Introduction- Kamasutra Book Summary in Hindi (परिचय)
हेलो दोस्तों, स्वागत है आपका Kamasutra Book Summary in Hindi में।
दोस्तों, शायद ही कोई ऐसा हो जिसने प्राचीन भारतीय ग्रंथ कामसूत्र का नाम न सुना हो। कामसूत्र ह्यूमन सेक्सुअल बिहेवियर के ऊपर संस्कृत में लिखा गया ग्रन्थ है जिसे इस सब्जेक्ट के ऊपर लिखा गया काफी ऑथॉरिटेटिव टेक्स्ट माना जाता है। इसे 50 से ज़्यादा भाषाओँ में ट्रांसलेट किया जा चुका है।
कामसूत्र के बारे में आम धारणा यह है की ये एक सेक्स मैनुअल है जबकि वास्तविकता यह है की ये प्रेम करने, रिश्तों को बेहतर बनाने और जीवन जीने की कला सिखाने वाला एक ग्रन्थ है। इसमें बहुत से टॉपिक्स को कवर किया गया है जैसे की-
- विभिन्न प्रकार के प्रेम और रिश्ते
- पार्टनर ढूंढने के तरीक़े
- पार्टनर को ख़ुश करना
- एक हेल्थी सेक्स लाइफ जीना
- गर्भनिरोधक का उपयोग
- बिमारियों की रोकथाम
The Origins of the Kamasutra (कामसूत्र की उत्पत्ति)
कामसूत्र की रचना वात्स्यायन मलंगा ने की थी, लेकिन उनके बारे में ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। स्कॉलर्स का मानना है की कामसूत्र को तीसरी और पांचवी शताब्दी के बीच लिखा गया था। ऐसा भी कहा जाता है कि कामसूत्र की रचना के समय भारतवर्ष में गुप्त वंश का शासन था। कामसूत्र को इसके रचेयता तथा अन्य स्कॉलर्स के बीच वार्तालाप के रूप में लिखा गया है।
कामसूत्र पर हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म सहित विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं का प्रभाव देखने को मिलता है। इसके अलावा इस पर प्राचीन भारतीय यौन चिकित्सक और फिलॉसफर चरक का भी प्रभाव देखने को मिलता है।
कामसूत्र को अपने समय की देन माना जाता है क्यूंकि इसमें प्राचीन भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाया गया है जैसे की इसमें पारम्परिक अपोजिट सेक्स मैरिज को ही आइडियल सेक्सुअल रिलेशनशिप माना गया है। कामसूत्र के बारे में यह भी कहा जाता है की ये महिलाओं को पुरषों के अधीन रहने को बढ़ावा देता है।
थोड़ी बहुत कमियों के बावजूद कामसूत्र को अपने समय से आगे का ग्रन्थ कहा जा सकता है। यह मानव यौन इच्छा के विभिन्न पहलुओं को स्वीकार करता है और पार्टर्नस के बीच सम्मान और आनंददायक रिश्तों को बनाने के लिए मार्गदर्शन करता है।
जब आनंद की बात आती है तो कामसूत्र आनंद को सिर्फ यौन सुख के साथ जोड़ कर देखने को नहीं कहता बल्कि यह पार्टनर्स के बीच आपसी सहमति, बातचीत तथा एक दुसरे को समझने को भी आनंद प्राप्ति में महत्वपूर्ण मानता है। यह पार्टनर्स को एक दुसरे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने की भी सलाह देता है।
यह कहना गलत नहीं होगा के कामसूत्र कामुकता के दायरे से बहार निकलकर, जीवन के सभी पहलुओं पर मार्गदर्शन देता है। उद्दाहरण के लिए ये हमें पर्सनल ग्रूमिंग, शिष्टाचार, घर को मैनेज करना इत्यादि पर भी मार्गदर्शन देता है।
Principles of Kamasutra (कामसूत्र के सिद्धांत)
चार पुरुषार्थ (जीवन के लक्ष्य)
कामसूत्र में दिए गए चार पुरुषार्थों को कामसूत्र की नीव कहा जा सकता है। कामसूत्र कहता है की चरों पुरुषार्थ काफी महत्वपूर्ण है और इन्हे संतुलित रूप से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। आइये दोस्तों, समझते हैं की ये चार पुरुषार्थ क्या हैं।
धर्म
धर्म को किसी व्यक्ति के ‘कर्तव्य’ या ‘धर्म के रास्ते’ के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। धर्म हमारे उन दायित्वों को दर्शाता है जो हमारे अपने परिवार, अपने समुदाय और विश्व के प्रति हैं। धर्म का मतलब सिर्फ नियम और कानून का पालन करना नहीं है, बल्कि एक ऐसा जीवन जीना है जो एथिकल (ethical) और मोरल (moral) दोनों तरह से सही हो।
मनुष्य के लिए धर्म इसलिए ज़रूरी है क्यूंकि वह जीवन को एक उद्देश्य देता है और उसे सार्थक भी बनता है। धर्म की सहायता से एक अच्छा और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण किया जा सकता है।
धर्म सिर्फ साधारण जीवन में ही नहीं प्रेम और कामुकता पर भी अप्लाई होता है। नीचे इसके कुछ उदहारण दिए गए हैं –
- अपने पार्टनर के साथ ईमानदार और लॉयल रहना हर व्यक्ति का धर्म है।
- अपने पार्टनर का आदर सम्मान करना भी हर व्यक्ति का धर्म है।
- अपने धर्म का पालन करके आप एक प्रेमपूर्ण और सहयोगी रिश्ता बना सकते हैं।
अर्थ
अर्थ का मतलब है भौतिक सम्पदा और समृद्धि हासिल करना। इसमें ऐसे संसाधनों को इकठ्ठा किया जाता है जिनके सहारे व्यक्ति एक आरामदायक जीवन गुज़ार सके तथा अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। अर्थ इसलिए महत्वपूर्ण है क्यूंकि इसके सहारे व्यक्ति अपने जीवन की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा कर सकता है और उसे एक आवश्यक वित्तीय सुरक्षा भी मिल जाती है।
नीचे दिए गए उदाहरणों का माध्यम से समझा जा सकता है की अर्थ को रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में कैसे अप्लाई किया जाये-
- अच्छी शिक्षा पाना और एक अच्छा करियर बनाकर
- बचत और निवेश करके
- घर खरीदना और परिवार बढ़ाना
- अपना बिज़नेस शुरू करना या एक इंटरप्रेन्योर बनकर
- फिलैंथ्रॉफी के माध्यम से समाज की मदद करना
अर्थ का मतलब सिर्फ पैसा और संपत्ति जमा करना न होकर इससे कहीं ज़्यादा है। इसका मतलब है अपने संसाधनों का बुद्धिमानी और ज़िम्मेदारी से उपयोग करना और अपने साथ साथ अपने आसपास के लोगों का भी कल्याण करना।
अर्थ का उपयोग प्रेम और कामुकता में भी होता है। इसके कुछ उदहारण इस प्रकार हैं-
- परिवार शुरू करने से पहले वित्तीय रूप से स्थिरता आवश्यक है
- अपने पार्टनर और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम होना आवश्यक है
- वित्तीय रूप से सुरक्षित व्यक्ति ही अच्छे और मज़बूत सम्बन्ध बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है
काम
काम एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “इच्छा” या “खुशी।” काम को अक्सर यौन इच्छा से जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन यह उससे कहीं बढ़कर है और इसमें सभी प्रकार की इच्छा और आनंद शामिल हैं, जैसे की:
- शारीरिक सुख, जैसे खाना, पीना, स्पर्श और सेक्स
- भावनात्मक सुख, जैसे प्यार, दोस्ती और अंतरंगता
- बौद्धिक सुख, जैसे सीखना, कुछ नया क्रिएट करना और समस्या का समाधान करना
- आध्यात्मिक सुख, जैसे ध्यान, प्रार्थना और स्वयं से बड़ी किसी चीज़ से जुड़ाव
काम मानवीय अनुभव का एक स्वाभाविक और आवश्यक हिस्सा है। काम हमें अपने लक्ष्य हासिल करने, दूसरों से जुड़ने और जीवन की सुंदरता का आनंद लेने के लिए प्रेरित करता है।
काम को कई अलग-अलग तरीकों से व्यक्त किया जा सकता है। इसमें भोजन, पेय और सेक्स जैसे शारीरिक सुख, साथ ही प्यार, दोस्ती और अंतरंगता जैसे भावनात्मक सुख भी शामिल हो सकते हैं। काम को बौद्धिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के माध्यम से भी व्यक्त किया जा सकता है।
मोक्ष
मोक्ष एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है “मुक्ति” या “आत्मज्ञान।” हिंदू दर्शन में यह मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य है। मोक्ष तब प्राप्त होता है जब हम जन्म और मृत्यु (संसार) के चक्र से मुक्त हो जाते हैं और शुद्ध चेतना और आनंद की स्थिति प्राप्त कर लेते हैं।
मोक्ष के कई अलग-अलग मार्ग हैं, लेकिन उन सभी में भौतिक इच्छाओं से वैराग्य और सेल्फ़-रेअलिज़शन शामिल है। मोक्ष के कुछ सबसे सामान्य मार्ग इस प्रकार हैं:
- भक्ति योग: भगवान की भक्ति का मार्ग।
- ज्ञान योग: ज्ञान और आत्म-जांच का मार्ग।
- कर्म योग: निःस्वार्थ कर्म का मार्ग।
- राजयोग: ध्यान और योग का मार्ग।
जब हम मोक्ष प्राप्त करते हैं, तो हम संसार की पीड़ा से मुक्त हो जाते हैं और शाश्वत शांति और खुशी की स्थिति का अनुभव करते हैं। मोक्ष कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो मरने के बाद ही मिले। यह चेतना की एक अवस्था है जिसे इसी जीवनकाल में प्राप्त किया जा सकता है।
जीवन के तीन उद्देश्य
कामसूत्र में जीवन के तीन प्रमुख उद्देश्यों के बारे में बताया गया जो चार पुरुषार्थ के साथ जुड़े हुए हैं। ये उद्देश्य मनुष्य को अपनी इच्छा और आकांशा के बीच संतुलन बनाने में मदद करते हैं। आइये इन तीन उद्देश्यों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सच्चा प्रेम
सच्चे या सदगुणी प्रेम का मतलब है एक ऐसा प्यार भरा और सम्मानजनक रिश्ता, जो आपसी विश्वास, भावनात्मक संबंध और बातचीत पर आधारित होता है। यह एक ऐसा प्यार है जो दोनों पार्टनर के लिए फायदेमंद हो और दोनों को बढ़ने और फलने-फूलने में मदद करता है।
सच्चे प्रेम के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
- एक ऐसा कपल जो हर सुख-दुख में एक-दूसरे का साथ देता है
- एक कपल जो खुलकर और ईमानदारी से बात करता है
- एक ऐसा कपल जो एक-दूसरे पर पूरा भरोसा करता है
- एक ऐसा कपल जो एक-दूसरे की वैल्यूज और लिमिटेशंस का सम्मान करता है
- एक ऐसा कपल जो एक साथ समय बिताना पसंद करता है और जो एक-दूसरे को खुश रखता है
- एक ऐसा कपल जो एक-दूसरे को आगे बढ़ने में मदद करता है
जीवन में सच्चा प्रेम पाना हमेशा आसान नहीं होता, लेकिन इसके लिए प्रयास करना ज़रूरी है। यह उस प्रकार का प्यार है जो जीवन भर बना रह सकता है।
सेंसुअल प्लेज़र
सेंसुअल प्लेज़र यानी कामुक सुख मनुष्य की विभिन्न इन्द्रियों जैसे शारीरिक स्पर्श (touch), स्वाद (taste), गंध (smell), दृष्टि (sight) और ध्वनि (sound) द्वारा मिलने वाला आनंद है। इससे मनुष्य अपनी इंद्रियों के माध्यम से दुनिया का अनुभव करता है और दूसरों के साथ जुड़ता है।
सेंसुअल प्लेज़र सुनते ही हमारे मन में सेक्स से जुड़े आनंद की तस्वीर उभरती है लेकिन कामुक आनंद सिर्फ सेक्स से कहीं ज़्यादा है। किसी रोमांटिक रिश्ते में, कामुक आनंद अक्सर यौन गतिविधि से जुड़ा होता है लेकिन और रिश्तों में इसे कई अलग-अलग तरीकों से अनुभव किया जा सकता है, जैसे:
- चुंबन और आलिंगन
- एक दूसरे की मालिश या मसाज करके
- एक साथ रोमांटिक स्नान करके
- रात का खाना साथ में बनाना और एक-दूसरे को खिलाकर
- साथ में डांस करके
- एक दूसरे को शाबाशी देकर
किसी रिश्ते में कामुक आनंद बहुत ज़रूरी है। इसके कुछ फायदे नीचे दिए गए हैं:
- घनिष्ठता और जुड़ाव बढ़ाता है
- तनाव और चिंता कम करता है
- मूड को अच्छा करता है
- यौन संतुष्टि बढ़ाता है
अपने रिश्ते में कामुक आनंद को बढ़ाने के लिए नीचे कुछ सुहाव दिए गए हैं:
- अपनी इंद्रियों के प्रति सचेत रहें- इस बात पर ध्यान दें कि आपका पार्टनर कैसा महसूस करता है, उसकी गंध, स्वाद और रूप कैसा है।
- पर्याप्त समय दें- सेक्स या अन्य अंतरंग गतिविधियों में जल्दबाजी न करें और पर्याप्त समय दें।
- रचनात्मक बनें और प्रयोग करें- नई नई चीज़ें आज़माएँ और देखें कि आप दोनों को क्या अच्छा लगता है।
- अपने साथी के साथ बातचीत करें- अपने पार्टनर को अपनी पसंद-नापसंद के बारे में बताएं और उनकी पसंद-नापसंद को भी समझें।
- ध्यान भटकाने वाली चीज़ें दूर रखें- अपने फ़ोन और अन्य डिस्ट्रक्शंस को दूर रखें तथा अपने साथी और उसके साथ अनुभव पर ध्यान दें।
याद रखें, कामुक आनंद एक यात्रा है, मंजिल नहीं। यह अपनी इंद्रियों को समझने और अपने साथी के साथ जुड़ने के बारे में है। इसलिए इस प्रक्रिया का आनंद लें!
डिवाइन यूनियन
डिवाइन यूनियन या दैवीय मिलन चेतना की एक ऐसी अवस्था है जिसमें सम्भोग के दौरान दो लोग आध्यात्मिक संबंध का अनुभव करते हैं। यह शारीरिक सुख से कहीं बढ़कर है और एक तरह से दो आत्माओं का मिलन है।
डिवाइन यूनियन अपने पार्टनर और ब्रह्माण्ड के प्रति एकता की भावना है। इसे अनुभव करने के कई अलग अलग तरीके हैं, कुछ लोग इसे तांत्रिक प्रथाओं के माध्यम से पाते हैं जबकि कुछ अन्य को ये सहज रूप से मिल जाता है।
कामसूत्र सिखाता है कि प्रेम और कामुकता का आनंद ऐसे तरीके से लिया जाना चाहिए जो सात्विक, आनंददायक और दिव्य हो।
Means of Exciting Desire (उत्तेजनापूर्ण इच्छा)
इच्छा सेक्स और रिश्तों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यही वह चीज़ है जो हमें अपने सहयोगियों के साथ अंतरंग होने और उनके करीब महसूस करने के लिए प्रेरित करती है।
कामसूत्र के इस सेक्शन में यह सिखाया गया है कि अपने साथी की इच्छा को कैसे उत्तेजित करें। इसमें फोरप्ले और यौन संचार के बारे में बात की गयी है, जो अच्छे यौन जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसमें सामान्य यौन समस्याओं का समाधान भी दिया गया है।
सेडक्शन की कला
कामसूत्र के अनुसार सेडक्शन किसी को अपनी ओर आकर्षित करके उनके अंदर यौन उत्तेजना पैदा करने का एक तरीका है। सेडक्शन किसी को बिना छुए भी हो सकता है और आमतौर पर ये छूने से बहुत पहले शुरू भी हो जाता है। बॉडी लैंग्वेज के माध्यम से एक भी शब्द कहे बिना किसी को seduce किया जा सकता है। नीचे सेडक्शन के कुछ तरीक़े दिए गए हैं –
- आई कांटेक्ट– गहरा और लम्बा आई कांटेक्ट सबसे शक्तिशाली मोहक इशारों में से एक है। आई कांटेक्ट से अंतरंगता और जुड़ाव की भावना पैदा होती है, और यह किसी को ये बताने का एक तरीक़ा है की आपकी रुचि उनमे है।
- शारीरिक निकटता– किसी के करीब जाना और अपने शरीर को एक-दूसरे से टकराने देना अंतरंगता और यौन तनाव पैदा करने का एक और तरीका है। यह भी किसी के प्रति अपनी रुचि दिखाने का एक तरीक़ा है और ये बताने का भी की आप उनके ओर आकर्षित हैं।
- टच (स्पर्श)– कोमल स्पर्श और दुलार काफी मोहक हो सकते हैं। टच करके अपने साथी को न सिर्फ उत्तेजित किया जा सकता है बल्कि उन्हें desired भी फील कराया जा सकता है।
सेडक्शन का मतलब सिर्फ किसी को बिस्तर पर ले जाना नहीं है बल्कि यह पार्टनर्स के बीच अंतरंगता और एक दुसरे से कनेक्शन पैदा करने की कला है। जब आप किसी को आकर्षित करते हैं, तो आप उन्हें बता रहे होते हैं कि आप उन्हें आकर्षक और desirable पाते हैं।
सेडक्टिव कम्युनिकेशन (कामुक बातचीत)
शब्द भी सेडक्शन की कला में अहम् रोले निभाते हैं। इरोटिक बातचीत में शब्दों के माध्यम से अपनी इच्छाओं, फैंटसीज और भावनाओं को व्यक्त किया जाता है तथा अपने पार्टनर को उत्तेजित किया जाता है।
- फैंटसी शेयर करना– अपने पार्टनर के साथ सेक्सुअल फैंटसी और इच्छाएँ शेयर करने से एक्साइटमेन्ट बढ़ता है।
- अंतरंग कॉम्प्लिमेंट्स– अपने पार्टनर के आकर्षण की तारीफ़ करने से इच्छा जागती है और साथ ही साथ उसका कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है।
- कामुक कहानियाँ– अपने पिछले अंतरंग अनुभवों को शेयर करने से या कामुक कहानियाँ सुनाकर मूड सेट किया जा सकता है तथा पार्टनर के अंदर उत्तेजना पैदा की जा सकती है।
सेंसुअल माहौल
सेंसुअल माहौल का मतलब है एक ऐसा माहौल बनाना जो अंतरंगता के लिए अनुकूल हो। इसमें किसी भी इंद्री जैसे साइट, स्मैल, साउंड या टच का उपयोग करके उन्हें उत्तेजित करने के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाता है।
एक सेंसुअल माहौल बनाने के लिए एक ऐसा माहौल बनाने पर ध्यान केंद्रित करें जो आरामदायक और इंद्रियों को उत्तेजित करने वाला हो।
सेंसुअल माहौल बनाने के कुछ टिप्स इस प्रकार हैं:
- लाइट – डिम लाइट या कैंडल लाइट अंतरंग और रोमांस के लिए अनुकूल मानी जाती है।
- संगीत– हल्का, कामुक संगीत भी मूड सेट करने में मदद कर सकता है।
- सुगंध– लैवेंडर, वेनिला और चंदन जैसी कुछ सुगंधों को कामोत्तेजक माना जाता है। हवा में सुखद और मनमोहक खुशबू पैदा करने के लिए आप आवश्यक चीज़ों का उपयोग किया जा सकता है।
- स्पर्श– मुलायम कंबल, तकिए और फर कामुक अनुभव को बढ़ा सकते हैं। अपने साथी की मालिश भी की जा सकती हैं या अन्य प्रकार के कामुक स्पर्श का भी उपयोग किया जा सकता है।
फोरप्ले का महत्व
कामसूत्र फोरप्ले को काफी महत्त्व देता है और इसे बेहतर यौन सुख के लिए ज़रूरी मानता है। फोरप्ले का मतलब सिर्फ शरीर को शारीरिक अंतरंगता के लिए तैयार करना नहीं है बल्कि भावनात्मक सम्बन्ध को गहरा करना तथा आनंद प्राप्ति को बेहतर करना है।
- डीप इंटिमेसी– फोरप्ले शारीरिक और भावनात्मक अंतरंगता के बीच दूरी को कम करता है तथा रिश्ते को मज़बूत बनाता है। फोरप्ले का दौरान की जाने वाली क्रियाएं जैसे स्पर्श और चुम्बन आदि पार्टनर्स के बीच एंटीसिपेशन और अफेक्शन पैदा करती हैं जिससे भावनात्मक रिश्ता मज़बूत होता है।
- इंटेंसिव प्लेज़र– फोरप्ले यौन क्रिया में आनंद को बढ़ाने में अहम् भूमिका निभाता है। यह arousal और सेंसिटिविटी को बढ़ता है जिसे शारीरिक अनुभव और ज़्यादा आनंददायक हो जाता है।
- भावनात्मक संबंध को बढ़ावा देना– एक संतोषजनक यौन संबंध तभी संभव है जब पार्टनर्स के बीच भावनात्मक संबंध हो। फोरप्ले के माध्यम से पार्टनर को शारीरिक क्रियाओं और मौखिक संचार दोनों तरह से अपने प्यार और इच्छा को व्यक्त किया जा सकता है।
कामुक फोरप्ले की तकनीकें
फोरप्ले का मतलब है सम्भोग से पहले होने वाली यौन गतिविधि, और इसके लिए कामसूत्र में कई तकनीक दी गयी हैं। आइये नज़र डालते हैं इनमे से कुछ पर-
- किसिंग और कर्रेंसिंग– फोरप्ले के दौरान पैशनेट किसिंग से हो सकती है और फिर एक दुसरे के शरीर के विभिन्न अंगों को एक्स्प्लोर किया जा सकता है।
- ओरल स्टिमुलेशन– ओरल स्टिमुलेशन पार्टनर्स के अंदर उत्तजेना को बढ़ा सकता है।
- सेंसुअरी चीज़ों का उपयोग– तेल, अरोमाथेरपी तथा अन्य कामोत्तेजक चीज़ों का उपयोग करके फोरप्ले के दौरान आनंद को और बढ़ाया जा सकता है।
यौन चुनौतियों से निपटना
रिश्तों में यौन चुनातियों का सामना करना आम बात है लेकिन शर्म की वजह से अक्सर लोग उनके बारे में बात नहीं कर पाते हैं। कामसूत्र के इस सेक्शन में इन्ही चुनातियों का सामना करना सिखाया गया है।
कॉमन सेक्स समस्याएं
कपल्स द्वारा फेस की जाने वाली कुछ आम सेक्स समस्याएं इस प्रकार हैं –
- परफॉरमेंस की चिंता– यह डर अक्सर पुरषों में देखने को मिलता है जिसमे वो अपने पार्टनर की संतुष्टि के अनुरूप प्रदर्शन न कर पाने से डरते हैं। इससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन और प्रीमैच्योर एजकुलेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- कामेच्छा की कमी– कुछ लोगों की सेक्स में रूचि कम हो सकती है जिसके कई कारण हो सकते हैं जैसे तनाव, अवसाद या हार्मोनल परिवर्तन।
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन– यह इरेक्शन प्राप्त करने या बनाये रखने की असमर्थता है जिसके कई कारण हो सकते हैं जैसे की ह्रदय रोग, डायबिटीज, तनाव और चितना इत्यादि।
- पेनफुल इंटरकोर्स– इसकी भी कई वजह हो सकती हैं जैसे वैजिनिस्मस, एंडोमेट्रियोसिस और पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन इत्यादि।
The Positions and Techniques of the Kamasutra (कामसूत्र की पोज़िशन्स और तकनीक)
कामसूत्र पुरषों को उनके लिंग के आकर के अनुसार तीन श्रेणी में विभाजित करता है: ख़रगोश (Hare-man), बैल (Bull-man), और घोड़ा (Horse-man) । इसी तरह, महिलाओं को उनकी योनि की गहराई के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है: मादा-हिरण (female-deer), घोड़ी (mare) या मादा-हाथी (female-elephant)।
जब पार्टनर्स की लम्बाई और गहराई समान होती है तो तीन प्रकार के मिलान होते हैं- खरगोश-पुरुष मादा-हिरण, बैल-पुरुष घोड़ी और घोड़ा-पुरुष मादा-हाथी। इस प्रकार के मिलन को समान या सामंजस्यपूर्ण माना जाता है।
जब पुरुष और महिला के आकार मेल नहीं कहते हैं, तो छ प्रकार के असमान मिलान संभव हैं। इसका मतलब है की विभिन्न आकर के पार्टनर्स भी यौन संबंध बना सकते हैं। कुल मिलाकर, आकार के आधार पर नौ तरह के समागम संभव हैं।
सेक्स पोज़िशन्स
कामसूत्र को अक्सर एक्सोटिक और इरोटिक तस्वीरों के साथ जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन यह सिर्फ चौबीस पोजीशन के बारे में बताता है, जिनमे से अधिकांश का उपयोग आसानी से किया जा सकता है। इन दी गयी पोसिशन्स में से अधिकांश ऐसी हैं जिनमे महिला पीठ के बल लेती हुई होती है और पुरुष ऊपर होता है जबकि कुछ ऐसी हैं जिनमे पुरुष पीठ के बल लेटा हुआ होता है और महिला ऊपर होती है।
कामसूत्र में दी गयी कुछ प्रमुख पोजीशनस इस प्रकार हैं -:
- मिशनरी पोजीशन: मिशनरी पोजीशन सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध पोजीशन है और इसे ‘क्लासिक’ पोजीशन कहा जाता है। इस पोजीशन में रिसीवर जोकि आम तौर पर महिला होती है अपनी पीठ के बल लेटती है और उसके पैर फैले हुए या घुटने मुड़े हुए होते हैं। पुरुष रिसीवर यानी महिला के ऊपर होता है और उसका वज़न अपनी भुजाओं पर टिका होता है। इस पोजीशन में पार्टनर्स अपने पैरों की पोजीशन चेंज करके वैरिएशंस ला सकते हैं जिसे पेनेट्रेशन और एंगल बदलने में मदद मिलती है।
- यॉनिंग पोजीशन– ये एक मैन ऑन टॉप पोजीशन है जिसमे की महिला अपनी जाँघों को ऊपर उठाकर उन्हें फैला लेती है। हालांकि इस पोजीशन में डीप पेनेट्रेशन या क्लाइटोरिस को उत्तेजित करना संभव नहीं है लेकिन ये काफी इरोटिक पोजीशन है। इस पोजीशन में महिला के जननांग प्रदिर्शित होते हैं और उसके अंदर एक हेल्पलेस्स्नेस की भावना पैदा होती है जो दोनों पार्टनर्स के अंदर उत्तेजना भर सकती है।
- लोटस पोजीशन: इस पोजीशन में पुरुष अपनी गोद में बैठी महिला के साथ क्रॉस-लेग बैठता है, और दोनों पार्टनर एक दुसरे के सामने होते हैं। कामसूत्र इस पोजीशन के कई वैरिएशंस का भी वर्णन करता है, जिसमें से एक में महिला पीछे की ओर झुक जाती है, यह पोजीशन डीप पेनेट्रेशन में सहायक होता है।
- अधिकतम प्रवेश के लिए कामसूत्र इस पोजीशन को अपनाने की सलाह देता है जो थोड़ी मुश्किल पोजीशन है। ये आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली पोजीशन नहीं है क्यूंकि इसमें काफी लचीलेपन की आवश्यकता होती है। इस पोजीशन में महिला अपने पैरों को अपने शरीर के करीब खींचती है, जिससे उसकी योनि की मांसपेशियों में तनाव पैदा होता है और ये तनाव यौन उत्तेजना और क्लाइमेक्स को बढ़ा सकता है। ऑर्गैस्म के लिए ये तनाव बनना आवश्यक है और जाँघों या नितम्बों को मोड़ने से तनाव बनने में मदद मिलती है।
- काउगर्ल पोजीशन: काउगर्ल पोजीशन जिसे वृषभा के नाम से भी जाना जाता है एक ऐसी पोजीशन है जिसमें महिला अपने पार्टनर के ऊपर होती है। इस पोजीशन में पेनेट्रेशन और स्पीड पर महिला का कण्ट्रोल होता है। इस पोजीशन में पेनेट्रेशन का एक यूनिक एंगल होता है जो दोनों पार्टनर्स के लिए काफी आनंददायक होता है।
- क्लैस्पिंग पोजीशन– इस पोजीशन में पैरोँ को खोलकर अपनी पीठ के बल लेट जाती है और पुरुष उसके ऊपर लेटता है और उसका वज़न अपने फोरआर्म्स पर होता है। क्लैस्पिंग पोजीशन लास्टिंग लव मेकिंग की जगह इमोशनल इंटिमेसी के लिए अधिक उपयुक्त कही जा सकती है क्यूंकि इसमें पेनेट्रेशन डीप नहीं होता और मूवमेंट भी रिस्ट्रिक्टेड होता है।
- डॉगी स्टाइल पोजीशन: डॉगी स्टाइल एक सेक्स पोजीशन है जिसमें पेनिट्रेट करने वाला पार्टनर (पुरुष), महिला के पीछे खड़ा होता है या घुटनों के बल बैठ जाता है। डॉगी स्टाइल की क्लासिक पोजीशन में महिला अपने दोनों हाथ के पंजे और घुटने बेड/ज़मीन पर रखती है। इस पोजीशन के भी अलग अलग वैरिएशंस हैं जिनमे महिला कड़ी होती है और सपोर्ट के लिए दीवार को पकड़कर थोड़ा झुक जाती है। एक अन्य वेरिएशन में महिला अपनी तरफ लेटती है जबकि पुरुष पीछे से प्रवेश करता है। डॉगी स्टाइल पोजीशन गहरे और इंटेंस पेनेट्रेशन में मदद करती है।
इन पोज़िशन्स के अलावा, कामसूत्र में कई अन्य यौन तकनीकों और विविधताओं का वर्णन है, जिसमें मौखिक सेक्स (Oral Sex), गुदा मैथुन (anal sex) और समूह सेक्स (group sex) शामिल हैं। यह एक पूर्ण यौन संबंध बनाने में experimentation और exploration को महत्वपूर्ण मानता है और कपल्स को अपनी इच्छाओं और preferences के बारे में खुल कर बात करने लिए प्रोत्साहित करता है।
पुरुष का महिला के प्रति कर्त्तव्य
कामसूत्र के अनुसार महिला को संतुष्ट करना एक पुरुष की ज़िम्मेदारी है और इसके लिए सम्भोग के दौरान लिंग मूवमेंट के बारे में कई सुझाव भी देता है जिनमे से कुछ इस प्रकार हैं –
- आगे बढ़ना: यह सीधे प्रवेश को दर्शाता है, जिसमे पुरुष महिला की योनि में प्रवेश करता है।
- मंथन: इसमें योनि के अंदर लिंग को रोकना और हिलाना, जिससे हलचल या मंथन की गति पैदा होती है।
- छेदना: इस तकनीक में, पुरुष ऊपर से योनि में प्रवेश करता है और क्लाइटोरिस पर दबाव डालता है, जिससे उत्तेजना बढ़ती है और आनंद प्राप्ति भी।
- दबाना: पुरुष बलपूर्वक लिंग को योनि की दीवारों पर धकेलता है, जिससे दबाव और तीव्रता की अनुभूति होती है।
- झटका देना: इसमें योनि से लिंग को निकालना और योनि क्षेत्र पर प्रहार करना जिससे एक अलग प्रकार की उत्तेजना मिलती है।
- बैल का झटका: पुरुष चरम आनंद के लिए यौनि के एक विशिष्ट क्षेत्र पर एक तरफ को लिंग से रगड़ता है।
- भालू का झटका: बैल के झटके के समान, इस तकनीक में योनि के दोनों किनारों को लिंग से रगड़ा जाता है, जिससे योनि के ज़्यादा भाग को उत्तेजना मिलती है।
- स्पोर्टिंग ऑफ द स्पैरो: इस तकनीक में लिंग को तेजी से और हल्के से योनि के अंदर और बाहर घुमाना शामिल है, जिससे फड़फड़ाहट की अनुभूति होती है।
चक्र: ऊर्जा का केंद्र
चक्र हमारे शरीर में ऊर्जा के ऐसे केंद्र हैं जो विशिष्ट तंत्रिकाओं और प्रमुख अंगों से जुड़े हुए माने जाते हैं। हमारे शरीर के सात मुख्या चक्र रीढ़ की हड्डी के बेस से लेकर उसके शीर्ष तक साथ चलते हैं। प्रत्येक चक्र हमारे अस्तित्व के एक अलग रंग, तत्व और पहलू से जुड़ा है। जब हमारे चक्र संतुलित होते हैं, तो हम खुश, स्वस्थ और पूर्ण महसूस करते हैं। लेकिन जब हमारे चक्र अवरुद्ध हो जाते हैं, तो हमें शारीरिक, भावनात्मक या आध्यात्मिक समस्याओं का अनुभव हो सकता है। ये सात चक्र इस प्रकार हैं –
- मूलाधार चक्र (मूलाधार): रीढ़ के आधार पर स्थित, यह चक्र ग्राउंडिंग, अस्तित्व और सुरक्षा से जुड़ा है।
- त्रिक चक्र (स्वाधिष्ठान): पेट के निचले हिस्से में स्थित, यह चक्र रचनात्मकता, आनंद और कामुकता से जुड़ा है।
- सौर जाल चक्र (मणिपुर): ऊपरी पेट में स्थित, यह चक्र व्यक्तिगत शक्ति, आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान से जुड़ा है।
- हृदय चक्र (अनाहत): छाती के केंद्र में स्थित, यह चक्र प्रेम, करुणा और क्षमा से जुड़ा है।
- गला चक्र (विशुद्ध): गले में स्थित, यह चक्र संचार, आत्म-अभिव्यक्ति और सच्चाई से जुड़ा है।
- तीसरी आँख चक्र (अजना): भौंहों के बीच स्थित, यह चक्र अंतर्ज्ञान, अंतर्दृष्टि और आध्यात्मिक जागृति से जुड़ा है।
- क्राउन चक्र (सहस्रार): सिर के शीर्ष पर स्थित, यह चक्र सार्वभौमिक चेतना, आत्मज्ञान और परमात्मा से संबंध से जुड़ा है।
ऐसा माना जाता है कि चक्र आपस में जुड़े हुए हैं, और जब वे सभी संतुलन में होते हैं, तो हम समग्र कल्याण की भावना का अनुभव करते हैं। हालाँकि, यदि एक या अधिक चक्र अवरुद्ध हैं, तो इससे शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक समस्याएं हो सकती हैं।
कामसूत्र में वर्णित यौन स्थितियों को कई तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है। एक आम तरीका यह है कि उन्हें उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली उत्तेजना के प्रकार या अंतरंगता के स्तर के आधार पर वर्गीकृत किया जाए।
उत्तेजना के आधार पर, हम यौन स्थितियों को निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत कर सकते हैं:
- क्लाइटरल उत्तेजना: इन स्थितियों में, महिला के भगशेफ को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से उत्तेजित किया जाता है। उदाहरणों में मिशनरी स्थिति, कुत्ते की शैली की स्थिति और महिला-ऊपर की स्थिति शामिल हैं।
- जी-स्पॉट उत्तेजना: इन स्थितियों में, महिला के जी-स्पॉट को उत्तेजित किया जाता है, जो योनि के सामने की दीवार में एक संवेदनशील क्षेत्र है। उदाहरणों में महिला-ऊपर की स्थिति, घोड़े की पीठ की स्थिति और कोबरा की स्थिति शामिल हैं।
- प्रोस्टेट उत्तेजना: इन स्थितियों में, पुरुष के प्रोस्टेट ग्रंथि को उत्तेजित किया जाता है। उदाहरणों में पीछे से प्रवेश की स्थिति, महिला-ऊपर की स्थिति और घोड़े की पीठ की स्थिति शामिल हैं।
अंतरंगता के आधार पर, हम यौन स्थितियों को निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत कर सकते हैं:
- आक्रामक: इन स्थितियों में, पुरुष एक अधिक सक्रिय भूमिका निभाता है और महिला एक अधिक निष्क्रिय भूमिका निभाती है। उदाहरणों में मिशनरी स्थिति, कुत्ते की शैली की स्थिति और पीछे से प्रवेश की स्थिति शामिल हैं।
- सहयोगी: इन स्थितियों में, पुरुष और महिला एक-दूसरे के साथ अधिक समान रूप से संलग्न होते हैं। उदाहरणों में महिला-ऊपर की स्थिति, कोबरा की स्थिति और घोड़े की पीठ की स्थिति शामिल हैं।
- रोमांटिक: इन स्थितियों में, जोड़े एक-दूसरे के साथ अधिक करीबी और अंतरंग होते हैं। उदाहरणों में फ्रांसीसी स्थिति, लोटस की स्थिति और 69 की स्थिति शामिल हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल कुछ उदाहरण हैं, और यौन स्थितियों को कई अलग-अलग तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है।
The relevance of the Kamasutra today (आज कामसूत्र की प्रासंगिकता)
कामसूत्र भले ही एक हज़ार साल पहले लिखा गया हो, लेकिन इसकी शिक्षाएँ और सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। यह हमें प्यार और रिश्तों के बारे में महत्वपूर्ण सबक सिखाता है। आइये देखते हैं की कामसूत्र आधुनिक समय में कैसे उपयोगी हो सकता है
अंतरंगता बढ़ाना
कामसूत्र कहता है की अपने रिश्ते में अंतरंगता बढ़ाने के लिए संचार, भावनात्मक संबंध और शारीरिक अंतरंगता पर ध्यान देना चाहिए।
- कम्युनिकेशन: अपने पार्टनर के साथ अपनी ज़रूरतों, इच्छाओं और कल्पनाओं के बारे में बात करें। एक-दूसरे के प्रति खुले और ईमानदार रहें।
- भावनात्मक संबंध: एक साथ समय बिताएं और अपने विचार और भावनाएं शेयर करें। सुख-दुख में एक-दूसरे का साथ दें।
- शारीरिक अंतरंगता: सेक्स के दौरान अपना समय लें और आनंद देने और प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करें। एक कामुक माहौल बनाएं और अनुभव का आनंद लें।
सेक्स पर एक सकारात्मक दृष्टिकोण
कामसूत्र सेक्स के बारे में एक पॉजिटिव दृष्टिकोण प्रदान करता है।
- वर्जनाओं पर काबू पाना– कामसूत्र एक हजार साल पहले लिखा गया था, उस समय के दौरान जब सेक्स को अक्सर गोपनीयता और शर्म से जोड़ कर देखा जाता था। लेकिन, कामसूत्र इन वर्जनाओं को चुनौती देता है और सेक्स पर एक स्वस्थ, अधिक खुले दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। यह हमें सिखाता है कि सेक्स जीवन का एक प्राकृतिक और स्वस्थ हिस्सा है, और इसमें शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है।
- शरीर की सकारात्मकता– कामसूत्र शरीर की सकारात्मकता और आत्म-स्वीकृति को भी प्रोत्साहित करता है। यह हमें सिखाता है कि सभी शरीर सुंदर और वांछनीय हैं, चाहे उनका साइज, शेप या रूप कुछ भी हो। यह आज की दुनिया में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां हम लगातार अवास्तविक सौंदर्य मानकों से घिरे रहते हैं।
- फीयरलेस एक्सप्लोरेशन– कामसूत्र बिना किसी डर के यौन अन्वेषण (sexual exploration) की वकालत करता है। यह हमें विभिन्न स्थितियों, तकनीकों और कल्पनाओं के साथ प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इससे हमें अपने और अपने पार्टनर के बारे में अधिक जानने और अधिक संतोषजनक यौन अनुभव बनाने में मदद मिल सकती है।
आपसी सुख को प्राथमिकता देना
कामसूत्र हमें सिखाता है कि सेक्स दोनों पार्टनर्स के लिए आनंददायक होना चाहिए। आपसी आनंद पर ध्यान केंद्रित करके, हम एक अधिक संतुलित और संतुष्टिदायक यौन सम्बन्ध बना सकते हैं, और अपने पार्टनर के साथ अपने भावनात्मक बंधन को मजबूत कर सकते हैं।
- पारस्परिक पूर्ति– कामसूत्र यौन संबंधों में आपसी आनंद के महत्व पर जोर देता है। यह हमें सिखाता है कि सेक्स दोनों पार्टनर्स के लिए आनंददायक होना चाहिए, और हमें समान रूप से आनंद देने और प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अधिक संतुलित और संतुष्टिदायक यौन अनुभव बनाने में मदद करता है।
- बंधनों को मजबूत करना– जब हम आपसी आनंद को प्राथमिकता देते हैं, तो हमारे पार्टनर के साथ हमारा भावनात्मक बंधन भी मजबूत होता हैं। सेक्स किसी के साथ गहरे स्तर पर जुड़ने का एक शक्तिशाली तरीका है, और जब हम आनंद देने और प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम अधिक प्यार, पोषित और स्वीकृत महसूस करते हैं। इससे एक मजबूत और अधिक स्थायी रिश्ता बनाने में मदद मिल सकती है।
बेहतर कम्युनिकेशन
कामसूत्र हमें अपनी इच्छाओं और सीमाओं के बारे में अपने पार्टनर के साथ खुलकर और ईमानदारी से संवाद करना और उनकी सहमति का सम्मान करना सिखाता है। स्वस्थ और संतुष्टिदायक यौन संबंध बनाने के लिए यह आवश्यक है।
- खुलापन और ईमानदारी– कामसूत्र हमें सिखाता है कि स्वस्थ यौन संबंधों के लिए संचार आवश्यक है। यह हमें अपनी इच्छाओं और सीमाओं के बारे में अपने पार्टनर के साथ खुला और ईमानदार होने के लिए प्रोत्साहित करता है। इससे हमें ग़लतफ़हमियों और झगड़ों से बचने में मदद मिल सकती है।
- सहमति और सीमाएँ– कामसूत्र सहमति और सीमाओं के महत्व पर भी जोर देता है। यह हमें अपने साझेदारों की सीमाओं का सम्मान करना और किसी भी यौन गतिविधि में शामिल होने से पहले उनकी सहमति लेना सिखाता है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दोनों भागीदारों के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक वातावरण बनाने में मदद करता है।
कामसूत्र में दी गयी बातों का पालन करके, दोनों पार्टनर्स अधिक सुरक्षित, अधिक आरामदायक और अधिक संतुष्टिदायक यौन अनुभव बना सकते हैं।
Criticisms and Controversies Surrounding the Kamasutra (निष्कर्ष)
वैसे तो कामसूत्र, प्रेम और कामुकता पर एक लोकप्रिय प्राचीन ग्रंथ है जो लंबे समय से आकर्षण और चर्चा का विषय रहा है। इस के बावजूद भी यह आलोचनाओं और विवादों से बचा नहीं है। इसके कुछ प्रमुख आलोचनाएं और विवाद आगे दिए गए हैं।
- सेक्सुअल ओब्जेक्टिफिकेशन– कुछ आलोचकों का कहना है की कामसूत्र यौन वस्तुकरण को बढ़ावा देता है विशेषकर महिलाओं को यौन वस्तु के रूप में प्रस्तुत करता है।
- होमोफोबिया और ट्रांसफोबिया– कामसूत्र की आलोचना इसके होमोफोबिक और ट्रांस्फोबिक कंटेंट के लिए भी होती है। इसमें ऐसे अंश शामिल हैं जो समलैंगिकता की निंदा करते हैं।
- जातिवाद और स्त्री द्वेष– कामसूत्र की आलोचना इसमें दी गयी जातिवादी और स्त्रीद्वेषी सामग्री के लिए भी होती है। इसके कुछ अंश ऐसे हैं जो प्राचीन भारत के सामाजिक ढाँचे के अनुरूप हैं जिसमे उच्च जातियों के लोगों को निचली जाती के लोगों की तुलना में अधिक अधिकार प्राप्त थे। कामसूत्र में ऐसे अंश भी हैं जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा को नज़रअंदाज करते हैं।
- पुरुष-केंद्रित फोकस– कामसूत्र के आलोचकों का यह भी कहना है की इसे पुरुषों को ध्यान में रखकर लिखा गया है इसलिए इसमें इस पर अधिक ध्यान दिया गया है पुरुष और उनके लिए क्या आनंददायक है बजाय इसके की महिलाएं क्या चाहती हैं और आनंद आता है। आलोचक यह भी कहते हैं की कामसूत्र महिलाओं को पुरषों की तुलना में कम महत्वपूर्ण मानता है।
- पारम्परिक लिंग भूमिकाएं (Traditional Gender Roles)– कामसूत्र बहुत समय पहले लिखा गया था, और यह उस समय की पारंपरिक लिंग भूमिकाओं को दर्शाता है। ये भूमिकाएँ आज लिंग के बारे में हमारी सोच से भिन्न हो सकती हैं।
- सांस्कृतिक संवेदनाएँ (Cultural Sensitivities)– अक्सर इस बात बहस होती है कि कामसूत्र शैक्षिक सेटिंग्स के लिए उपयुक्त है या नहीं। कुछ लोगों का मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पाठ है जिसे स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए, जबकि अन्य का मानना है कि यह युवाओं के लिए बहुत एक्सप्लिसिट है।
कामसूत्र को पढ़ते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है की ये आज से लगभग एक हज़ार पहले लिखा गया था और उस समय का सामाजिक परिवेश काफी भिन्न था। यह भी ध्यान देना आवश्यक है की इसमें दी गयी सभी बातें सभी लोगों को पसंद न आएं।
कामसूत्र ऐसे लोगों के वैल्युएबल रिसोर्स का काम कर सकता है जो अपनी सेक्सुअलिटी को एक्स्प्लोर करना चाहते हैं और अपने वैवाहिक जीवन और अपने यौन जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं। इसे पढ़ते समय इसकी लिमिटेशंस को ध्यान में रखना भी आवश्यक है।
Conclusion (निष्कर्ष)
तो दोस्तों ये थी Kamasutra Book Summary in Hindi
दोस्तों, कामसूत्र एक बहुत ही आकर्षक सब्जेक्ट है, और इसे एक छोटे ब्लॉग पोस्ट में समराइज़ करना कठिन है। फिर भी हमने इस बुक के कुछ प्रमुख विषयों और विचारों को आपने सामने रखने का प्रयास किया है।
कामसूत्र अपने समय का एक उत्पाद है, और यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि पुस्तक के कुछ विचार आधुनिक मानकों के अनुसार पुराने या आक्रामक माने जा सकते हैं। हालाँकि, यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पुस्तक है, और यह हमें मानवीय कामुकता, रिश्तों और प्रेम के बारे में बहुत कुछ सिखा सकती है।
आपको कामसूत्र को स्वयं पढ़ना चाहिए। यह एक ऐसी किताब है जिसमें हर किसी के लिए कुछ न कुछ है, चाहे उनकी उम्र, लिंग या यौन रुझान कुछ भी हो।
दोस्तों, हमें आशा है की आपको आज की ये समरी पसंद आयी होगी। इसे अन्य लोगों के साथ भी शेयर करें जिससे वो भी इसका लाभ उठा सकें। हमेशा की तरह हमें आपके फीडबैक का इंतज़ार रहेगा जिसे आप फीडबैक सेक्शन में शेयर कर सकते हैं।
पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
कामसूत्र पुस्तक का सारांश क्या है?
कामसूत्र पुस्तक भारतीय संस्कृति में संबंधों और सेक्सुअलिटी के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करने वाली एक प्राचीन पुस्तक है। इस पुस्तक में संबंधों के अलग-अलग आयामों जैसे कि स्नेह, भावना, शारीरिक सम्बन्ध और आकर्षण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। यह पुस्तक एक विवरण प्रस्तुत करती है जिसमें कुछ विशेष सेक्स पोजीशंस वर्णित हैं। इस पुस्तक का सारांश यह है कि यह संबंधों, सेक्सुअलिटी, और भावनाओं के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करती है।
स्त्री और पुरुष के संभोग में कितनी कलाएं होती है?
कामसूत्र में कई प्रकार की कलाएं और तकनीकें वर्णित हैं जो संभोग के समय उपयोग में लाई जा सकती हैं। इस पुस्तक में लगभग 69 पोजीशंस वर्णित हैं जो स्त्री और पुरुष दोनों को अधिक संतुष्टि प्रदान करते हैं। कुछ प्रसिद्ध कलाएं हैं – मिश्रित, समापन, रम्य, उत्तान, नागलिंग, सहजोल्लास, अवांतर, शिखर, उत्कण्ठित, संश्लेष, विराज, शालिनी, उत्तापान, अश्वशाकुनि आदि।
इसके अलावा, कामसूत्र में अन्य संभोग संबंधी कलाओं के बारे में भी बताया गया है जो संभोग के अवसर पर पारंपरिक तरीकों से उपयोग में लाए जाते थे, जैसे कि सुहाग-रात की रस्म, स्त्री को संतुष्ट करने के तरीके, शरीर के अंगों की संवेदनशीलता के बारे में जानकारी आदि।
आलिंगन कितने प्रकार के होते है?
कामसूत्र में अलग-अलग प्रकार के आलिंगनों का वर्णन है। यह पांच प्रकार के होते हैं:
1. समान आलिंगन (समान शैली): इसमें दोनों साथ होते हैं और एक ही गति से आगे बढ़ते हैं।
2. विशेष आलिंगन (विशेष शैली): इसमें दोनों में से एक व्यक्ति ऊपर उठा हुआ होता है जो दूसरे व्यक्ति के ऊपर जा बैठता है।
3. संकुचित आलिंगन (संकुचित शैली): इसमें दोनों साथ होते हैं, लेकिन एक व्यक्ति दूसरे के ऊपर नहीं जा सकता है।
4. विस्तृत आलिंगन (विस्तृत शैली): इसमें एक व्यक्ति दूसरे के ऊपर लेट जाता है और दूसरा व्यक्ति उसके ऊपर जा बैठता है।
5. मिश्रित आलिंगन (मिश्रित शैली): इसमें एक से अधिक आलिंगन के तत्व होते हैं जो एक साथ मिश्रित होते हैं।
यह सभी प्रकार के आलिंगन हो सकते हैं लेकिन आमतौर पर समान आलिंगन, विशेष आलिंगन, और संकुचित आलिंगन सबसे अधिक उपयोग किए जाते हैं।
64 कला कौन कौन सी है?
कामसूत्र में कुल 64 कलाओं का वर्णन है। ये कलाएं शरीर, बुद्धि और आत्मा को संतुष्ट करने के लिए हैं। टॉप 10 इस प्रकार हैं:
1. सम्प्रेक्षण (Samprekshan)
2. अञ्गलागण (Angalagan)
3. उद्वेग (Udveg)
4. अनुशंसा (Anushansa)
5. उपाय (Upay)
6. संग्रह (Samgraha)
7. साधुसंग (Sadhusang)
8. व्यापार (Vyapar)
9. संगति (Sangati)
10. साम्य (Samy)
स्त्री को जोश कब आता है?
कुछ स्त्रियों को संभोग से पहले जोश आता है, कुछ स्त्रियों को संभोग के दौरान आता है, और कुछ स्त्रियों को संभोग के बाद भी आता है। इसका अर्थ है कि स्त्री के जोश के आने जाने के समय और प्रकार को समझा जाना चाहिए ताकि संभोग का अधिक से अधिक मजा लिया जा सके। इसके लिए संभोग के दौरान संचार का महत्वपूर्ण रोल होता है।
स्त्री कितनी देर में चढ़ती है?
किसी स्त्री के संभोग में चढ़ने का समय उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। स्त्री की चौंकाने वाली स्थिति जैसे कि उत्तेजना, उत्सुकता या वातावरण उसके संभोग के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इसलिए, स्त्री की चढ़ाई का समय विभिन्न हो सकता है। यह कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक हो सकता है।
आलिंगन आपको क्या बताता है?
आलिंगन उन संभोगी कलाओं में से एक है जिसमें संभोग करते समय दो व्यक्तियों की शारीरिक संबंध बनाए रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न ढंगों का वर्णन करता है। इसमें एक संभोगी दूसरे के ऊपर लेट जाता है या बैठ जाता है और फिर उनके शारीर को एक दूसरे के साथ मेल करते हुए आपस में शारीरिक संबंध बनाया जाता है।
मनुष्य की कला कितनी है?
कामसूत्र में मनुष्य की 64 कलाओं का उल्लेख है।
16 कला कौन कौन सी है?
कामसूत्र में 16 कलाओं का विवरण दिया गया है, जिनमें से कुछ हैं:
1. चुम्बन कला – चुंबन देने की कला
2. अंगुलिप्रेक्षा कला – अंगुलियों से दूर से देखकर चुंबन करने की कला
3. सम्प्रेक्षा कला – दृष्टि संबंधी कला
4. उपजिह्वा कला – जीभ के बारे में कला
5. कुचक्र कला – स्तनों के आकार और उन्हें छूने की कला
6. अभ्यङ्ग कला – सम्बन्ध बढ़ाने की कला
7. कांशुक कला – किसी वस्तु या द्रव्य को देखकर जोश बढ़ाने की कला
8. नाभि कला – नाभि से सम्बंधित कला
9. ताड़न कला – ताड़न करने की कला
10. विक्रीडित कला – उत्तेजित करने की कला
11. विवेक कला – सम्बन्ध के समय बुद्धि लगाकर कार्य करने की कला
12. अधर स्पर्श कला – होंठों से संबंधित कला
13. सम्भोग कला – संबंध के समय अपने मन को शांत करने की कला
14. सम्भोग संयोग कला – संबंध के समय सम्बन्ध बनाए रखने की कला
15. व्यवसाय कला – संबंध को व्यवसाय की तरह लेने की कला
16. वीभक कला – वीर्य को बाहर करने की कला।
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