vincent Peale का मानना है कि पॉजिटिव सोच एक ऐसी पावरफुल चीज़ है जो हमें अपने जीवन की चुनितियों का सामना करने, अपने गोल्स को प्राप्त करने और जीवन में खुशहाली लाने में मदद करती है।
ऑथर के अनुसार पॉजिटिव सोच कोई wishful thinking या अपनी सच्चाई से मुँह मोड़ लेना नहीं है बल्कि यह हमारे जीवन में अच्छी चीजों पर ध्यान केंद्रित करने और यह विश्वास रखने के बारे में है कि हम जो कुछ भी ठान लें उसे हासिल कर सकते हैं।
बुक हमें पॉजिटिव mindset विकसित करने में और इस mindset का उपयोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए करना सिखाती है।
आपने अपने आस-पास बहुत से लोगों को दुखी या परेशान देखा होगा आपने ये भी देखा सुना होगा के आजकल anxiety , depression इत्यादि बीमारियां बहुत ही common होती जा रही हैं लेकिन क्या कभी आपने सोचा है के ऐसा क्यों हो रहा है? इ
सका सबसे प्रमुख कारण है हमारे आस पास फैली negativities , हालाँकि सिर्फ यही एक अकेली वजह नहीं है परन्तु अगर हम अपनी सोच को पॉजिटिव करना सीख गए तो बाकी और वजह (जो हमारे कण्ट्रोल में हैं) बहुत ही आसानी से काबू कर सकते हैं।
आज की इस समरी (The Power of Positive Thinking in Hindi) को अगर आपने ध्यान से पढ़ा और समझा तो न शरीफ आप आप अपने जीवन को एक अलग नज़रिये से देख पाएंगे बल्कि ये भी जान पाएंगे के कैसे बुरे वक़्त में संयम रखकर आप उस से कैसे बहार निकल सकते हैं।
About the author (लेखक परिचय)
Norman Vincent Peale (31 मई 1989- 24 दिसंबर, 1993) एक प्रभावशाली और प्रेरणादायक अमेरिकी पादरी थे, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, अपने Sermons, Lectures और News Paper Columns के ज़रिये आध्यात्मिक नवीकरण की शुरुआत की।
द पावर ऑफ़ पॉज़िटिव थिंकिंग उनकी सबसे प्रसिद्ध पुष्तक है जिसे उन्होंने 1952 में लिखा और लाखों लोगों को प्रोत्साहित किया और ये आज भी एक इंटरनेशनल बेस्टसेलर है।
Improtance of Positive Thinking (सकारात्मक सोच का महत्व)
दोस्तों, बुक के इस चैप्टर में ऑथर हमें बताते हैं किसी भी काम को करने हमें आत्मविश्वास की सबसे सबसे ज़्यादा ज़रुरत होती है। बिना आत्मविश्वास के सफलता हासिल नहीं की जा सकती। ऑथर कहते हैं की आत्मविश्वास भी तभी विकसित हो सकता है जब हमें पता हो के हमें जीवन में क्या हासिल करना हैं।
आत्मविश्वास की कमी से हमारे मन में हमेशा एक डर बना रहता है के कहीं कुछ गलत न हो जाए और यही डर उदासीनता और निराशा की वजह बनता है। हमें कितनी भी नॉलेज क्यों न हो जब तक हमारे अंदर आत्मविश्वास नहीं होगा हम अपने सब्जेक्ट के एक्सपर्ट नहीं बन सकते या उसमे कामयाबी हासिल नहीं कर सकते।
ऑथर हमें अपने एक परिचित के बारे में बताते हैं जिनके अंदर आत्मविश्वास की कमी की वजह से एक फोबिया डेवेलप हो गया था और वह हमेशा डर और चिंता में डूबे रहते थे। फिर एक दिन उन्होंने अपने आसपास पोस्ट-इट नोट्स पर मोटिवेटिंग कोट्स लिखकर लगाने शुरू किये जिससे उनका उत्साह धीरे धीरे बढ़ने लगा।
उन मोटिवेटिंग कोट्स पर अक्सर उनकी नज़र पड़ती रहती थी और धीरे धीरे वो कोट्स उनके अवचेतन मन में समा गए और पॉजिटिव messages ने उनके अवचेतन मन के अंदर नेगेटिव messages को धक्का देकर बहार निकल दिया। कुछ ही समय बाद उनका फोबिया गायब हो चुका था और वो एक खुशहाल जीवन जीने लगे।
Subconscious Mind की अविश्वसनीय शक्ति को जानने के लिए ये पढ़ें– The Power of Your Subconscious Mind Summary in Hindi- 20 Mind-Blowing Ways to Harness the Power of Your Subconscious Mind.
ऑथर हमें नकारात्मकता को अपने जीवन से निकाल फेंकने की सलाह देते हुए कहते हैं की जब भी हम उदास या निराश महसूस कर रहे हो तो हमें चुपचाप बैठ जाना चाहिए और अपनी अच्छी बातों को याद करना चाहिए। हम भी अपने आस पास मोटिवेटिंग कोट्स लिखकर लगा सकते हैं। आत्मविश्वास की कमी न हो इसके लिए ये ज़रूरी है की अपनी तुलना कभी किसी से न की जाए।
हमेशा ये याद रखना चाहिए की ईश्वर ने हमें दुनिया में यूनिक बनाया है और दुनिया में हमारा कोई सानी नहीं है। जो प्रतिभा हमारे अंदर है वो किसी और के अंदर नहीं है और जो हम कर सकते हैं वो कोई और नहीं कर सकता इसलिए अपने आत्मविश्वास को कभी डगमगाने न दें।
A Peaceful Mind Generates Power (शांत मस्तिष्क शक्ति देता है)
ऑथर इस चैप्टर में कहते हैं की शांत मन हमारे लिए शक्ति का एक स्रोत बन सकता है। शांत मन हमें बेहतर तरह से सोचने और decisions लेने और चुनौतियों का सामना करने लायक बनाता है। जब हम शांतिपूर्ण होते हैं, तो हम अपने जीवन के सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने और नकारात्मक को दूर करने में बेहतर सक्षम होते हैं। ऐसा करके हमें खुशी और संतुष्टि प्राप्त हो सकती है।
ऑथर के अनुसार मन की शांति विकसित करने के लिए रिलैक्सेशन टेक्निक्स काफी मददगार हो सकती हैं। इसके अलावा जितना हो सके प्रकृति यानी नेचर के साथ समय बिताना भी ज़रूरी है। ऑथर हमें पॉजिटिव affirmations दोहराने के लिए भी कहते हैं।
ऑथर कहते हैं की अगर हम अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में शक्तिशाली और सफल होना चाहते हैं, तो हमें आंतरिक शांति विकसित करने की तरफ ध्यान देना चाहिए।
How to Have Constant Energy (हमेशा ऊर्जावान कैसे रहें ?)
इस चैप्टर में, बुक के ऑथर कहते हैं की जीवन में सफलता पाने के लिए ये आवश्यक है के हमारे अंदर ऊर्जा का भंडार हो। वह कहते हैं की हम सफल तभी हो सकते हैं जब हम सफलता पाने के लिए ज़रूरी कदम उठाएं और काम करें। और ऊर्जा या एनर्जी के बिना किसी भी तरह का काम करना संभव नहीं है। एनर्जेटिक इंसान किसी भी तरह की चुनितियों का सामना कर सकता है और एक ऊर्जावान इंसान के सकारात्मक और आशावादी होने की भी अधिक संभावना है, जिससे और भी बड़ी सफलता मिल सकती है।
खुद को एनर्जेटिक बनाने के लिए ऑथर कई सुझाव देते हैं जिनमे सबसे पहला है पर्याप्त नींद लेना। वह कहते हैं की जब हम अच्छी तरह से आराम करते हैं, तो हमारे पास अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने और चुनौतियों से निपटने के लिए ज़्यादा एनर्जी होती है। ऑथर healthy और पौष्टिक खाने को भी ज़रूरी मानते हैं और कहते हैं की पौष्टिक भोजन खाने से हमें प्रोडक्टिव बनने और अपने बारे में अच्छा महसूस करने के लिए ऊर्जा मिलती है।
ऑथर एक्सरसाइज करने को भी ज़रूरी कहते हैं क्यूंकि एक्सरसाइज न सिर्फ फिट रहने में हमारी मदद करती है बल्कि हमारे मूड और एनर्जी लेवल को भी बेहतर बनाने में हमारी मदद करती है। व्यायाम न केवल हमें वजन कम करने और आकार में बने रहने में मदद करता है, बल्कि यह हमारे मूड और ऊर्जा के स्तर को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। जब हम नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो हम जो काम करना चाहते हैं उसे करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमारे पास अधिक ऊर्जा होती है।
इसके अलावा ऑथर के अनुसार हमें अपने जीवन की पॉजिटिव चीज़ों पर अपना ध्यान केंद्रित करने की सलाह देते हैं क्यूंकि इससे हमें ऑप्टिमिस्टिक बनने में मदद मिलती है जिससे आगे बढ़ने का रास्ता आसान हो जाता है। वह कहते हैं की एनर्जी ही एक ऐसी चीज़ है जो सक्सेसफुल लोगों को आर्डिनरी लोगों से अलग करती है।
The Power of Prayer (प्रार्थना की शक्ति को पहचानिये)
“द पॉवर ऑफ़ पॉज़िटिव थिंकिंग” के इस चैप्टर में ऑथर ने हमें प्रेयर की असाधारण शक्ति के बारे में बताया है और कहा है की सही ढंग से की गयी प्रेयर हमारे जीवन में शांति लाती है और शांति सफलता पाने के लिए बहुत ही अहम रोल निभाती है।
ऑथर कहते हैं की प्रेयर तभी कामयब होती है जब हमें फेथ यानी विश्वास हो उस शक्ति पर जो इस संसार को नियंत्रित करती है और साथ ही साथ हमें ये भी विश्वास होना चाहिए के हमारी प्रार्थना को अवश्य सुना जायेगा और हमें उसका परिणाम भी अवश्य मिलेगा। आधे अधूरे मन से या बिना फेथ के की गयी प्रार्थना कभी नहीं सुनी जाएँगी और न ही हमें मन मुताबिक परिणाम देंगी।
ऑथर हमें ये भी सुझाव देते हैं की हमें अपनी सभी बातें खासतौर से अपने दुख और परेशानियां अपने ईश्वर के साथ प्रेयर के माध्यम से शेयर करनी चाहिए। अपने दुःख और परेशनियों के बारे में बात करके हमारे मन का बोझ हलका होगा जिससे हमें शांति मिलेगी।
हमें प्रेयर में ईश्वर का उन सब चीज़ों के लिए आभारी भी होना चाहिए जो कुछ भी उसने हमें दिया है। अपने दुःख और सुख ईश्वर के साथ बांटकर हम अपने जीवन में सकारात्मकता को बढ़ा सकते हैं और ऐसा इसलिए है क्यूंकि दुख बांटने से घटता है और सुख बांटने से बढ़ता है।
ऑथर हमें ये भी बताते हैं के दुनिया में घटित होने वाली कुछ बातें ही हमारे नियंत्रण में होती हैं और बाकी पर हमारा कोई कण्ट्रोल नहीं होता। हमें उन बातों पर ध्यान देना चाहिए जो हमारे कण्ट्रोल में हैं और उनपर कड़ी मेहनत करनी चाहिए, चूंकि परिणाम हमारे हाथ ने नहीं होता इसलिए हमें उउसकी चिंता ईश्वर पर छोड़ देनी चाहिए। अपनी चिंताएं ईश्वर को देकर भी अपने मन के बोझ को कम कर सकते हैं।
ऑथर हमें ये भी सलाह देते हैं की हमें न सिर्फ अपने लिए बल्कि औरों के लिए लिए ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए। क्यूंकि सिर्फ अपने बारे में सोचना और दूसरों के बारे में न सोचना एक नकारात्मक विचार है। दूसरी ओर, औरों के बारे में भी प्रार्थना करना एक सकारात्मक विचार है और जैसे विचार हम इस यूनिवर्स में छोड़ते हैं वैसी ही चीज़ें हमें वापस मिलती हैं।
How to Create Happiness (खुश कैसे रहें)
“द पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग” के इस चैप्टर में ऑथर कहते हैं ख़ुशी कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो हमें यूं ही मिल जाए । यह ऐसी चीज़ है जो हमें अपने लिए बनानी पड़ती है और हम अपने जीवन में ख़ुशी कैसे बना सकते हैं यही इस चैप्टर में ऑथर ने हमें सिखाया है।
ऑथर कहते हैं की ख़ुशी पैदा करने का एक तरीका है अपने जीवन की सकारात्मक चीज़ों पर फोकस करना क्यूंकि ऐसा करके खुश रहना आसान हो जाता है। वह आगे कहते हैं की, “ख़ुशी कोई पहले से बनाई हुई चीज़ नहीं है। यह हमारे अपने कामों से आती है।” और चूंकि हम काम अपने विचारों के अनुसार ही करते हैं इसलिए, अगर हम पॉजिटिव विचार रखेंगे तो काम भी पॉजिटिव करेंगे जिससे की ख़ुशी पाना आसान होगा और अगर हमारे दिमाग में नेगेटिव विचार होंगे तो हम काम भी नेगेटिव करेंगे जो हमारे जीवन से खुशियों को दूर कर देंगे।
ऑथर खुश रहने का जो दूसरा तरीक़ा बताते हैं वो है- कृतज्ञता यानी gratitude। वह कहते हैं की जब हम अपने पास वाली चीज़ों के लिए आभारी होते हैं, तो हम अपने और अपने जीवन के बारे में अच्छा महसूस करते हैं। इसलिए, हमें रोज़ उन चीज़ों के बारे में सोचना चाहिए जिनके लिए हम आभारी हैं।
दूसरों की मदद करके भी हम ख़ुशी का अनुभव कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्यूंकि दूसरों की मदद करके हमें अपने बारे में अच्छा महसूस होता है और एक दुसरे की मदद करने से बहुत से काम आसान भी हो जाते हैं। ऑथर कहते हैं की संसार का एक नियम है जो कहता है की, “जितना ज़्यादा आप देते हैं, उतना ज़्यादा आपको मिलेगा।” इसलिए जितना संभव हो सके दूसरों की मदद करें।
इन टिप्स को अपनाकर हम अपने जीवन में खुशियां ला सकते हैं। हालांकि यह हमेशा आसान नहीं होता, लेकिन हमें कोशिश अवश्य करनी चाहिए क्यूंकि ख़ुशी एक चॉइस है, और खुश रहना हम पर निर्भर है।
Stop Fuming and Fretting (गुस्सैल और चिड़चिड़े न बनें)
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि कोई भी इंसान गुस्से के समय सबसे ज़्यादा असुरक्षित होता है? गुस्सा न सिर्फ हमारे एनर्जी लेवल्स पर बुरा असर डालता है जिसकी वजह से हम थके हुए महसूस करते हैं बल्कि समाज में भी हमारी छवि को ख़राब बना देता है। गुस्से की वजह से धीरे धीरे हमारे क़रीबी लोग हमसे दूर होने लगते हैं और फिर हमें अकेलापन घेर लेता है। और यही अकेलापन हमारे अंदर inferiority काम्प्लेक्स पैदा कर देता है।
इतना ही नहीं, जब हम गुस्से में होते हैं तो हमारी बॉडी कुछ ऐसे हॉर्मोन रिलीज़ करती है जिनक लम्बे समय में हमारे ऊपर नेगेटिव असर पड़ता है। इसलिए हमें अपने गुस्से को काबू में रखना चाहिए और यही बात ऑथर ने हमें इस चैप्टर में बताई है।
ऑथर कहते हैं की हमें बिजी लाइफस्टाइल में से अपने लिए कुछ समय निकालना चाहिए, जिसे आमतौर पर “मी-टाइम” भी कहा जाता है। खुद के साथ समय बिताकर हम अपने स्ट्रेस को काम कर सकते हैं और मन की शांति पा सकते हैं।
ऑथर कहते हैं की गुस्से के दौरान पानी पीने से शांत होने में मदद मिलती है। इसके अलावा जब हमें गुस्सा आये तो हमें अपनी शारीरिक स्थिति यानी मुद्रा बदल लेनी चाहिए मतलब गुस्से के समय अगर हम खड़े हैं तो बैठ जाएँ और अगर बैठे हैं तो लेट जाएँ। इस छोटी सी तरकीब से भी अपने गुस्से पर काबू पाया जा सकता है।
जैसे ही हमारा गुस्सा थोड़ा काम हो वैसे ही हमें अपने मन में पॉजिटिव विचार लाने चाहिए। ऐसा करके धीरे धीरे हम पहले से बेहतर महसूस करने लगेंगे।
अपने Subconscious Mind की पावर को समझने के लिए ये summary अवश्य पढ़ें –The Power of Your Subconscious Mind Summary in Hindi- 20 Mind-Blowing Ways to Harness the Power of Your Subconscious Mind.
Expect The Best (हमेशा अच्छे की आस रखें)
इस चैप्टर में ऑथर हमें बताते हैं की हमारी एक्सपेक्टेशंस यानी अपेक्षाओं का हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है। अगर हम अच्छी चीजें होने की उम्मीद करते हैं, तो हमारे खुश रहने और अपने गोल्स को प्राप्त करने की अधिक संभावना है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी अपेक्षाएँ हमारे विचारों, एक्शन्स यानी कामों और भावनाओं को प्रभावित करती हैं।
ऑथर आगे कहते हैं की हमारे विचारों का हमारी वास्तविकता पर एक शक्तिशाली प्रभाव पड़ता है। ऑथर के अनुसार, ”मन जो अपेक्षा करता है, मन वही देखता है।” इसलिए, अगर हम ये उम्मीद करते हैं के हमारे साथ बुरा होगा तो बुरे होने के chances ज़्यादा हो जाते हैं। वहीँ दूसरी ओर, अगर हम ये उम्मीद रखते हैं की हमारे साथ अच्छा होगा, तो हमारे जीवन में अच्छी चीज़ें होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है।
ऑथर हमें बेस्ट को एक्सपेक्ट करने के फायदे बताते हुए कहते हैं की इससे आत्मविश्वास और आत्मसम्मान दोनों बढ़ते हैं, हमें मोटिवेटेड रहने में मदद मिलती है जिसका सीधा असर हमारी प्रोडक्टिविटी पर पड़ता है। चूंकि बेस्ट को एक्सपेक्ट करना एक सकारात्मक विचार है इसलिए इसके परिणाम भी सकारात्मक ही होते हैं। जीवन के प्रति हमारा नजरिया सकारात्मक बनता है और एक सकारात्मक जीवन में रिश्ते भी सकारात्मक बनते हैं, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
ऑथर यह भी कहते हैं की चुनौतियों का सामना करते समय सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करना मुश्किल हो सकता है लेकिन दृढ़ रहना और अपना सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना बहुत ज़रूरी है क्यूंकि, “सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद किए बिना कभी किसी ने कुछ भी बड़ा हासिल नहीं किया।”
Don’t Believe In Defeat (हार में विश्वास मत कीजिये)
इस चैप्टर में ऑथर कहते हैं चुनातियों का सामना हर किसी को करना पड़ता है। लेकिन जो चीज़ सफल लोगों को असफल लोगों से अलग करती है, वह इन चुनौतियों के प्रति उनका नजरिया है। सफल लोग हार में विश्वास नहीं करते और यह मानते हैं कि वे किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं, चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो।
ऑथर नॉर्मन विंसेंट पील कहते हैं की चुनौतियों का सामना करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण का होना बहुत ज़रूरी है। वह कहते हैं की अगर हमें खुद पर ये यक़ीन होगा की हम चुनौतियों से पार पा लेंगे तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
हमें पॉजिटिव affirmations का भी उपयोग करना चाहिए और खुद से पॉजिटिव स्टेटमेंट्स बोलने चाहिए और उन्हें दोहराते रहना चाहिए। धीरे धीरे हम इन पॉजिटिव स्टेटमेंट्स पर यक़ीन करना शुरू कर देंगे जो हमारी मानसिकता को बदलने में सहायक होगी ।
अगर हम खुद पर विश्वास रखें और कभी हार न मानें तो हम जो चाहें हासिल कर सकते हैं।
इसका एक आदर्श उदाहरण अर्जेंटीना के फुटबॉलर लियोनेल मेसी हैं, जिन्होंने हाल ही में फीफा विश्व कप में अपने देश को जीत दिलाई। उन्होंने अत्यधिक दबाव का सामना किया और पिछले विश्व कप में हार के कारण उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने इन बातों को हतोत्साहित नहीं होने दिया और लगातार डटे रहे। अंत में सफलता उनके द्वार पर थी।
How To Break The Worry Habit (चिंता करने की आदत कैसे छोड़ें)
इस चैप्टर में ऑथर हमें बताते हैं की चिंता एक सामान्य चीज़ है जिसका अनुभव हर कोई समय-समय पर करता है। लेकिन जब चिंता ज़रुरत से ज़्यादा बढ़ जाती है, तो यह हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
इस चैप्टर में, ऑथर नॉर्मन विंसेंट पील ने हमें चिंता पर काबू पाने और चिंता मुक्त जीवन जीने के लिए कुछ व्यावहारिक सुझाव दिए हैं जो इस प्रकार हैं-
- वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करें– ऑथर कहते हैं की हमें अतीत या भविष्य की चिंता करने की बजाय, वर्तमान क्षण पर ध्यान देना चाहिए क्यूंकि न तो अतीत और न ही भविष्य हमारे कण्ट्रोल में है लेकिन हमारे वर्तमान अवश्य ही हमारे कण्ट्रोल में है।
- एक्शन लेना– हमें यूं ही बैठकर अपनी समस्याओं के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि उन चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक एक्शन्स भी लेने चाहिए।
- आस्था या विशवास होना– एक्शन लेने के बाद हमें यह विश्वास होना चाहिए की हमारी मेहनत का फल अवश्य मिलेगा और चीजें ठीक हो जाएंगी।
- आराम करना– अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वस्थ्य के लिए आराम बहुत आवश्यक है। इसके अलावा शरीर और मन की शांति के लिए योग, मेडिडेशन और डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज भी की जा सकती हैं ।
- सकारात्मक लोगों के साथ रहें– जिन लोगों के साथ हम समय बिताते हैं उनका हमारे जीवन पर और हमारे मूड पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। इसलिए ये ज़रूरी है के हम सकारात्मक लोगों के साथ रहे।
इन टिप्स को फॉलो करके हम भी चिंता की आदत को दूर कर सकते हैं और एक बेहतर जीवन जी सकते हैं।
अच्छी और पॉजिटिव हैबिट्स डेवेलोप करने के लिए जेम्स क्लियर की बुक एटॉमिक हैबिट्स इन हिंदी पढ़ें
Power To Solve Personal Problems (निजी समस्याओं को हल करने की शक्ति)
प्रोब्लेम्स यानी समस्याएँ हर किसी के जीवन में होती हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है के हम उन्हें ऐसा बना दें की वे हमें परिभाषित करें। ऑथर कहते हैं की ये हमारे हाथ में होता है की हम अपने समस्याओं का सामना कैसे करें। हम या तो उनसे हार मान कर उन्हें और बड़ा होने दे सकते हैं या हम उन्हें बढ़ने और सीखने के अवसर के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
वह कहते हैं की समस्याओं के प्रति भी हमें पॉजिटिव नजरिया रखना चाहिए और उन्हें समस्याओं की तरह न देखकर हमें उन्हें विकास और परिवर्तन के अवसर के रूप में देखना चाहिए। क्यूंकि सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखकर और खुद पर विश्वास करके, हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
ऑथर हमें यह भी समझाते हैं की अपनी समस्याओं से भागने के बजाये हमें उनकी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए और उनका समाधान ढूंढना चाहिए। वह कहते हैं की हम अपने अतीत को तो नहीं बदल सकते, लेकिन हम उसके बारे में अपने सोचने के तरीके और उस पर प्रतिक्रिया करने के तरीके को बदल सकते हैं। ऑथर यह भी कहते हैं कि हम अपने आसपास की दुनिया को तो नहीं बदल सकते, लेकिन हम खुद को बदल सकते हैं।
हम अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक सोच विकसित कर सकते हैं उनसे निबटने के लिए एक्शन ले सकते हैं। समस्याओं की चिंता में डूबकर यूँ ही बैठने से अच्छा है की हम समाधानों पर विचार-मंथन करें, दूसरों से सलाह भी ली जा सकती है और फिर उनका समाधान खोजा जा सकता है।
How To Use Faith In Healing (आस्था के चमत्कारिक परिणाम)
यह चैप्टर हमें बताता है की बीमारी या चोट से उबरने में आस्था (faith) या विश्वास बहुत ही पावरफुल रोल प्ले करता है। । ऑथर कहते हैं की आस्था किसी ऐसी चीज़ पर विश्वास होना है जिसे हमने देखा नहीं है। यह एक भरोसा है उस सुप्रीम पावर में जो इस दुनिया को चला रही है। और यह भरोसा है है अपने मन की उपचार करने की शक्ति पर।
ऑथर कहते हैं की आस्था कई तरह से उपचार को बढ़ावा देने में मदद करती है। यह तनाव को कम करके हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनती है और साथ ही साथ हमारे अंदर एक सकारात्मक दृष्टिकोण को भी पैदा करती है।
ऑथर उपचार में प्रार्थना को भी बहुत ज़रूरी मानते हैं और कहते हैं कि प्रार्थना हमें हायर पावर से जुड़ने में मदद करती है जिससे हम मदद मांग सकते हैं।
When Vitality Sags, Try This (जब जीवन शक्ति कम हो जाए, तो ये आजमाएं)
इस चैप्टर में ऑथर हमें बताते हैं की खुशाल जीवन जीने के लिए जीवन शक्ति बहुत ही ज़रूरी होती है। वह कहते हैं की जीवन शक्ति हमारी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को मिलाकर बनती है। यह जीवन शक्ति ही है जो हमें आगे बढ़ने में और चुनितियों का सामना करने में हमारी सहायता करती है।
इसके बाद ऑथर जीवन शक्ति की शिथिलता के कारणों पर चर्चा करते हैं और कहते हैं कि जीवन शक्ति में कमी कई वजह से हो सकती है, जिनमें तनाव, थकान, बीमारी और नकारात्मक सोच शामिल हैं।
ऑथर कहते हैं कि जीवन शक्ति में कमी अवसाद, चिंता और शारीरिक बीमारी सहित कई समस्याओं को जन्म दे सकती है।
ऑथर हमें जीवन शक्ति को बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव भी देते हैं जोकि इस प्रकार हैं:
- पर्याप्त नींद– नींद शारीरिक और मानसिक ऊर्जा के लिए जरूरी है। हमें रोज़ 7-8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए।
- स्वस्थ आहार लें– खूब फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज खाएँ। प्रोसेस्ड फ़ूड, शर्करा युक्त पेय और अत्यधिक मात्रा में कैफीन और शराब से बचें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें– व्यायाम शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बढ़ाने का एक शानदार तरीका है। सप्ताह में कम से कम 30 मिनट व्यायाम अवश्य करें।
- तनाव का प्रबंधन– तनाव आपकी जीवन शक्ति को खत्म कर सकता है। तनाव को कम करने के लिए स्वस्थ तरीके खोजें, जैसे योग, ध्यान, या प्रकृति के साथ समय बिताना।
- सकारात्मक सोचें– एक सकारात्मक दृष्टिकोण आपकी ऊर्जा के स्तर को बढ़ा सकता है। अपने जीवन में अच्छी चीज़ों पर ध्यान दें और नकारात्मक सोच से बचें।
इन सुझावों का पालन करके आप अपनी जीवन शक्ति को बढ़ा सकते हैं और एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
Inflow of New Thoughts Can Remake You (नए विचारों का प्रवाह आपको दोबारा बना सकता है)
इस चैप्टर का मेन मैसेज यह है की पॉजिटिव थिंकिंग में हमारे जीवन को बदलने की शक्ति होती है। पॉजिटिव थिंकिंग नए विचारों से आती है और नए विचार हमें अपना दृष्टिकोण बदलने, अधिक रचनात्मक बनने और अच्छा काम करने में हमारी मदद कर सकते हैं। ऑथर हमें बताते हैं की हमें ने विचारों को अपनाने के लिए खुद को खुला रखना चाहिए। हम नयी चीज़ें पढ़कर, नए नए लोगों से मिलकर और नयी जगह भ्रमण करके अपने विचारों में ताज़गी ला सकते हैं।
ऑथर कहते हैं के अगर हम अपने मन में पॉजिटिव विचारों को घर करेंगे तो एक दिन हम पॉजिटिव इंसान ज़रूर बन जायेंगे और हम दुनिया को सकारात्मक नज़रों से देखेंगे और पॉजिटिव चीज़ों को अपने जीवन में होते हुए देखेंगे। ऑथर यह भी कहते हैं की पॉजिटिव विचारों के लिए हमें अपने सोचने के तरीके को बदलना होगा और इसमें समय लगता है इसलिए हमें धैर्य रखना चाहिए और कंसिस्टेंसी बनाये रखनी चाहिए।
यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं कि कैसे नए विचार हमारी मदद कर सकते हैं:
- अगर हम किसी उलझन में फंस गए हैं, तो नए विचार हमें चीजों को नए तरीके से देखने और हमारी समस्याओं के नए समाधान खोजने में मदद कर सकते हैं।
- यदि हम अटके हुए या प्रेरणाहीन महसूस कर रहे हैं, तो नए विचार हमें कार्रवाई करने और आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं।
- यदि हम अपने जीवन को बेहतरी के लिए बदलना चाहते हैं, तो हमें नए विचारों के प्रति खुला रहना होगा। हम किताबें, लेख और ब्लॉग पढ़कर ऐसा कर सकते हैं;
- पॉडकास्ट सुनना; TED Talks देखना; और उन लोगों से बात करना जिनका दृष्टिकोण हमसे अलग है। हमें अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने और नई चीजों को आजमाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
स्व-पुनर्निर्माण की प्रक्रिया आसान तो नहीं है, लेकिन यह संभव ज़रूर है। धैर्यवान और दृढ़ रहकर हम अपने जीवन को बेहतरी के लिए बदल सकते हैं।
Relax for Easy Power (शक्ति के लिए आराम करें)
इस चैप्टर में ऑथर कहते हैं हमारे जीवन में पर्याप्त विश्राम बेहद ज़रूरी है। हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक खुशहाल, अधिक संतुष्टिदायक जीवन जीने के लिए विश्राम की ज़रुरत होती है । विश्राम से हमारा शरीर और मन दोनों तनावमुक्त होते हैं और जब हम तनावमुक्त होते हैं, तो हम अपने विचारों और ऊर्जा को अपने काम पर बेहतर ढंग से लगा सकते हैं। तनाव और चिंता मुक्त जीवन हमें बेहतर निर्णय लेने लायक भी बनता है।
ऑथर हमें समझते हुए कहते हैं की कि विश्राम का मतलब आलसी या inactive होना नहीं है बल्कि यह activity और आराम के बीच बैलेंस बनाने का नाम है। जैसा की ऊपर बताया गया है की रिलैक्सेशन से तनाव से छुटकारा मिलता है और जब हम तनावमुक्त होते हैं, तो हमारा शरीर भी अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप काम करता है तथा हमारा दिमाग भी ज़्यादा स्पष्ट और ज़्यादा फोकस्सड होता है।
रिलैक्स करने के लिए हम डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं, शांत संगीत सुन सकते हैं या फिर प्रकर्ति के साथ समय बिता सकते हैं। ऑथर यह भी कहते हैं की हमें अत्यधिक कैफीन और अलकोहल से बचना चाहिए क्यूंकि इनका सेवन आराम करना मुश्किल बना सकता है।
ऑथर का मानना है कि सफलता के लिए विश्राम आवश्यक है। उनका कहना है कि जब हम तनावमुक्त होते हैं, तो हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक खुशहाल, अधिक संतुष्टिदायक जीवन जीने की अधिक संभावना रखते हैं।
How To Get People To Like You (लोगों की पसंद कैसे बनें)
बनें दोस्तों हर कोई चाहता है के लोग उनकी प्रशंसा करें और उन्हें पसंद करें और यही बात ऑथर ने इस चैप्टर में हमें बताई है के हम ऐसा क्या करें जिस से लोग हमें पसंद करें। हैं की अगर हमें अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में कामयाब होना है तो ये ज़रूरी है के हम ऐसे बनें जिससे लोग हमें पसंद करें। ऑथर के अनुसार पसंद होने लायक मतलब है की हमारा स्वाभाव फ्रेंडली हो, हम मिलनसार हों और दूसरों में दिलचस्पी रखें।
पील ने यह समझाते हुए शुरुआत की कि पसंद करने योग्य होने का क्या मतलब है। उनका कहना है कि इसका मतलब है मित्रवत, मिलनसार होना और दूसरों में सच्ची दिलचस्पी रखना। इसका अर्थ सकारात्मक और उत्साहित होना और हास्य की अच्छी समझ होना भी है। साथ ही साथ हमें पॉजिटिव और उत्साही भी होना चाहिए तथा हमारा सेंस ऑफ़ ह्यूमर भी अच्छा होना चाहिए।
ऑथर हमें कुछ सुझाव देते हैं जिनकी सहायता से हम खुद को ऐसा बना सकते हैं जिससे लोग हमें पसंद करें. आइये एक नज़र डालते हैं इन सुझावों पर-
- दूसरों में सच्ची दिलचस्पी रखें– जब आप दूसरों में सच्ची रुचि दिखाते हैं, तो उनकी आप में रुचि होने की अधिक संभावना होगी। उनसे उनके और उनके जीवन के बारे में जानें और उन्हें समझने की कोशिश करें।
- सकारात्मक और उत्साहित रहें– लोग उन लोगों की ओर आकर्षित होते हैं जो सकारात्मक और उत्साहित होते हैं। मुस्कुराएं, हंसें और आशावादी बनें।
- एक अच्छा श्रोता बनें– जब आप दूसरों की बात सुनेंगे, तो वे सम्मानित महसूस करेंगे। वे क्या कह रहे हैं उस पर ध्यान दें।
- दयालु और विचारशील बनें– दूसरों के प्रति विचारशील और मददगार बनें। ऐसे काम करें जिनसे उन्हें अच्छा महसूस हो।
- क्षमाशील बनें– गलतियां सबसे होती हैं। दूसरों को माफ करने और आगे बढ़ने के लिए तैयार रहें।
- वास्तविक बने– वह बनने की कोशिश न करें जो आप नहीं हैं। दिखावा न करें, आप जो हैं उसके लिए लोग आपकी प्रशंसा करेंगे।
ऑथर का कहना है की इन टिप्स का पालन करके, हम खुद को दूसरों के लिए अधिक पसंद करने योग्य बना सकते हैं और उनके साथ अपने संबंधों को बेहतर बना सकते हैं।
Prescription For Heartache (दिल के दर्द के लिए नुस्खा)
अपनी भावनाओं को पहचानें और स्वीकार करें
दोस्तों, दर्द हम सबके जीवन के एक हिस्सा है चाहे वो फिर शारीरिक दर्द हो या दिल का दर्द। इस चैप्टर में ऑथर ने हमें दिल के दर्द को काम करने के कुछ उपाय बताये हैं। हमें दिल का दर्द चीजों के कारण हो सकता है, जैसे किसी प्रियजन को खोना, नौकरी छूटना या रिश्ता टूट जाना। जब हम निराश या असफल होते हैं तब भी हम इस दर्द को महसूस कर सकते हैं।
ऑथर कहते हैं की दिल के दर्द से राहत पाने के लिए सबसे पहला कदम है की हम अपनी भावनाओं को स्वीकार करें। इसका मतलब है कि हम अपने दुःख, गुस्से या जो कुछ भी हम महसूस कर रहे हैं उसे बहार आने दें, उसे दबाने की कोशिश न करें, क्योंकि दबाने से वे और भी बदतर हो जाएंगी।
एक बार जब हम अपनी भावनाओं को स्वीकार कर लेते हैं, तो हमें अपने दिमाग से नकारात्मक विचारों और भावनाओं को दूर करना है, ऑथर इसे Mental House Cleaning कहते हैं। हमें Self-piety और resentment को positive affirmations और रचनात्मक विचारों से बदलना है और optimistic बने रहना है।
प्रार्थना करें और विश्वास रखें
दिल के दर्द को ठीक करने के लिए प्रार्थना बहुत ही असरदार साबित हो सकती है लेकिन सिर्फ तभी जब प्रार्थना पूरी आस्था और विश्वास के साथ की गयी हो। मुश्किल समय में हमें किसी के साथ की ज़रुरत होती है और अगर हमारा कनेक्शन सुप्रीम पावर के साथ अच्छा होगा तो हम ऑप्टिमिस्टिक रहकर जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
जीवन से जुड़े रहें
ऑथर कहते हैं की जब हम किसी परेशानी में हों तब भी हमारा जीवन से जुड़े रहना महत्वपूर्ण है। जितना संभव हो सके हमें अपना रूटीन बनाये रखना है और ऐसी एक्टिविटीज में इनवॉल्वड रहना है जो हमें अच्छी लगती हैं। एक्टिव रहने से हमें बेहतर महसूस करने में मदद मिलेगी।
दूसरों से प्रेरणा
ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने दिल के दर्द पर काबू पा लिया है और खुश और संतुष्ट जीवन जीने लगे हैं। उनकी कहानियों के बारे में पढ़कर प्रेरणा और आशा मिल सकती है। यह हमें याद दिलाएगा कि हम अकेले ही परेशां नहीं है, दयनीय में और भी लोग जो परेशानियों से जूझ रहे हैं लेकिन परेशानी का हल संभव है।
ऑथर कहते हैं की दिल का दर्द हमारे जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है, लेकिन हमें इसे इतना बड़ा नहीं होने देना चाहिए के ये हम पर हावी हो जाए। इस चैप्टर में बताई गयी बातों का पालन करने, हम परेशानियों का हल पा सकते हैं और दिल के दर्द के अपने अनुभवों से मजबूत होकर उभर सकते हैं।
How To Draw Upon That Higher Power (उस उच्च शक्ति को कैसे आकर्षित करें)
इस चैप्टर में ऑथर हमें बताते हैं की हर किसी के पास एक higher power होती है, चाहे हमें इसका एहसास हो या न हो। वह कहते हैं की इस higher power को लोग अलग अलग नाम से पुकारते हैं। कोई इसे ईश्वर के रूप में जानता है, कोई इसे एक यूनिवर्सल पावर कहता है और कोई इसे नेचर या प्रकृति कहता है। यह उस शक्ति मनुष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक चीज़ है। क्यूंकि इसमें विश्वास करके हम अपने दुःख और परेशानियों को इनके साथ शेयर कर सकते हैं और ये भी विश्वास रख सकते हैं के ये यूनिवर्सल पावर हमारे साथ कभी कुछ गलत नहीं करेगी। ये higher power हमें चुनौतियों से उबरने और अपने लक्ष्य हासिल करने में भी मदद करती है।
तो दोस्तों, ये थी The Power of Positive Thinking in Hindi की समरी। आशा है के आज की ये समरी आपको पसंद आयी होग। अगर आप भी किसी के जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं तो ये समरी उसके साथ अवश्य शेयर करें। आपको भी ये बुक अवश्य पढ़नी चाहिए
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
सकारात्मक सोच की शक्ति से हम क्या सीखते हैं?
सकारात्मक सोच की शक्ति से हम सकारात्मक रूप से सोचना सीखते हैं और कुछ ऐसी techniques सीखते हैं जिन्हें अपनाकर हम अपने अंदर सकारात्मक सोच पैदा कर सकते हैं।
द पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग पुस्तक कब लिखी गई थी?
द पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग को Norman Vincent Peale ने 1952 में लिखा था ।
चमत्कार क्या है सकारात्मक सोच की शक्ति की व्याख्या करें?
चमत्कार की व्याख्या कर पाना मानव मस्तिश्क के लिए संभव नहीं है। इसे सिर्फ तभी महसूस किया जा सकता है जब की इस पर किसी को पूर्ण विश्वास हो। आप मोबाइल फ़ोन से बात कर सकते हैं और इसके लिए जो तरंगे (waves) होती हैं वह मनुष्य को दिखाई नहीं देती लेकिन इसका मतलब ये नहीं है के वह exist नहीं करती।
Positive Thinking सकारात्मक सोच से आप क्या समझते है इसके महत्त्व का वर्णन करें?
सकारात्मक सोच का अर्थ है निडर होकर जीवन की चुनौतियों का सामना करना। सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति ही अंत में विजयी होता है।
अच्छी सोच रखने से क्या होता है?
अच्छी सोच रखने के अनेक फायदे हैं। सफलता के लिए सबसे पहले जिस चीज़ की आवश्यकता है वह है अच्छी सोच। अच्छी सोच से न सिर्फ अपने जीवन को बेहतर बनाते हैं बल्कि दूसरों के जीवन में भी सकारात्मक changes ला सकते हैं।
सकारात्मक सोच कैसे पैदा करें?
सकारात्मक सोच पैदा करने के लिए आप उन techniques का सहारा ले सकते हैं जो के Norman Vincent Peale ने अपनी बेस्ट सेल्लिंग बुक The Power of Positive Thinking में वर्णित की हैं और जिन्हें हमने ऊपर दी गयी समरी में कवर किया है ।
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