The Almanack of Naval Ravikant Summary in Hindi: 4 Ways to Empower Your Life

The Almanack Of Naval Ravikant Summary in Hindi
The Almanack Of Naval Ravikant Summary in Hindi

Table of Contents

Introduction- The Almanack Of Naval Ravikant Summary in Hindi (परिचय)

हेलो दोस्तों, स्वागत है आपका The Almanack of Naval Ravikant Summary in Hindi में।

दोस्तों, “The Almanack of Naval Ravikant” नवल रविकांत द्वारा किये गए ट्वीट्स और पोडकास्टस और बातचीत पर आधारित एक बुक है जिसे बुक के ऑथर एरिक जोर्गेनसन ने अपने शब्दों में हमारे सामने रखा है।

बुक को इसकी प्रैक्टिकल एडवाइस और थॉट प्रोवोकिंग कमेंटरी के लिए काफी सराहा गया है। और ये बुक एंट्रेप्रेन्योरशिप, पर्सनल डेवलपमेंट, या फिलॉसॉफी में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक मस्ट रीड बुक है।

यह बुक बिजनेस, निवेश, दर्शन, और आध्यात्मिकता जैसे कई विषयों पर नवल की सोच के बारे में हमें बताती है। बुक को इसकी व्यावहारिक सलाह और विचारोत्तेजक टिप्पणियों के लिए बहुत सराहा गया है

The Almanac of Naval Ravikant Summary in Hindi_Timeline of Naval Ravikant
The Almanac of Naval Ravikant Summary in Hindi_Timeline of Naval Ravikant

नवल रविकांत एक उद्यमी, निवेशक, और लेखक हैं, जिन्होंने सिलिकॉन वैली में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने एंजेललिस्ट नामक एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की सह-स्थापना की, जो स्टार्टअप को निवेशकों से जोड़ता है। उन्होंने ट्विटर, उबर, और यमर सहित 100 से अधिक कंपनियों में भी निवेश किया है।

रविकांत वेल्थ क्रिएशन, पर्सनल डेवलपमेंट, और हैप्पीनेस पर अपनी व्यावहारिक और दार्शनिक टिप्पणियों के लिए भी जाने जाते हैं।

वे 1974 में भारत में पैदा हुए थे, और नौ साल की उम्र में अपने परिवार के साथ अमेरिका चले गए। उन्होंने डार्टमाउथ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, और बाद में लॉ स्कूल छोड़ दिया ताकि वे टेक्नोलॉजी में अपना करियर बना सकें। रविकांत को कई प्रकाशनों में जगह मिली है, जिसमें द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉल स्ट्रीट जर्नल, और फोर्ब्स शामिल हैं। वह कई लोकप्रिय पॉडकास्ट के मेहमान भी रहे हैं।

तो आइये बिना और समय व्यतीत किये शुरू करते हैं – The Almanack of Naval Ravikant Summary in Hindi ।

Building Wealth (पैसा बनाना)

The Almanack of Naval Ravikant Summary in Hindi
The Almanack of Naval Ravikant Summary in Hindi

पैसा सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं बनता

नवल रविकांत कहते हैं की पैसा सिर्फ लगातार मेहनत करने से नहीं बनाया जाता। ऐसा नहीं है की कड़ी मेहनत मायने नहीं रखती, लेकिन मेहनत को सही चीज़ों और सही दिशा में करने की ज़रुरत होती है। वह कहते हैं की किसी रेस्टोरेंट में 80 घंटे काम करने से कोई अमीर नहीं बनता है।

Making money is not a thing you do—it’s a skill you learn.

Naval Ravikant

ट्रू वेल्थ समझ से आती है

नवल के अनुसार, वेल्थ के लिए ज्ञान (Knowledge), रणनीति (Strategy) और अवसर (Opportunity) आवश्यकता होती है। इसका मतलब है की आपको ये पता होना चाहिए की क्या करना है, किसके साथ करना है और कब करना है। ये समझने में थोड़ा समय और प्रयास लग सकता है, लेकिन ये एक ऐसा कौशल है जिसे हर कोई विकसित कर सकता है।

Seek wealth, not money or status. Wealth is having assets that earn while you sleep. Money is how we transfer time and wealth. Status is your place in the social hierarchy.

Naval Ravikant

अपने रास्ते को जानें

नवल का सुझाव है की किसी भी काम को आँखें मूँद कर शुरू करने से पहले हमें अच्छी तरह सोचना और समझना चाहिए। हमें ये पता लगाना चाहिए की हम किस काम में विशिष्ट रूप से अच्छे हैं। उस काम के बाजार में अवसर मौजूद हैं या नहीं? अपनी वास्तविक क्षमता को पहचानने के बाद किये गए प्रयास ही वेल्थ क्रिएशन में मददगार साबित हो सकते हैं।

Ignore people playing status games. They gain status by attacking people playing wealth creation games.

Naval Ravikant

अनुभव और सिद्धांतों से सीखें

नवल अपने बचपन के ट्वीटस्टॉर्म पर प्रकाश डालते हैं जिन्हे 30 वर्षों के अपने अनुभव से उन्होंने इन्हे refine किया। उनके सिद्धांत के अनुसार वेल्थ क्रिएशन के लिए लिवरेज पॉइंट ढूंढना आवश्यक है। वह मानते हैं की इन सिद्धांतों को समझकर और कड़ी मेहनत करके एक दशक के भीतर सफ़लता मिल सकती है।

नवल मानते हैं की वेल्थ क्रिएशन एक ऐसा कौशल है जिसे सीखा और विकसित किया जा सकता है। यह तभी संभव है जब हम अपनी नॉलेज को सही जगह, सही समय और सही स्ट्रेटेजी के साथ अप्लाई करें। हालाँकि कड़ी मेहनत आवश्यक है, लेकिन यह समझ (Understanding) और दिशा (Direction) है जो वास्तव में वित्तीय सफलता का द्वार खोलती है।

You’re not going to get rich renting out your time. You must own equity—a piece of a business—to gain your financial freedom.

ख़ुद को उत्पादित (Productize) करें

ख़ुद को एक उत्पाद (Product) के रूप में देखें जिसे आप बना रहे हैं। आपके पास आपके पास अद्वितीय कौशल, ज्ञान और व्यक्तित्व है। लेकिन सफल होने के लिए, आपको उन शक्तियों को पैकेज करने और उनका लाभ उठाने की आवश्यकता है (“उत्पादन”)।

एक ऐसी सेवा या उत्पाद बनाने की कल्पना करें जो आपकी अद्वितीय प्रतिभा को प्रदर्शित करती हो, कुशलता से (कोड, मीडिया आदि के साथ) प्रदर्शित करती हो, और इसकी सफलता के लिए आपको जवाबदेह बनाती हो। “स्वयं को उत्पादित करें” का यही अर्थ है।

नवल कहते हैं की ख़ुद से नीचे दिए गए 2 सवाल पूछकर हम वेल्थ क्रिएशन का अपना रास्ता ढूंढ सकते हैं-

  • क्या ये वास्तव में मैं हूँ? क्या मैं वास्तव में अपनी शक्ति (Strengths) और पैशन का उपयोग कर रहा/रही हूँ?
  • क्या मैं अपने आप को प्रभावी ढंग से उत्पादित कर रहा हूँ? क्या मैं अधिक लोगों तक पहुंचने और धन का निर्माण करने के लिए अपनी पेशकश का दायरा बढ़ा सकता हूं?

इसके साथ साथ ये याद रखना भी आवश्यक है की ये कोई क्विक फिक्स सॉलूशन नहीं है। अपनी यूनिक वैल्यू प्रोपोज़िशन (USP) को समझने में और इसे सर्वोत्तम तरीक़े से उत्पादित करने में वर्षों लग सकते हैं। लेकिन ऑथेंटिसिटी, scalability, और एकाउंटेबिलिटी के माध्यम से आप सफ़लता का एक स्थाई रास्ता बना सकते हैं।

You will get rich by giving society what it wants but does not yet know how to get. At scale.

वेल्थ और पैसे के बीच अंतर

The Almanac of Naval Ravikant Summary in Hindi-Money Vs Wealth
The Almanac of Naval Ravikant Summary in Hindi-Money Vs Wealth

पैसा एक टोकन की तरह है। हम उसका उपयोग चीज़ों को खरीदने के लिए करते हैं, लेकिन अपने आप में इसकी कोई वैल्यू नहीं होती (पैसे की कोई intrinsic value नहीं होती है)।

वहीँ दूसरी ओर वेल्थ एक मशीन की तरह होती है जो तब भी पैसा बना रही होती है जब आप काम नहीं कर रहे होते हैं। वेल्थ कोई बिज़नेस हो सकता है, एसेट्स जैसे की कमर्शियल प्रॉपर्टी या किराये पे दिया हुआ घर हो सकता है या फिर कोई कंप्यूटर प्रोग्राम जो ऑटोमेटिकली चलता है।

पैसे और वेल्थ के बीच मुख्य अंतर इस प्रकार हैं-

  • पैसा एक प्रकार की सामाजिक ऋण प्रणाली (Social Credit System) है। इसका उपयोग हम एक दुसरे का time और effort खरीदने बेचने के लिए करते हैं।
  • वेल्थ किसी ऐसी चीज़ को बनाकर मिलती है जिसे समाज चाहता है लेकिन ये नहीं जानता के उसे कैसे बनाया जाए। ये स्मार्टफोन जैसी नयी टेक्नोलॉजी से लेकर किसी बड़ी समस्या का समाधान करने वाली सेवा तक कुछ भी हो सकता है।
  • वेल्थ बनाने के लिए ये आवश्यक है की आप ऐसी चीज़ ढूंढें।बनाएं जिसे आप लम्बे समय तक बना सकते हों। आपको वेल्थ बनाने के लिए एक बड़ी ऑडियंस तक पहुँच बनानी होगी।

दोस्तों, ये याद रखिये की पैसे इकट्ठे करने से वेल्थ नहीं बनती। वेल्थ बनाने के लिए आपको कोई वैल्युएबल चीज़ बनानी होगी और उसे समाज के साथ शेयर करना होगा जिससे आप दोनों लाभ कमा सकें।

Specific knowledge is knowledge you cannot be trained for. If society can train you, it can train someone else and replace you.

अपना विशिष्ट ज्ञान (specific knowledge) ढूंढें और बनाएं

विशिष्ट ज्ञान (Specific Knowledge) आपका ऐसा अद्वितीय कौशल है जिसमे आपको उत्कृष्टता प्राप्त है। ये कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे क्लासरूम में सीखा जा सके, बल्कि यह आपकी प्राकृतिक प्रतिभा, आपके पैशन और जीवन के अनुभव से मिलता है। विशिष्ट ज्ञान के कुछ उद्दाहरण इस प्रकार हैं-

  • सेल्स स्किल्स (आप एक स्वाभाविक पर्सुएडेर हैं)
  • म्यूजिकल टैलेंट ऑब्सेसिव क्यूरोसिटी और क्विक लर्निंग
  • विज्ञान या खेल जैसे विशिष्ट क्षेत्रों के प्रति जुनून
  • अच्छी कम्युनिकेशन और नेटवर्किंग स्किल्स

विशिष्ट ज्ञान क्यों ज़रूरी है?

आपके विशिष्ट क्षेत्र में आपका कोई मुक़ाबला नहीं कर सकता है। अपने विशिष्ट ज्ञान का लाभ उठाकर आप ख़ुद को औरों से अलग कर सकते हैं और सफलता के द्वार खोल सकते हैं। अपना “niche” ढूंढें अर्थात ऐसा काम करें जिसमे आप स्वाभाविक रूप से अच्छे हैं और जिस काम के लिए आपके अंदर पैशन भी है। ऐसा करके आपको सिर्फ संतोष ही नहीं मिलेगा बल्कि ये वेल्थ क्रिएशन की कुंजी है। अपने अद्वितीय कौशल और ज्ञान को साझा करके, आप दूसरों को लिए वैल्यू क्रिएट कर सकते हैं और अपने गोल्स को हासिल कर सकते हैं।

इसे कैसे ढूंढें?

  • अपने बचपन और टीनएज वाले दिनों को याद करके ये पता लगाने की कोशिश करें की आप स्वाभाविक रूप से किस काम में अच्छे थे ? ऐसा क्या काम था जिसे आप आसानी से कर सकते थे।
  • दूसरों की प्रशंसा और टिप्पणियों पर ध्यान दें। आपके दोस्तों, परिवार या यहां तक कि अजनबियों ने भी आपकी अद्वितीय प्रतिभा पर ध्यान दिया होगा।
  • अपनी जिज्ञासा और पैशन को फॉलो करें। नए क्षेत्रों को एक्स्प्लोर करें और देखें की किस काम को करने में आपको आनंद आता है।
  • एक्सपेरिमेंट करने से न डरें। नई नई चीज़ें ट्राई करें, फेलियर से न दरें और अपने अनुभव से सीखकर आगे बढ़ें।

याद रखें

  • विशिष्ट ज्ञान हमेशा स्पष्ट नहीं होता है। यह आपकी रोजमर्रा की आदतों या शौक में छिपा हो सकता है।
  • ख़ुद को निखारने पर ध्यान दें, न की दूसरों की नक़ल करने पर। ऑथेंटिसिटी ही आपका गुप्त हथियार है।
  • इंटरनेट ने बहुत से रास्ते खोल दिए हैं। यहाँ आप आप अपना करियर बना सकते हैं और ऑनलाइन खुद को विशिष्ट रूप से अभिव्यक्त कर सकते हैं।
  • जीवन में हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहें, जिज्ञासु बनें, परिवर्तन को अपनाएँ और अपने ज्ञान का विस्तार करते रहें।

जवाबदेही लें

अमीर बनने के लिए अक्सर लिवरेज लेना पड़ता पता है और बेहतर परिणामों के लिए लेबर, पैसा यानी कैपिटल, कोड और मीडिया इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन लोगों को ये चीज़ें दिलवाना (जैसा की आपको काम पर रखना या फिर आपके विचार में निवेश करना) के लिए विश्वसनीयता (Credibility) की आवश्यकता होती है।

ज़िम्मेदारी लेकर आप विश्वसनीयता बना सकते हैं। और यह तभी संभव है जब आप अपनी सफलताओं के साथ साथ अपनी असफलताओं की भी ज़िम्मेदारी लें। ये थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन इसके कई फायदे हैं-

  • आपको सफ़लता का श्रेय मिलता है। लोग आप पर न सिर्फ ज़्यादा विश्वास करते हैं बल्कि आप साथ काम करने के भी इच्छुक होते हैं।
  • अपनी असफलताओं की ज़िम्मेदारी लेकर आप अपनी गलतियों से सीख कर आगे बढ़ सकते हैं।
  • आपको पावर और प्रभाव दोनों मिलता है। दुनिया ऐसे लोगों को ज़्यादा पसंद करती है जो रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं और अपने निर्णयों पर अडिग रहते हैं।

ऑथर इसका एक उद्दाहरण पेश करते हुए कहते हैं की जब नवल ने अपनी फिलोसॉफी और साइकोलॉजी के बारे में लोगों के सामने बोलना शुरू कर किया तो लोगों ने कहा की इससे नवल के करियर को नुकसान पहुंचेगा। लेकिन नवल ने रिस्क लेकर और खुद के प्रति ईमानदार रहकर, नवल ने पहले से ज़्यादा इज़्ज़त पायी और अपना प्रभाव क़ायम किया।

इसलिए ज़िम्मेदारी लें। व्यवसाय में कॅल्क्युलेटेड रिस्क लें और अपना नाम कमाएँ।

साथ ही साथ ये भी याद रखिये की-

  • जोखिम लेने का मतलब लापरवाह होना नहीं है। अपनी रिसर्च कीजिये और इन्फोर्मेड निर्णय लीजिए।
  • अगर आप असफल भी होते हैं तब भी आप उससे महत्वपूर्ण सबक सीख सकते हैं और अपनी ईमानदारी की वजह से इज़्ज़त पा सकते हैं।
  • डर को अपने ऊपर हावी न होने दें। जवाबदेही के संभावित पुरस्कार जोखिमों से कहीं अधिक हैं।

व्यवसाय में इक्विटी बनाएं या खरीदें

दोस्तों अगर आप भी फाइनेंसियल फ्रीडम पाना चाहते हैं तो आपको किसी व्यवसाय के एक हिस्से (इक्विटी) का मालिक बनना पड़ेगा। ये कुछ इसी तरह है है जैसे किसी कार का मालिक होना बनाम उसे किराये पर लेकर चलाना। ठीक इसी तरह इक्विटी लेकर आपको लम्बे समय में इसका फायदा होगा।

इक्विटी क्यों ज़रूरी है ?

  • जब आप किसी की नौकरी करते हैं तो आपकी आय सीमित होती है। ज़्यादा सैलरी वाली नौकरियाँ या पेशे में भी अपना समय बेचकर पैसा कमाया जाता है। जब आप छुट्टी पर होते हैं या काम नहीं कर रहे होते हैं तब आपकी कोई इनकम नहीं होती है।
  • वहीँ व्यवसाय पैसिव इनकम कमा सकते हैं। कब आप किसी व्यवसाय के मालिक होते हैं तो ये तब भी आपके लिए कमाई कर रहा होता है जब आप काम नहीं कर रहे होते हैं और इसे ही पैसिव इनकम कहा जाता है।
  • ओनरशिप से ज़्यादा आय की संभावना होती है। बिज़नेस काफी तेज़ी से ग्रो कर सकते हैं और ग्रो करना नौकरी में संभव नहीं है और ज़्यादा ग्रोथ का मतलब है ज़्यादा प्रॉफिट।
  • सक्सेसफुल इन्वेस्टर्स कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करते हैं जिससे उन्हें कंपनी की ग्रोथ और प्रॉफिट से फ़ायदा होता है।

इक्विटी कैसे प्राप्त करें

  • अपना व्यवसाय शुरू करें क्यूंकि ये ओनरशिप का सर्वोत्तम रूप है लेकिन इसके लिए रिस्क और एफर्ट की आवश्यकता है।
  • स्टॉक्स ख़रीदें या किसी स्टार्टअप में इन्वेस्ट करें। शेयर लेकर आप भी बिज़नेस के ग्रोथ से फायदा उठा सकते हैं।
  • अगर आप किसी कंपनी में नौकरी कर रहे हैं तो आप वहां भी कंपनी के शेयर ख़रीद सकते है। कुछ कम्पनियाँ ये सुविधा प्रदान करती है।

याद रखें-

  • वेल्थ बीड करने में समय और प्रयास दोनों लगते हैं। लॉन्ग टर्म ओनरशिप की तरफ ध्यान दें न की शोर टर्म गेन पर।
  • हर बिज़नस सफल नहीं होता। इसलिए अपने इन्वेस्टमेंट निर्णय समझदारी से लें और अपने पोर्टफोलियो को डाईवर्सीफाई करें।
  • सिर्फ ओनरशिप से ही आपको वेल्थ की प्राप्ति नहीं होगी, ये फाइनेंसियल फ्रीडम हासिल करने का एक पावरफुल तरीक़ा है।
  • कौशल और ज्ञान के माध्यम से खुद में निवेश करना भी आपकी कमाई और स्वामित्व की क्षमता में योगदान देता है। भविष्य में स्वामित्व के लिए अपने विकल्पों को बढ़ाने के लिए एक मूल्यवान कौशल और नेटवर्क बनाएं।

लिवरेज की पोजीशन ढूंढें

अपनी स्किल और पैशन को पहचानें

  • अपनी बौद्धिक क्षमता का पालन करें– आपकी जिस चीज़ में रूचि है उसका पालन करें, इससे आप अपना यूनिक ज्ञान और कौशल विकसित कर सकते हैं।
  • ऐसे कौशल विकसित करें जिन्हें समाज प्रशिक्षित करना नहीं जानता– ऐसे कौशल पर ध्यान केंद्रित करें जिन्हें कॉपी करना या रीप्लेस करना मुश्किल है, इससे आप खुद को आने वाले समय के लिए मूल्यवान बना सकते हैं।
  • ऐसे प्रोडक्ट्स का फायदा उठाएं जिन्हे रेप्लिकेट करने में कोई मार्जिनल कोस्ट न हो– कोडिंग, राइटिंग और पॉडकास्टिंग जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अपने प्रयासों को बेहतर बनाने के लिए करें। इससे आपको दूसरों की और किसी और के पैसे की भी आवश्यकता नहीं रहेगी।

हाई लिवरेज वाला करियर चुनें

  • कोड बेस्ड पेशे– सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डाटा साइंस तथा अन्य टेक्नोलॉजी से सम्भंदित कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो हाई लिवरेज और लार्ज स्केल इम्पैक्ट प्रदान करते हैं।
  • सेल्स और मार्केटिंग– इन रोल्स में वैल्यू क्रिएशन शामिल है तथा लिवरेज के लिए कम्युनिकेशन और परसुएशन की आवश्यकता पड़ती है।
  • प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को बनाना– प्रोडक्ट्स को डिज़ाइन करना, उन्हें डेवेलोप करना और उन्हें बेचकर आप अपनी स्पेसिफिक नॉलेज और क्रिएटिविटी का लाभ उठा सकते हैं।

अपनी जवाबदेही और विशिष्ट ज्ञान बढ़ाएँ

  • श्रम-आधारित भूमिकाओं से आगे बढ़ें– ऐसी नौकरियों से बचें जहां आपका समय सीधे आउटपुट के बराबर होता है, क्योंकि ऐसी नौकरियों में लाभ बहुत सीमित होता है और ये वेल्थ क्रिएशन के लिए अनुचित होती हैं।
  • स्वामित्व और जिम्मेदारी लें– ऐसे पदों की तलाश करें जहाँ परिणामों के लिए जवाबदेही हो और जिनमें आप इनिशिएटिव ले सकते हों और समस्या का समाधान कर सकते हों।
  • अपने चुने हुए क्षेत्र में विशेषज्ञता विकसित करें– अपने क्षेत्र में एक मूल्यवान विशेषज्ञ बनने के लिए अपने कौशल को लगातार विकसित करें।

इन सिद्धांतों को याद रखें-

The Almanac of Naval Ravikant Summary in Hindi-Earn with your Mind Vs Time
The Almanac of Naval Ravikant Summary in Hindi-Earn with your Mind Vs Time
  • अपने दिमाग़ से कमाएं, टाइम बेचकर नहीं– ऐसी एक्टिविटीज़ पर फ़ोकस करें जो प्रभाव के लिए आपके ज्ञान और कौशल का उपयोग करती हैं।
  • स्वतंत्रता वाले रोल्स ढूंढें– ऐसी नौकरी की तलाश करें जहाँ आप अपने समय और आउटपुट को नियंत्रित करके अपनी एफिशिएंसी और प्रोडक्टिविटी को बढ़ा सकते हैं।
  • कैलक्युलेटेड रिस्क लें– ऐसी अवसरों की तलाश करें जहाँ कैलक्युलेटेड रिस्क लेकर आप परिणाम को अपने अनुकूल बना सकते हैं।

इन सिद्धांतों का पालन करके और अपने अद्वितीय कौशल और ज्ञान को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करके, आप उत्तोलन (leverage) की स्थिति पा सकते हैं जो आपको महत्वपूर्ण वैल्यू बनाने और अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते है।

सोचने से कमाएं, फिजिकल काम करके नहीं

नवल सुझाव देते हैं की हमें ऐसी नौकरी चुननी चाहिए जहाँ हमारा ज्ञान और अच्छा निर्णय मायने रखता हो। इससे न सिर्फ हमें स्वतंत्रता मिलती है ब्लकि हमारी प्रोडक्टिविटी का भी आउटकम पर नहीं पड़ता है। अपने कौशल में छोटे छोटे सुधार भी बड़ा परिणाम दे सकते हैं, ख़ासतौर से तब जब आप सही निर्णय ले रहे हों। वारेन बुफेट की तरह बनना चाहिए जिन्होंने बहुत कुछ सीखा, अच्छे विकल्प चुने और लोगों का भरोसा जीता जिससे उन्हें अच्छा परिणाम मिला। ज़्यादा सोचने में बर्बाद न करें, बस काम करें और अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनें।

प्रिऑरिटीज़ और फ़ोकस

वेल्थ (धन) का निर्माण

  • स्लो एंड स्टेडी विंस द रेस– ऐसी योजनाओं को भूल जाइये जो आपको जल्दी अमीर बनाने का वादा करती हैं। छोटे व्यवसायों, स्टॉक मार्किट इंवेस्टमेंट्स तथा अन्य side hustles के माध्यम से धन निर्माण पर ध्यान केंद्रित कीजिए।
  • समय ही पैसा है– अपने समय को सोने (गोल्ड) की तरह महत्व दें। समय बचाने के लिए टास्क को डेलिगेट करें और हाई वैल्यू एक्टिविटीज़ को प्राथमिकता दें।
  • अबनडेन्स माइंडसेट (प्रचुर मानसिकता)– दूसरों की सफलता से ईर्ष्या न करें।धन का निर्माण एक सकारात्मक मानसिकता अपनाकर ही संभव है और यहाँ शरीफ आप ही नहीं हर कोई जीत सकता है।

माइंडसेट

  • ख़ुद पर विश्वास रखें– धन का अनादर न करें और सकारात्मक बने रहे क्यूंकि सकारात्मक मानसिकता ही सफ़लता को आकर्षित करती है।
  • स्टेटस गेम से बचें– श्रेस्ठ महसूस करने के लिए दूसरों को नीचा न दिखाएं। जीरो सम कम्पीटीशन्स के जगह विन विन सिचुएशन पर ध्यान दें।

जीवन निर्णय

  • समझदारी से चुनें– आप कहाँ रहते हैं, कैसे लोगों के साथ रहते हैं और आप क्या करते हैं जैसे बड़े फैसले आपके जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। इन फ़ैसलों को लेते समय बुद्धिमानी दिखाएं और ऐसे फैसलों में समय निवेश करें।
  • सफ़ल लोगों के साथ रहे– अपने कौशल से दूसरों की मदद करें और सफ़ल लोगों से सीखें।
  • रिस्क लेने से न डरें– कभी कभी कोई व्यवसाय शुरू करना या कोई अन्य बोल्ड मूव अनएक्सपेक्टेड सफ़लता दिला सकती है।

ऐसा काम ढूंढें जिसमे आपका मन लगे

Evolution और काम

पहले मनुष्य एक hunter gatherer के रूप में खुद के लिए काम करता था। उसके बाद विभिन प्रकार के रेवोलुशन्स आये जैसे एग्रीकल्चर रेवोलुशन (कृषि क्रांति) और इंडस्ट्रियल रेवोलुशन (औद्योगिक क्रांति) जिनसे hierarchy की शुरुआत हुई और लोग ख़ुद के बजाये दूसरों के लिए काम करने लगे। आजकल इंटेरेंट की दुनिया में एक बार फिर से लोगों के लिए ये रास्ता खोल दिया है की वो ख़ुद के लिए काम कर सकते हों।

पैसे से ज़्यादा ज़रूरी पैशन

नवल मानते हैं की पैसा कमाने से ज़्यादा महत्व प्रॉब्लम सॉल्विंग को देते हैं और कहते हैं की ये एक ऐसी स्किल है जो जीवन के हर क्षेत्र में काम आती है और पैसे को तो आकर्षित करती ही करती है। वह यह भी कहते हैं की जीवन में हम विभिन्न ‘गेम्स’ खेलते हैं जैसे की स्कूल, सोशल, पैसा और स्टेटस गेम।

रिटायरमेंट क्या है

नवल के अनुसार रिटायरमेंट जीवन की वह स्टेज है जब आप अपने फ्यूचर गोल्स के लिए अपने आज का त्याग करना बंद कर देते हैं। यह हर दिन को पूरी तरह से जीने का नाम है।

रिटायरमेंट के रास्ते

  • पैसिव इनकम के ज़रिये फाइनेंसियल फ्रीडम हासिल करें।
  • अपने खर्चों को शून्य कर दें।
  • पैसे की चिंता किया बिना किसी ऐसी चीज़ में व्यस्त रहे जिसे करना आपको पसंद हो।

ऑथेंटिसिटी और कम्पटीशन

नवल कहते हैं की ऐसे काम में प्रमाणिक (authentic) बनकर जो आपको पसंद हो, आप प्रतिस्पर्धा (competition) से बच सकते हैं। अपने पैशन का उपयोग सामाजिक ज़रूरतों को पूरा करने से भी आप लाभ कमा सकते हैं।

खेल की तरह काम करें

नवल कहते हैं की अगर आप ऐसा काम करेंगे जिसके प्रति आप पैशनेट हैं तो आपको व्यवसाय न सिर्फ एक खेल की तरह लगेगा बल्कि इससे आप कम्पटीशन को भी नगण्य बना सकते हैं।

पैसे के पीछे भागने के नुकसान

लगातार ज़्यादा पैसे की इच्छा रखने हानिकारक हो सकता है। जब आप अपनी जीवनशैली को अपग्रेड करते हैं तो इसके बनाये रखने आपको अधिक पैसे की ज़रुरत होती है।

फ्रीडम की वैल्यू

फ्रीडम यानी स्वतंत्रता नवल की सबसे पसंदीदा वैल्यू है। वह कहते हैं की पैसे को सिर्फ उतना महत्व देना चाहिए जितना की वह आपको स्वतंत्र रहने की अनुमति दे, अगर पैसा आपकी स्वतंत्रता को सीमित करता है तो वह बेकार है।

भाग्यशाली कैसे बनें

दोस्तों, नवल कहते हैं की ब्लाइंड लक जैसी कोई चीज़ नहीं होती है। वह सफ़ल होने और अवसरों को अट्रैक्ट करने के लिए कुछ सुझाव देते हैं जो इस प्रकार हैं-

  • एक्टिव रहे– नवल का सुझाव है की एक्टिव रहें, ऊर्जावान रहे और अपने लिए अवसर पैदा करें। वह कहते हैं की ये की ये बर्तन को हिलाने जैसा है, जितना आप उसे हिलाते हैं आपको उसमे कुछ न कुछ मिल जाता है।
  • अपनी कला में महारत हासिल करें– आप जो करते हैं उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश कीजिये। जब आपकी किस्मत चमकेगी तो आप पाने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बन जायेंगे।
  • अपना ब्रांड बनाएं– एक अद्वितीय चरित्र और प्रतिष्ठा विकसित करें। ख़ुद को विश्वसनीय बनाकर आप लोगों को भरोसा जीत सकते हैं और उनके साथ व्यापर करके अपना ब्रांड बना सकते हैं। वारेन बुफे इसका एक बेहतरीन उद्दाहरण हैं।
  • कनेक्शंस पर नहीं, बल्कि क्राफ्ट पर ध्यान दें– जबरन नेटवर्किंग के बजाय कुछ दिलचस्प बनाएं। लोग स्वाभाविक रूप से आपको आपके कौशल और मूल्य के लिए ढूंढेंगे।
  • चौकस रहें– उन संभावित अवसरों पर ध्यान दें जो दूसरे चूक जाते हैं।
  • शेखी बघारने वालों से सावधान रहें– उन लोगों से सावधान रहें जो ईमानदारी के बारे में बहुत अधिक बात करते हैं। सच्चे मूल्य कार्यों के माध्यम से दिखते हैं।
  • अपनी सत्यनिष्ठा की रक्षा करें– ऐसे कार्यों से बचें जिनके लिए आपको पछताना पड़े। स्वाभिमान सबसे ज्यादा मायने रखता है।

याद रखें, कि “भाग्य” सिर्फ एक छोटी सी भूमिका निभाता है, ऊपर दिए गए सुझाव आपकी सफलता की संभावनाएँ बढ़ाती हैं। अपने कौशल, चरित्र और मूल्य का निर्माण करें – इस तरह आप अपनी किस्मत खुद बनाते हैं और मौके पर भरोसा किए बिना अमीर बनते हैं!

धैर्य रखें

सफलता के लिए समय की आवश्यकता होती है, इसमें कोई जादू नहीं चलता है।

  • प्रतिभाशाली, समर्पित लोग अंततः सफल होते हैं। यह किसी पहाड़ पर चढ़ने की तरह ही है, जिसमे प्रयास और समय लगता है।
  • विकास पर ध्यान दें, तत्काल परिणाम पर नहीं। यात्रा का आनंद लें और सीखते रहें, फिनिश लाइन के प्रति ऑब्सेस्स न रहे।
  • घंटे मत गिनें, प्रगति गिनें। अगर आपने घड़ी की जगह अपने कौशल पर नज़र रखी तो आप वहाँ पहुँच जाओगे जहाँ पोहंचना चाहते हो।
  • कड़ी मेहनत चरित्र और अर्थ का निर्माण करती है। सच्ची संतुष्टि प्रयास और उपलब्धि से आती है, शॉर्टकट से नहीं।
  • वित्तीय सुरक्षा मदद करती है, लेकिन खुशी भीतर से आती है। पैसा बाधाओं को दूर कर सकता है, लेकिन यह कोई जादुई जवाब नहीं है।

याद रखें, सफलता एक मैराथन है, तेज़ दौड़ नहीं। धैर्य रखें, बढ़ते रहें और चढ़ाई का आनंद लें!

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The Almanack of Naval Ravikant Summary in Hindi
The Almanack of Naval Ravikant Summary in Hindi

अमीर बनना और मेहनत करना

  • अमीर बनने के लिए ये आवश्यक है की आप ट्रेंडसेटर बनें तथा टेक्नोलॉजी, डिज़ाइन और आर्ट जैसी चीज़ों में महारत हासिल करें।
  • अमर बनने के लिए आपको सिर्फ पैसे बचाने की आवश्यकता नहीं है, इसके लिए आपको अपना समय भी बचाना होगा जिससे आप उस बचे हुए समय का उपयोग पैसे बनाने के लिए कर सकें।
  • आधुनिक अर्थव्यवस्था में, कड़ी मेहनत से ज़्यादा जजमेंट मायने रखता है।

“The more desire I have for something to work out a certain way, the less likely I am to see the truth.”

Eric Jorgenson

जजमेंट की परिभाषा

विजडम एक सुपर पावरफुल दूरबीन की तरह है, जो यह देखने में आपकी मदद करता है की आपके निर्णय का भविष्य में क्या प्रभाव पड़ेगा। बेहतर निर्णय लेने के लिए इस तरह से प्राप्त ज्ञान का उपयोग करने को जजमेंट कहते हैं।

ये कुछ आने वाले समय की लोकप्रिय चीज़ों पर दांव लगाने की तरह है, जिसमे अगर आपने सही चीज़ को चुन लिया तो आप सफल हो सकते हैं। लिवरेज के साथ सिर्फ एक अच्छा निर्णय लेने से बड़े लाभ हो सकते हैं।

“A happy person isn’t someone who’s happy all the time. It’s someone who effortlessly interprets events in such a way that they don’t lose their innate peace.”

Eric Jorgenson

स्पष्ट सोचना

कल्पना को भूलकर, बुनियादी बातों पर ध्यान केंद्रित करें। एक ‘स्पष्ट विचारक’ बनना ‘स्मार्ट’ बनने से कहीं ज़्यादा बेहतर है। आइये जानते हैं क्यों-

  • मजबूत नींव मायने रखती है– वास्तविक ज्ञान एक घर बनाने जैसा है – फैंसी सजावट करने से पहले आपको एक ठोस आधार (बुनियाद) की आवश्यकता होती है। पहले आवश्यक चीज़ों पर महारत हासिल करें, वे हमेशा मौजूद रहेंगी।
  • सरल शक्तिशाली है– क्या आप किसी बच्चे को कोई मुश्किल चीज़ समझा सकते हैं? यदि हां, तो आप एक स्पष्ट विचारक हैं! इसका मतलब है कि आप वास्तव में मूल को समझते हैं, न कि केवल याद किए गए शब्दजाल को।
  • कम अधिक है– उन्नत अवधारणाओं के चक्रव्यूह में मत खो जाओ। वे अक्सर अप्रमाणित होते हैं या जटिल होते हैं। बुनियादी बातों पर महारत हासिल करने पर ध्यान दें – वे लंबे समय में और अधिक दरवाजे खोलेंगे।

याद रखें, स्पष्ट सोच का मतलब सब कुछ जानना नहीं है। इसका मतलब है मूल सिद्धांतों को गहराई से समझना और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने में सक्षम होना। इसलिए बिल्डर बनें, डेकोरेटर नहीं!

वास्तविकता से निबटना

  • कल्पना कीजिये की आपने रोज़ कलर का चश्मा पहना हुआ है। इस चश्मे से दुनिया की हर चीज़ रोज़ी लगती है लेकिन ये वास्तविक नहीं है। स्पष्ट सोच का मतलब है इस चश्मे की बिना दुनिया को उसकी वास्तविकता के अनुरूप देखना, भले ही वे कितनी भी कड़वी क्यों न हों।
  • जीवन में कष्ट उस कड़वी गोली के समान है जिसे कोई पसंद नहीं करता लेकिन ये कष्ट आपको उस सच्चाई का सामना करने मजबूर करता है जिसे आप शायद अनदेखा कर रहे हैं। वास्तिविकता को अपनाएं क्यूंकि इससे आपको बेहतर विकल्प चुनने में मदद मिलेगी।
  • अहंकार और इच्छाएँ कोहरे के समान हैं। वे आपकी दृष्टि को धुंधला कर देते हैं और स्पष्ट रूप से देखना कठिन बना देते हैं। विनम्र बनें, अपना अहंकार एक तरफ रखें और सच्चाई को सामने आने दें।

ख़ाली जगह बनाना

  • जैसे एक बग़ीचे को बढ़ने के लिए ख़ाली जगह की आवश्यकता होती है ठीक वैसे ही आपके मस्तिष्क को सोचने के लिए शांत समय की आवश्यकता होती है। इसलिए अपने दिन के शेडूल में कुछ ऐसा ‘ख़ाली समय’ निर्धारित करें जहाँ आप डिस्ट्रैक्शन से मुक्त हों।
  • बोरियत कोई बुरी चीज़ नहीं है, यह रचनात्मकता के लिए एक चिंगारी के रूप में कार्य करती है। जब आप व्यस्त नहीं होते हैं, तो आपके दिमाग़ को कुछ नया और अनोखा सोचने के लिए समय मिलता है। इसलिए बोर होने के लिए समय निकालें, और यह आपको आश्चर्यचकित करने वाले परिणाम दे सकता है।
  • अपनी भावनाओं को अपनी सोच पर हावी न होने दें क्यूंकि भावनाएं समुद्र के लहरों की तरह हैं जो लगातार बदलती रहती हैं। स्मार्टनेस केवल भावनाओं से नहीं, बल्कि तथ्यों के आधार पर स्वतंत्र रूप से सोचने से आती है।

विपरीत सोच (Contrarian Thinking)

  • एक कंट्रेरियन (विरोधाभासी) एक अकेले भेड़िये की तरह है, जो झुंड का अनुसरण करने के बजाय अपने बारे में सोचता है। वे धारणाओं पर सवाल उठाते हैं और अपने स्वयं के समाधान लेकर आते हैं।
  • ऑप्टिमिस्टिक कॉन्ट्रैरिअन्स (आशावादी विरोधाभासी) सबसे दुर्लभ रत्न हैं। वे अलग तरह से सोचते हैं, लेकिन सकारात्मक भी रहते हैं और अच्छी चीजों में विश्वास करते हैं। ऐसे लोग दुनिया को बदलने की शक्ति रखते हैं।
  • निंदकवाद और नकल करना आसान है, लेकिन सच्चे कॉन्ट्रैरिअन्स स्पेशल होते हैं। वे भीड़ से अलग दिखते हैं, जो उन्हें मूल्यवान और दुर्लभ बनाता है। अपने लिए सोचें, सकारात्मक रहें, और हो सकता है कि आप उनमें से एक हों!

वास्तविकता देखने के लिए अपनी पहचान त्यागें

The Almanac of Naval Ravikant Summary in Hindi- Building Judgement
The Almanac of Naval Ravikant Summary in Hindi- Building Judgement

हमारे जीवन के प्रारंभिक वर्ष हमारी मान्यताओं और आदतों को आकर देते हैं और यहीं से हमारे ‘ego (अहंकार)’ का जन्म होता है जो हमारा मार्गदर्शन करता है। हम दुनिया को इस अहंकार के अनुकूल बनाने की कोशिश करते हैं और ऐसा करने के लिए हम वास्तविकता से भी दूर हो जाते हैं। चीजों को स्पष्ट रूप से देखने और बढ़ने के लिए, हमें खुद से ईमानदारी से सवाल करने की जरूरत है।

अपने ऑटोपायलट को चुनौती दें –

  • आदतें– क्या आपकी आदतें वाकई सहायक हैं या सिर्फ ऑटो पायलट रूटीन हैं। अपनी आदतों का समय समय पर मूल्यांकन करते रहें।
  • मान्यताएं– लेबल या मान्यताओं को आँख बंद करके स्वीकार न करें। अपनी मान्यताओं का नए सिरे से विश्लेषण करें।

अनुरूपता से नहीं, आलोचनात्मक ढंग से सोचें:

  • Preconceived ideas (पूर्वकल्पित विचार)– अपनी धारणाओं और पूर्वाग्रहों पर सवाल उठाएं। अपने लिए नए दृष्टिकोण विकसित करें।
  • पैकेज्ड मान्यताएँ– “रूढ़िवादी” या “खाने के शौकीन” जैसी पूर्व-निर्धारित पहचानों के बहकावे में आने से बचें।

परिवर्तन और आत्म-खोज को अपनाएं-

  • वास्तविकता को स्वीकार करें– दुख हमें दुनिया को वैसे ही स्वीकार करना सिखा सकता है जैसे वह है, न कि जैसा हम चाहते हैं वैसा।
  • अपने जीवन को नया स्वरूप दें– जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म अपडेट होते हैं, वैसे ही हमारे व्यक्तित्व, करियर और यहां तक कि विश्वास भी विकसित हो सकते हैं। परिवर्तन को अपनाएं और कठोर संरचनाओं से बचें।

दोस्तों, इस सब का मतलब यह नहीं है की आप भावनाहीन हो जाएँ बल्कि इसका मतलब है की आप खुले विचारों वाला, लचीला और लगातार सीखते रहने वाला व्यक्ति बनें। आत्म-धारणाओं को सीमित करके और हर चीज़ पर सवाल उठाकर, हम अधिक प्रामाणिकता से जी सकते हैं और ये पता कर सकते हैं कि हम वास्तव में कौन हैं।

निर्णय लेने का कौशल सीखें

दोस्तों, हमारा जीवन एक खेल की तरह है जहाँ हमारे द्वारा चुना गया प्रत्येक विकल्प एक ऐसा कदम है जो हमारी प्रगति को निर्धारित करता है। जीत के लिए, हमें निर्णय लेने वाली महाशक्तियों की आवश्यकता है।

  • लॉन्ग टर्म सोचें– तत्काल संतुष्टि के लिए समझौता न करें। ऐसे कार्य चुनें जो आपके लिए एक बेहतर कल का निर्माण कर सकें, न की सिर्फ आपको टेम्पररी रिवॉर्ड दें।
  • ख़ुद को चैलेंज करें– ऑटो-पायलट को बंद करके अपनी धारणाओं और मान्यताओं पर सवाल उठाएं। ख़ुद के प्रति पूरे ईमानदार रहें।
  • मेन्टल शॉर्टकट बनाएं– ऐसी टिप्स और ट्रिक्स सीखें जो स्मार्ट निर्णय लेने में आपकी सहायता कर सकें। ये टिप्स और ट्रिक्स आपकी डिसिशन मेकिंग टूलकिट की तरह कार्य करेंगे।
  • पूरी तरह से ईमानदार रहें– हमेशा सच बोलें और वास्तविकता का डटकर सामना करें। इस स्पष्टता से बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।
  • मुद्दे पर ध्यान दें, व्यक्ति पर नहीं– फीडबैक देते समय, समस्या पर ध्यान दें, न की व्यक्ति पर। व्यक्तियों द्वारा किये गए विशिष्ट कार्यों की प्रशंसा करें और तुलना न करें। इससे चीजें उत्पादक बनी रहती हैं और किसी की भावनाओं को आहात होने से बचा जा सकता है।
  • अपने मन की बात खुलकर कहें– ईमानदार कम्युनिकेशन का अभ्यास करें, भले ही यह असुविधाजनक हो। आप दयालु और सकारात्मक रहते हुए भी सच्चे हो सकते हैं।
  • निर्णयों में महारत हासिल करने से लाभ मिलता है– जितना बेहतर आप चुनेंगे, उतना ही आगे बढ़ेंगे। निर्णय लेने में छोटे-छोटे सुधार भी आपके जीवन पर भारी प्रभाव डाल सकते हैं।
  • ज्ञान आपके रास्ते को आसान बनाता है– जितना अधिक आप सीखेंगे, आपकी दिशा उतनी ही स्पष्ट हो जाएगी। आपको कम विविधता लाने की आवश्यकता होगी क्योंकि आपको ठीक-ठीक पता होगा कि आप कहाँ जा रहे हैं।

दोस्तों, अगर आप एक बेहतर जीवन जीना चाहते हैं तो आपको अपने अंदर डिसिशन मेकिंग स्किल्स डेवेलप करनी होंगी। ऊपर दी गयी टिप्स का अभ्यास करें, ख़ुद को हमेशा इम्प्रूव करने की कोशिश करें और अपने द्वारा चुने गए हर बुद्धिमान विकल्प से अपने जीवन को बदलते हुए देखें!

मानसिक मॉडल एकत्रित करें

आपका मस्तिष्क एक प्रेडिक्शन मशीन की तरह है और अच्छे निर्णय अच्छी भविष्यवाणी से आते हैं। लेकिन सिर्फ और सिर्फ पुराने अनुभवों के आधार पर आगे नहीं बढ़ा जा सकता। आगे बढ़ने के लिए एक ऐसा रिलाएबल फ्रेमवर्क चाहिए जिससे आने वाले रास्ते को स्पष्टता से देखा जा सके।

यहाँ पर मेन्टल मॉडल्स काम में आते हैं जो ऐसी सिद्ध सिद्धांत और कॉन्सेप्ट्स हैं जो ये समझने में मदद करती हैं की दुनिया कैसे काम करती है और इस सब के बीच बेहतर निर्णय कैसे लिया जाए। मेन्टल मॉडल्स हमारी डिसिशन मेकिंग टूलकिट की तरह है, जहाँ प्रत्येक मॉडल विशिष्ट स्थितियों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है।

अपने आर्सेनल में जोड़ने के लिए नीचे कुछ मॉडल्स दिए गए हैं-

  • एवोलूशन और गेम थ्योरी– इससे आपको ये समझने में मदद मिलेगी की लोग कैसे व्यव्हार और इंटरैक्ट करते हैं। इसकी सहायता से आप रिश्तों और बिज़नेस को आगे बढ़ा सकते हैं।
  • अर्थशास्त्र और आपूर्ति (Supply) एवं मांग (Demand)– इससे आप बाजारों, प्रोत्साहनों इत्यादि को समझ सकते हैं और अनुचित सौदों में फंसने से बच सकते हैं।
  • चक्रवृद्धि ब्याज– यह स्नोबॉल प्रभाव छोटे प्रयासों को महत्वपूर्ण दीर्घकालिक लाभ में बदल देता है, चाहे वह व्यवसाय, शिक्षा या धन निर्माण में हो।
  • बुनियादी गणित, संभाव्यता (Probability)और सांख्यिकी (Statistics)– संख्याओं से डरें नहीं, उन्हें सहयोगी के रूप में अपनाएं! स्थितियों का विश्लेषण करने, सूचित निर्णय लेने और जोखिम का प्रबंधन करने के लिए उनका उपयोग करें।
  • मिथ्या भविष्यवाणियाँ और काले हंस– संभावित व्यवधानों से सावधान रहें और अप्रमाणित सिद्धांतों का शिकार होने से बचें। अप्रत्याशित घटनाओं के अस्तित्व को स्वीकार करें और उनके लिए तैयारी करें।
  • अनिश्चितता और ना कहना– अस्पष्टता का सामना होने पर दूर जाने से न डरें। दुनिया विकल्पों से भरी है, चुनने से पहले स्पष्टता की प्रतीक्षा करें।
  • अल्पकालिक दर्द, दीर्घकालिक लाभ– उन चुनौतियों से डरें नहीं जो विलंबित पुरस्कार प्रदान करती हैं। इससे मिलने वाले स्थायी लाभों के लिए कठिन यात्रा को स्वीकार करें।

दोस्तों, अपनी मानसिक मॉडल लाइब्रेरी का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है। अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप उपकरण ढूंढने के लिए पढ़ना, एक्स्प्लोर करना और प्रयोग करना जारी रखें। आपके पास जितने अधिक मॉडल होंगे, आप जीवन की जटिलताओं से निपटने और ऐसे निर्णय लेने में उतने ही बेहतर रूप से सक्षम होंगे जो सफलता और संतुष्टि की ओर ले जाते हैं।

पढ़ना नए मानसिक मॉडल प्राप्त करने का एक अत्यधिक प्रभावी तरीका है। एक किताब लें, अपना दिमाग खोलें और अपनी निर्णय लेने की महाशक्ति का निर्माण शुरू करें!

पढ़ना पसंद करना सीखें

नवल कहते हैं की पढ़ने की आदत डालना और साइंस, मैथ्स तथा फिलोसॉफी जैसे सब्जेक्ट्स की मज़बूत फाउंडेशन सफलता और अच्छे जीवन के लिए आवश्यक है।

पढ़ने के प्रति प्रेम पैदा करें-

  • वह पढ़ें जो आपको पसंद है, वह नहीं जो आपको “चाहिए”। ये एक यात्रा की तरह है, इसका आनंद लीजिये, मजबूरी में न पढ़ें।
  • पुराने दोस्तों की तरह पसंदीदा पुस्तक/आर्टिकल/ब्लॉग को दोबारा पढ़ें। कई बार पढ़ी हुई चीज़ों को दोबारा पढ़ने से नई बातें पता चलती हैं।
  • किताबें ख़त्म करने के बारे में चिंता न करें। आप स्किमिंग भी कर सकते हैं और जो चीज़ आपको प्रेरित करती है उस पर ध्यान केंद्रित करें।
  • लगातार पढ़ें, भले ही यह दिन में केवल एक से दो घंटे ही क्यों न हो। क्वांटिटी से ज़्यादा कंसिस्टेंसी मायने रखती है।

एक सॉलिड फाउंडेशन तैयार करें-

  • आप क्लासिक बुक्स से शुरू कर सकते हैं जैसे की डार्विन, एडम स्मिथ आदि, इससे आपको एक मज़बूत आधारशिला मिलेगी।
  • साइंस, मैथ्स और फिलॉसॉफी पर ध्यान दें। इन विषयों से आपको यूनिवर्सल ट्रुथ्स की जानकारी तो मिलेगी ही साथ ही साथ ये आपको सोच को भी शक्तिशाली बनाने में मदद करेंगे।
  • बुनियादी सब्जेक्ट्स जैसे की ज्योमेट्री, अरिथमेटिक, माइक्रो इकोनॉमिक्स पर पकड़ बनेइन जिससे आपके लिए भविष्य के दरवाज़े खुल सकें।

सीखी हुई बातों का उपयोग करना सीखें-

  • आप जो सीखते हैं उसे दूसरों को समझाएं। इससे समझ मजबूत होती है और आपकी पढ़ने की यात्रा अधिक फायदेमंद हो जाती है।
  • मूल और क्लासिक्स पढ़ें। कोशिश करें की स्रोत (Source) को पढ़ें, उपलब्ध व्याख्यायें कई बार सही बात हमारे सामने पेश नहीं कर पाती हैं।
  • टाइमलेस विजडम पर ध्यान दें। प्राचीन समाधान मानवीय समस्याओं का बेहतर समाधान कर सकते हैं।
  • आप जो पढ़ते हैं उसके प्रति सचेत रहें। एक बार जो विचार रोपे गए हैं, वह बने रहते हैं इसलिए बुद्धिमानी से चुनें।

दोस्तों, पढ़ना एक मैराथन की तरह है, तेज़ दौड़ नहीं। धीमी गति से पढ़ कर चीज़ों को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है। प्रेम सीखने को बढ़ावा देता है। जब आप आदी हो जाते हैं, तो ज्ञान स्वाभाविक रूप से आपके पीछे आ जाता है। इसका मतलब “शिक्षित” बनाम “अशिक्षित” सिखाना नहीं है। इसका मतलब है “पढ़ना पसंद करता है” बनाम “नहीं पढ़ता” के बीच के अंतर को समझना। सफलता के लिए पढ़ना केवल ज्ञान संचय करने के बारे में नहीं है, यह एक समृद्ध, अधिक सार्थक जीवन के बारे में है। तो एक किताब उठाएँ और पढ़ना शुरू करें।

“Earn with your mind, not your time.”

Eric Jorgenson

“The hardest thing is not doing what you want—it’s knowing what you want.”

Eric Jorgenson

Learning Happiness (खुशी सीखना)

ख़ुशी सीखा जा सकने वाला कौशल है

“If you have nothing in your life, but you have at least one person that loves you unconditionally, it’ll do wonders for your self-esteem.”

Eric Jorgenson
  • ख़ुशी एक डिफ़ॉल्ट स्तिथि है न की कोई ऐसी चीज़ जिसका लगातार पीछा किया जाए। यह हमें तब मिलती है जब किसी चीज़ के गुम होने के एहसास को दूर कर देते हैं।
  • हम इच्छाओं और अटैचमेंट के माध्यम से ख़ुद अपने लिए दुःख पैदा करते हैं। इच्छाओं की आपूर्ति निराशा को जन्म देती है, इसलिए इच्छाओं को त्यागकर आंतरिक सुख और ख़ुशी मिलती है।
  • अपने अपने वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए। अतीत और भविष्य की चिंता सिर्फ दुःख और पछतावे को जन्म देते हैं।
  • ख़ुशी सिर्फ पॉजिटिव विचारों से ही नहीं आती बल्कि ये तब भी आती है जब हम नेगेटिव विचारों को अपने पास नहीं आने देते हैं।
  • अपनी उम्मीदों को कम करके वास्तविकता को स्वीकार करें। हर चीज़ को कण्ट्रोल करने की प्रवृत्ति को छोड़कर चीज़ों को जैसी वह हैं वैसे ही स्वीकार करना सीखें।
  • ख़ुशी एक ऐसा कौशल है जिसे सीखा जा सकता है। यह अन्य कौशल जैसे की फिटनेस, न्युट्रिशन इत्यादि सीखने की तरह ही है और इसमें भी प्रयास और अभ्यास की आवश्यकता होती है, लेकिन इसका फल बहुत अच्छा होता है।
  • मैडिटेशन, फिलॉसॉफी तथा ख़ुश लोगों के साथ रहने से अपने जीवन में सुख और शांति का अनुभव मिलता है।

दोस्तों, ये ध्यान रखिये की ख़ुशी पाना कोई क्विक फिक्स सोल्युशन नहीं है। मुख्य बात ये पता लगाना है की आपके लिए चीज़ काम करती है और उससे एक बेहतर जीवन का निर्माण करना है।

“If I say I’m happy, that means I was sad at some point. If I say he’s attractive, then somebody else is unattractive. Every positive thought even has a seed of a negative thought within it and vice versa, which is why a lot of greatness in life comes out of suffering.”

Eric Jorgenson

खुश रहना एक चॉइस है

  • आप खुशी से अचानक से नहीं टकराते हैं बल्कि आप इसे एक कौशल की तरह चूज़ करते हैं और इसका अभ्यास भी करते हैं।
  • हम अक्सर अपने दिमाग को छोड़कर बाकी सब कुछ बदलने की कोशिश करते हैं, और ये भूल जाते हैं की हमारे दिमाग़ से ही वास्तविक परिवर्तन शुरू होता है।
  • जो नकारात्मक विचार और विश्वास हमें “विरासत में” मिले हैं, वे पत्थर की लकीर नहीं हैं। हम अपने शरीर की तरह अपने दिमाग को भी नया आकार दे सकते हैं।
  • वह आंतरिक आवाज़ जो न्याय करती है और चिंता करती है, वह अंतिम सत्य नहीं है। हम इसे चुनौती दे सकते हैं और नए दृष्टिकोण चुन सकते हैं।
  • अतीत में फंसे रहने का कोई फायदा नहीं है क्यूंकि यादें और लेबल आप पर बोझ डाल सकते हैं। वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करें, यहीं खुशी रहती है।

ख़ुशी वर्तमान में मिलती है

  • हम वर्तमान क्षण की सुंदरता और आनंद का अनुभव नहीं कर पाते क्यूंकि हमारा मन या तो अतीत के बारे पछताता रहता है या फिर भविष्य की कल्पनाओं में व्यस्त रहता है।
  • इसी टाइम ट्रेवल की वजह से हम सच्ची ख़ुशी से वंचित रह जाते हैं।
  • अतीत के बारे में सोचने से अनावश्यक दुःख पैदा होता है।
  • सच्चा ज्ञान “आपके विचारों के बीच की जगह” जिसे वर्तमान क्षण भी कहा जाता है, में पाया जाता है।
  • हम हर पल में मौजूद और जागरूक रहना चुन सकते हैं और हर दिन खुशी की ओर एक छोटा कदम बढ़ा सकते है।
  • शायद यह जीवन पहले से ही स्वर्ग है, लेकिन हम सोचने में इतने व्यस्त हैं कि ध्यान ही नहीं देते।

इसे इस तरह समझें-

जीवन एक स्वादिष्ट भोजन की तरह है। अगर आप डिजर्ट की चिंता कर रहे हैं या जो आपने अभी खाया है उसके लिए पछतावा कर रहे हैं, तो आप जो खा रहे हैं उसका स्वाद ख़राब कर लेते हैं। आपको ख़ुशी/संतुष्टि तभी मिलेगी जब आप कर एक बाईट का स्वाद लेकर उसका आनंद लेंगे। अतीत की खली प्लेटों और भविष्य के काल्पनिक मेनू को भूलकर आपके सामने जो स्वादिष्टता है, उस पर ध्यान दें।

दोस्तों, स्वर्ग खोजने के लिए आपको किसी पहाड़ की चोटी पर भागने की ज़रूरत नहीं है। यह पहले से ही यहाँ है, हर पल अनुभव होने की प्रतीक्षा कर रहा है। उपस्थित रहना चुनें और अभी की सुंदरता का आनंद लें। इसका यह मतलब नहीं है के आप अपने अतीत को बिलकुल भूल जाएँ या भविष्य की कोई प्लानिंग न करें, इसका मतलब है की आप एक संतुलन खोजें और अपने दिमाग को वर्तमान क्षण से दूर नहीं जाने दें, जहां सच्ची खुशी रहती है।

खुशी के लिए शांति की आवश्यकता होती है

दोस्तों, ऑथर हमें बताते हैं की सच्ची ख़ुशी के लिए हमें उसका पीछा करने की बजाये आंतरिक शांति की तलाश करनी चाहिए और यह तभी संभव है जब हम बहरी अपेक्षाओं की परवाह न करें।

  • शांति > आनंद– सच्ची खुशी आंतरिक शांति की एक शांत, स्थिर स्थिति है, न कि निरंतर खुशी या उत्साह।
  • बाहरी उद्देश्यों को त्यागें– दूसरों (समाज, परिवार, आदि) द्वारा थोपे गए लक्ष्यों का पीछा न करें। अपना खुद का आंतरिक उद्देश्य खोजें, कुछ ऐसा जो वास्तव में आपको उत्साहित करे।
  • लालसा करना बंद करें, वर्तमान में रहें– लालसा के अनुभव आपको वर्तमान से बाहर खींचते हैं। वर्तमान क्षण की appreciate करना सीखें।
  • बकबक करने वाले मन को वश में करें– हमारी निरंतर मानसिक बकबक (चिंता, नकारात्मकता) निम्न स्तर की नाखुशी पैदा करती है। इसके प्रति जागरूक रहें और इसके बजाय शांति को चुनें।
  • “नेक्स्टिंग” को शांत करें– अगली चीज़ (Next thing) और अगली चीज़ के बारे में सोचना बंद करें। यहीं और अभी का स्वाद लें।
  • कुछ न करने को अपनाएं– शांति और कुछ न करने का अभ्यास करें। शुरुआत में यह असहज लग सकता है, लेकिन यह मन को शांत करने और शांति विकसित करने में मदद करता है।
  • ख़ुशी सहज शांति है– अपने विचारों या भावनाओं से न लड़ें। अपनी आंतरिक शांति खोए बिना, तटस्थता से उनको समझना सीखें।

दोस्तों, ख़ुशी एक यात्रा है, मंजिल नहीं है। यदि आप हर समय पूर्ण शांति प्राप्त नहीं कर पाते हैं तो निराश न हों। प्रगति पर ध्यान दें, छोटी छोटी जीत का जश्न मनाएं, और आंतरिक शांति और खुशी की गहरी अनुभूति के लिए अपना रास्ता खोजने की प्रक्रिया का आनंद लें। शांति का मतलब समस्याओं को नज़रअंदाज करना या चुनौतियों से बचना नहीं है। इसका मतलब है शांत दिमाग और लचीले जज्बे के साथ उनका सामना करना।

प्रत्येक इच्छा दुःख का कारण है

दोस्तों, हम सब अपने जीवन में पैसे और फैंसी कार इत्यादि के पीछे भागते रहते हैं ये सोचकर की इन सब से हमें ख़ुशी मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं है। ये चीज़ें हमें और अधिक चाहने पर मजबूर करती हैं और वास्तव में हमें कभी खुश नहीं करतीं।

  • कुछ चाहना नाख़ुशी/दुःख के साथ एक डील साइन करने जैसा है, जिसमे हम सिर्फ तभी खुश हो पाएंगे जब हमें वो चीज़ मिलेगी जिसे हम चाहते हैं। लेकिन आमतौर पर ऐसी चाहतें पूरी नहीं होतीं।
  • इसलिए अपनी चाहतों को ध्यानपूर्वक चुनिए। काम चुनिए लेकिन ऐसी चीज़ें चुनिए जो वास्तव में आपके लिए मायने रखती हों। सिर्फ चीज़ों का ढेर लगाने पर नहीं बल्कि अंदर से बढ़ने पर ध्यान दें।
  • जीवन बहुत tricky होता है। जब आप युवा होते हैं, तो आपके पास समय और स्वास्थ्य होता है, लेकिन पैसा नहीं होता है। बाद में, आपके पास पैसा और स्वास्थ्य हो सकता है, लेकिन समय नहीं होता है। इसलिए संतुलन ढूँढना ज़रूरी है। क्षणभंगुर सुखों के लिए अपनी आंतरिक शांति का सौदा न करें।

दोस्तों याद रखिये की ख़ुशी बहरी चीज़ों में नहीं आपके खुद के अंदर पायी जाती है। इसलिए बुद्धिमानी से चुनें, उद्देश्यपूर्ण ढंग से जिएं और जीवन की यात्रा का आनंद लें!

सफलता से ख़ुशी नहीं मिलती

ऑथर के अनुसार, ख़ुशी बाहरी सफ़लता हासिल करने से नहीं मिलती, बल्कि जो कुछ भी आपके पास है उसमे संतुष्ट रहने से मिलती है। कन्फ्यूशियस से प्रेरणा लेते हुए, ऑथर यह कहते हैं की खुशी एक आंतरिक स्थिति है जो काफी हद तक बहरी परिस्थितियों से स्वतंत्र है।

ऑथर कहते हैं की सच्चे विजेता वे हैं जो सामाजिक खेलों से बहार निकलते हैं और इसका उद्दाहरण जेरज़ी ग्रेगोरेक, बुद्ध और कृष्णमूर्ति जैसे व्यक्ति हैं। ख़ुशी, जिसे शांति की उभरती हुई संपत्ति के रूप में देखा जाता है, इसे प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण होता है क्यूंकि लोग इसे अक्सर बाहरी चीज़ों में ढूंढते हैं। ऑथर मानते हैं की शांति गतिशील होती है, और इसे जीवन के बहाव के साथ बहकर तथा जीवन के परिवर्तनों को स्वीकार करके, हासिल किया जा सकता है।

ऑथर मानते हैं की, वास्तविक ख़ुशी के लिए शांति की खोज सर्वोपरि है। जब आप स्थिर और गतिशील रहकर शांति हासिल कर लेते हैं तब आप किसी भी गतिविधि में आनंद प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए आंतरिक शांति के लिए बाहरी समस्यायों की धारणा को त्यागना आवश्यक है।

ईर्ष्या ख़ुशी की दुश्मन है

ऑथर कहते हैं की जीवन उतना मुश्किल नहीं है, जितना की हम उसे बना लेते हैं। अपेक्षाओं के जाल में फंसकर हम बाहरी सत्यापन ढूंढने लगते हैं और अच्छा दिखने, पैसा कमाने और चीज़ों का मालिक बनने की दौड़ में शामिल हो जाते हैं। इस सब के बीच हम ये भूल जाते हैं की सच्ची ख़ुशी एक एकल खिलाड़ी का खेल है, जो हमारे अपने दिलों में खेला जाता है। तुलना करना और ईर्ष्या करना भूलकर अपने जीवन की अनूठी यात्रा का आनंद लीजिये और वास्तिविकता को स्वीकार करके उसे अपनाइये न की उससे दूर भागिए। वास्तविक पुरस्कार आत्म-स्वीकृति के शांत बगीचे में खिलते हैं।

ख़ुशी आदतों से बनती है

खुशी सिर्फ भाग्य नहीं है, यह एक कौशल है जिसे आप आदतों से विकसित करते हैं। ये कुछ इसी तरह है जैसे आप योग, संगीत या फिर कोई अन्य कौशल सीखते हैं। आप अच्छी आदतों के माध्यम से अपने दिमाग़ को आनंद के लिए प्रशिक्षित करते हैं। इसी तरह सच्ची ख़ुशी भी दैनिक अभ्यास से आती है।

  • अत्यधिक सोशल मीडिया, शराब और चीनी जैसी मूड खराब करने वाली चीजों से परहेज करें।
  • ध्यान, धूप और व्यायाम जैसे मूड-बूस्टर को अपनाएं।
  • सकारात्मक लोगों के बीच रहे। ऐसे दोस्त चुनें जो आपका उत्थान करें, न कि आपको नीचे खींचें।
  • सचेतनता का अभ्यास करें। वर्तमान क्षण और उसकी प्रचुरता की सराहना करना सीखें।
  • अपनी मानसिकता को प्रशिक्षित करें। सकारात्मकता की तलाश करें, आलोचना करना छोड़ें और कृतज्ञता विकसित करें।
  • यात्रा के लिए प्रतिबद्ध रहें। इसमें समय और प्रयास लगता है, लेकिन खुशी का निर्माण करना आपकी भलाई में एक सार्थक निवेश है।

दोस्तों, खुशी एक क्षणभंगुर एहसास नहीं है, यह आपके द्वारा किया गया चुनाव और एक दैनिक अभ्यास है। छोटी शुरुआत करें, अच्छी आदतें बनाएं और अपने आंतरिक आनंद के बगीचे को खिलते हुए देखें।

स्वीकृति में खुशी खोजें

The Almanac of Naval Ravikant Summary in Hindi-Easy Vs Hard Choices
The Almanac of Naval Ravikant Summary in Hindi-Easy Vs Hard Choices

ख़ुशी उस चीज़ को स्वीकार करने से आती है जिसे आप नियंत्रित नहीं कर सकते। जीवन एक बक्से की तरह है आप इसे बदलने की कोशिश कर सकते हैं या फिर इसे वैसे ही स्वीकार करें जैसे यह है। इस इच्छा में मत फंसिए कि चीजें अलग होतीं तो अच्छा होता। इसके बजाय, वर्तमान क्षण का आनंद लें, भले ही वह उत्तम न हो।

मृत्यु को एक ऐसे रिमाइंडर के रूप में याद रखें जो आपको ये याद दिलाता है की जीवन छोटा और अनमोल है, जिसे आप बदल नहीं सकते हैं, इसलिए उससे लड़ने में अपना समय बर्बाद न करें। हंसी ख़ुशी रहे, प्यार करें और जीवन के हर पल का आनंद लें।

मृत्यु को एक अनुस्मारक के रूप में सोचें कि जीवन छोटा और अनमोल है। जिसे आप बदल नहीं सकते, उससे लड़ने में इसे बर्बाद न करें। हंसें, प्यार करें और हर पल को गिनें।

याद रखिये-

  • जिसे आप नियंत्रित नहीं कर सकते उसे स्वीकार करें।
  • बुरी परिस्थितियों में भी सकारात्मकता खोजें।
  • वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करें।
  • जीवन की छोटी-छोटी चीज़ों का आनंद लें।
  • मृत्यु हमें जीवन की संक्षिप्तता की याद दिलाती है।
  • यह मुश्किल परिस्थितियों के बीच खुशी खोजने की कुंजी है।

Saving Yourself (अपने आप को सहेजना)

“Doctors won’t make you healthy. Nutritionists won’t make you slim. Teachers won’t make you smart. Gurus won’t make you calm. Mentors won’t make you rich. Trainers won’t make you fit. Ultimately, you have to take responsibility. Save yourself.”

Eric Jorgenson

अपने आप को चुनना

ऑथर कहते हैं की दूसरों के रास्ते पर चलने के दबाव से बचना चाहिए और अपने अंदर की आवाज को सुनकर ये पता लगाना चाहिए की हमें क्या उत्साहित करता है। हमारा व्यक्तित्व ही हमारी सबसे बढ़ी संपत्ति है और कोई भी इसकी नक़ल नहीं कर सकता।

  • किसी और की नक़ल करने से अच्छा है की आप अपने प्रामाणिक स्व होने पर ध्यान दें।
  • आपके अद्वितीय कौशल और इच्छाएँ आपको अमूल्य बनाती हैं। उनके उपयोग के लिए सही जगह ढूंढें।
  • दूसरों की चेकलिस्ट या निर्णयों की नकल करने से बचें और अपना रास्ता खुद बनाएं।
  • अपने पैशन को अवश्य पूरा करें। सच्ची मौलिकता उस चीज़ को अपनाने से आती है जो वास्तव में आपको प्रेरित करती है।

दोस्तों, याद रखिये की-

  • आप अनमोल हैं। अपनी अद्वितीय प्रतिभा और दृष्टिकोण की खुशी मनाएं।
  • अलग दिखने से न डरें। आपकी प्रामाणिकता ही आपको विशेष बनाती है।
  • अपना पैशन की खोज करें और उद्देश्य एवं उत्साह के साथ खुद को उसके प्रति समर्पित करें।

अपने सच्चे स्वरूप को अपनाकर और अपने जुनून को आगे बढ़ाकर, आप दुनिया में एक अद्वितीय और मूल्यवान योगदान दे सकते हैं। तो, अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनें, अपने व्यक्तित्व को चमकने दें, और जीवन को पूर्णता से जिएं!

“We constantly walk around thinking, “I need this,” or “I need that,” trapped in the web of desires. Happiness is the state when nothing is missing.”

Eric Jorgenson

अपनी देखभाल करना

ऑथर एक अच्छा जीवन जीने के लिए अपनी देखभाल करने को आवश्यक मानते हैं और निम्नलिखित पहलुओं पर विचार करने की सलाह देते हैं-

आहार (Diet)

  • प्राकृतिक और unprocessed खाद्य पदार्थों जैसे की सब्ज़ियों, फलों और लीन प्रोटीन का उपयोग करें, जो पुरापाषाणिक आहार से मिलता जुलता है।
  • चीनी और वसा (Fat) युक्त खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें क्यूंकि वे भूख और अधिक खाने को प्रेरित करते हैं।
  • मात्रा से अधिक गुणवत्ता- कैलोरी कॉन्ससियस बनने के बजाय पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें।
  • अपने शरीर की सुनें। व्यायाम को एक स्थायी आदत बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करें।

व्यायाम

  • दैनिक गतिविधि को प्राथमिकता दें। चलना, योग, या कोई भी गतिविधि जिसे आप लगातार कर सकते हैं।
  • इसे समझौता न करने योग्य बनाएं: अपनी सुबह की कसरत को एक आवश्यक अपॉइंटमेंट की तरह समझें।
  • इसके कई दीर्घकालिक लाभ हैं, जैसे की बेहतर ऊर्जा, लचीलापन और समग्र स्वास्थ्य।

जीवन शैली (Lifestyle)

  • प्रसंस्कृत (Processed) खाद्य पदार्थ का कम से कम उपयोग करें। ताजी, साबुत सामग्री चुनें।
  • सूरज की रोशनी और प्रकृति को अपनाएं। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए पैदल चलें।
  • अल्पकालिक बलिदान, दीर्घकालिक लाभ। भविष्य के लाभों के लिए स्वस्थ आदतों में निवेश करें।
  • सचेत रूप से मूल्यों का चयन करें। ऐसे निर्णय लें जो आपके समग्र कल्याण के अनुरूप हों।

दोस्तों, ख़ुद के देखभाल करने का मतलब सेल्फिश होना नहीं है, बल्कि ये आजकल की ज़रुरत है। इसे अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाकर, आप एक खुशहाल, जीवंत और पूर्ण जीवन जीने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होंगे।

ध्यान + मानसिक शक्ति

ध्यान (Meditation) के लाभ

  • ध्यान मन को शांत करता है– ध्यान करने से मन की अव्यवस्था ठीक होती है नकारात्मक विचार बहार निकलते हैं जिससे मन को शांति मिलती है।
  • जागरूकता बढ़ाता है- ध्यान करने से आत्म-अवलोकन शक्ति मिलती है, जिससे आप अनुपयोगी विचारों और भावनाओं को देख सकते हैं और उनसे अलग हो सकते हैं।
  • भावनाओं पर नियंत्रण– ध्यान हमें किसी की भावनात्मक स्थिति को प्रबंधित और नियंत्रित करने में मदद करता है।
  • फोकस और एकाग्रता को बढ़ाता है– दिमाग को वर्तमान में रहने और वर्तमान क्षण पर फोकस करने के लिए प्रशिक्षित करता है।
  • अनसुलझे मुद्दों को हल करता है– जीवन में घटित बुरी घटनाओं का सामना करने की शक्ति देता है, जिससे भावनात्मक उपचार होता है।
  • आपके सच्चे स्व से जुड़ता है– अहंकार से ऊपर उठकर, आपको अपने प्रामाणिक स्वभाव की खोज करने में मदद करता है।

विभिन्न ध्यान अभ्यास

  • चॉइस लेस जागरूकता– अपने वर्तमान अनुभव को बिना किसी पूर्वाग्रह के स्वीकार करना।
  • ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन– मन को शांत करने और रिलैक्सेशन की स्थिति में प्रवेश करने के लिए दोहराए जाने वाले मंत्रों का उपयोग करना।
  • ऑब्ज़र्वेशनल मैडिटेशन– अपने विचारों और भावनाओं पर रियेक्ट किये बिना उन्हें सावधानीपूर्वक ऑब्ज़र्व करना।
  • बैठकर ध्यान करना– शांति और आत्मनिरीक्षण के लिए समर्पित समय देना।

ध्यान में सफलता की कुंजी

  • नियमितता– स्थायी लाभ देखने के लिए लगातार अभ्यास, यहां तक कि थोड़े समय के लिए भी, महत्वपूर्ण है।
  • प्रतिबद्धता– प्रारंभिक चुनौतियों पर काबू पाने और एक मजबूत ध्यान अभ्यास विकसित करने के लिए समर्पण और धैर्य की आवश्यकता होती है।
  • व्यक्तिगत दृष्टिकोण– विभिन्न तरीकों के साथ प्रयोग करें और जो आपको सबसे अच्छा लगता है उसे अपनाएं।

ध्यान का अर्थ केवल शांत बैठना नहीं है; यह रोजमर्रा की जिंदगी में जागरूकता और समता की भावना पैदा करना सिखाता है। इसका लाभ सिर्फ व्यक्तिगत भलाई तक ही सिमित नहीं है बल्कि आपके आस-पास की दुनिया में शांति और समझ का प्रभाव पैदा करना है।

स्वयं का निर्माण करना

ऑथर कहते हैं की हम सब एक बेहतर व्यक्ति बन सकते हैं लेकिन सबसे बड़ी गलती जो हम करते हैं वो ये की पीछे मुड़कर जब हम अपने जीवन को देखते हैं है तो ये सोचने लगते हैं की काश हमने ऐसा न किया होता या फिर ग़ुस्से /भावनाओं के आवेश में बहकर काम न किया होता।

इसे कैसे बेहतर बनाएं

  • बड़ी तस्वीर देखने की कोशिश करें और छोटी छोटी बातों पर ध्यान न दें।
  • शांत और संयमित रहें– क्रोध और दोषारोपण से बचें।
  • आदतें– अच्छी आदतें बनाएं और बुरी आदतों को छोड़ दें, ये मुश्किल हो सकता है लेकिन संभव है। (अच्छी आदतें बनाने और बुरी आदतें आसानी से छोड़ने के लिए एटॉमिक हैबिट्स की हिंदी समरी पढ़ें।)
  • फिटनेस के माध्यम से शांति– स्वस्थ दिमाग के लिए व्यायाम करें और सही भोजन करें।
  • बदलाव में समय लगता है– अपने और दूसरों के प्रति धैर्य रखें।
  • सार्वजनिक रूप से प्रतिबद्धता दिखाएं– अतिरिक्त प्रेरणा के लिए लोगों को अपने लक्ष्य बताएं।
  • छोटी शुरुआत करें- अपने आप पर दबाव न डालें, छोटे कदम उठाएं।
  • अभी करें– जब भी आप मोटिवेटेड फील करें तुरंत ही उस कार्य को अंजाम दें अन्यथा समय बीतने के साथ ही मोटिवेशन भी फीका पड़ जाता है।
  • जो मायने रखता है उस पर ध्यान केंद्रित करें– उन चीजों को छोड़ दें जो आपके दीर्घकालिक लक्ष्यों में मदद नहीं करती हैं।

दोस्तों, आपके पास ख़ुद को बदलने की शक्ति है! तो आज से ही अपने आप को बेहतर बनाना शुरू करें।

ख़ुद को विकसित करना

लक्ष्य निर्धारित करने की बजाए

  • ऐसे वातावरण का निर्माण करें जहाँ आप स्वाभाविक रूप से पनपें। ये सफ़लता के लिए ख़ुद को तैयार करने जैसा है।
  • सबसे सफल व्यक्ति बनने का लक्ष्य मत रखें बल्कि न्यूनतम प्रयास के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ बनने पर ध्यान केंद्रित करें।
  • याद रखें की ‘कल’ कभी नहीं आता है, जो आप करना चाहते हैं अभी शुरुआत कीजिये।

सीखना और जिज्ञासा

  • पढ़िए। आप हो भी पढ़ना पसंद करते हैं वही पढ़िए और पढ़ने को अपनी आदत बनाइये, बहले ही कोई कॉमिक्स या रोमांटिक नावेल पढ़िए, लेकिन पढ़िए ज़रूर।
  • बेसिक मैथ्स और साइंस सीखें, ज़रूरी नहीं की आप इन सब्जेक्ट्स में महारत हासिल करें लेकिन बेसिक कॉन्सेप्ट्स अवश्य सीखिए।
  • विज्ञानं को समझ कर आप दुनिया की समझ विकसित कर सकते हैं जो की काफी मज़ेदार साबित हो सकता है।

अपने बारे में सोचिये

  • भीड़ को फॉलो न करें। ऐसी चीज़ें पढ़ें और ऐसी चीज़ों पर ध्यान दें जिसमे आपकी रूचि हो, न की जो पॉपुलर हों।
  • यूनिक रहे। जीवन में सबसे अच्छी चीजें अक्सर अपने तरीके से चलने से आती हैं।

जीवन के सबक़

  • हर किसी के पास कुछ न कुछ ऐसा होता है जिसमें वे अच्छे होते हैं, आपको बस उसे ढूंढने की जरूरत है।
  • प्रेरणा उन चीज़ों को करने से आती है जिनमें आपको आनंद आता है, न कि केवल पीसने और कष्ट सहने से।
  • पढ़ें! यह दुनिया को नेविगेट करने की एक महाशक्ति है।
  • बुनियादी गणित और अनुनय कौशल सीखें। वे काम आएंगे!

दोस्तों, इसका मक़सद आपको संपूर्ण बनाना नहीं है, बल्कि स्वयं का सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनाना है।

स्वयं को मुक्त करना

ऑथर कहते हैं की अपेक्षाओं, क्रोध और अपने मन की फुसफुसाहट से मुक्त होना ही स्वतंत्रता की कुंजी है। हम सब अपने रास्ते ख़ुद ही चुनते और बनाते रहते हैं, इसलिए खुश रहे और हर उस चीज़ को जो आपको ख़ुशी नहीं देती, अपने जीवन से निकल फेंकें।

ख़ुद को जज न करें और यदि दूसरों की ऐसी उम्मीदें हैं जिनसे आपको दुख होता है, तो यह उनकी समस्या है, आपकी नहीं। असली साहस खतरे में पड़ना नहीं है, बल्कि इस बात की परवाह न करना है कि दूसरे क्या सोचते हैं।

क्रोध हिंसा में बदल जाता है और आपसे वो करवाता है जो आप नहीं करना चाहते हैं। इसके बजाय, नियंत्रण ढूंढें. और सच्ची आज़ादी के लिए सादगी से जिएं, भले ही इसके लिए आपको कुछ भी करना पड़े। समय सबसे ज्यादा मायने रखता है, पैसा या दोस्त नहीं। इसे समझदारी से खर्च करें!

आपका दिमाग शोर मचाता है, और एक विचार से दूसरे विचार पर कूदता रहता है। इसे शांत करना सीखें और अधिक जागरूक बनें। यह एक जीवन भर की यात्रा है, जैसे एक रैट रेस, लेकिन एक समय में एक कदम उठाकर, आप मुक्त हो सकते हैं और अपना सच्चा रास्ता पा सकते हैं।

संक्षेप में, नकारात्मकता से ख़ुद को मुक्त करें, स्वयं को गले लगाएं और समय को अपना खजाना बनाएं। यही आपके अधिक प्रसन्न और अधिक प्रबुद्ध होने का मार्ग है।

Philosophy(दर्शन)

“Compound interest also happens in your reputation. If you have a sterling reputation and you keep building it for decades upon decades, people will notice. Your reputation will literally end up being thousands or tens of thousands of times more valuable than somebody else who was very talented but is not keeping the compound interest in reputation going.”

Eric Jorgenson

अतीत में रहने या भविष्य की चिंता करने के बजाये, वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करो क्योंकि यह एकमात्र ऐसी चीज है जो वास्तव में मौजूद है।

प्रेरणा क्षणभंगुर है, इसलिए इसका अधिकतम लाभ उठाने के लिए तुरंत कार्य करें।

“Explain what you learned to someone else. Teaching forces learning.”

Eric Jorgenson

Conclusion (निष्कर्ष)

तो दोस्तों ये थी The Almanack of Naval Ravikant Summary in Hindi

दोस्तों, बुक का मुख्य संदेश यही है की आप स्वयं बनकर रहें, अपने समय का बुद्धिमानी से उपयोग करें, और अपने भीतर स्वतंत्रता खोजें। यह बुक एक शानदार जीवन जीने के लिए एक मार्गदर्शिका है। इसलिए इसे पूरा अवश्य पढ़ें! पुस्तक को घर बैठे प्राप्त करने का लिंक नीचे दिया गया है।

दोस्तों, हमें आशा है की आपको ये बुक समरी पसंद आयी होगी। इसे अपने फॅमिली और फ्रेंड्स के साथ अवश्य शेयर करें और अपना वैल्युएबल फीडबैक कमैंट्स सेक्शन में शेयर करना न भूलें।
पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Is the almanack of naval ravikant worth reading?

It depends! If you seek unconventional, thought-provoking ideas on self-growth and success, go for it. But if you prefer practical guides or detailed instructions, it might not be your cup of tea.

How is the almanack of naval ravikant?

Mind-bending ideas on self-growth, but not a how-to manual. Great for curious minds, not fans of spoon-feeding.

What is Almanack?

An “almanack” is a year-round publication with astronomical data, weather forecasts, and planting charts. It’s traditionally used for practical purposes, offering insights into seasonal changes. In “The Almanack of Naval Ravikant,” it likely represents his wisdom and principles, organized in a traditional almanac format.

What is the almanack of naval books?

The Almanack of Naval Ravikant is a book by Eric Jorgenson that is based on the ideas, thoughts, and wisdom shared by Naval Ravikant, a successful entrepreneur, investor, and thinker. The book is a collection of Naval’s quotes and tweets, which have been organized and curated to provide insights on a wide range of topics such as wealth creation, happiness, success, and personal growth. The Almanack aims to distill the most valuable lessons and insights from Naval’s work and provide a roadmap for readers to improve their lives and achieve their goals.

Why is Naval Ravikant popular?

Naval Ravikant is a popular speaker known for his philosophical insights on life, happiness, and success, often focusing on mindfulness and self-awareness. With a strong entrepreneurial background, he has been featured in podcasts, interviews, and social media, particularly on Twitter. His book recommendations and spiritual approach resonate with those seeking a balanced perspective on material and spiritual well-being. Ravikant also advocates for personal growth and the development of good habits. His popularity is attributed to his relatable ideas, diverse experiences, and insights into the human condition and the pursuit of a meaningful life.

Must Read Book Summaries
(अन्य बुक समरीज़)

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