Introduction- The 5 AM Club Summary in Hindi (परिचय)
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका The 5 AM Club Summary in Hindi में।
दोस्तों, आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में हम ख़ुद को काम, परिवार तथा अन्य कमिटमेंट्स के जाल में उलझा हुआ पाते हैं और इस सब के बीच हम सुबह के महत्व को नज़रअंदाज़ कर देते हैं या फिर यूँ कहें की हमारा लाइफस्टाइल हमें इस बात की इजाज़त नहीं देता के हम सुबह जल्दी उठकर इसका लाभ उठा पाएं। शायद हमें ये पता नहीं की हम अपने दिन की शुरुआत जिस तरह करते हैं उसका हमारी प्रोडक्टिविटी पर गहरा असर पड़ता है।
एक अच्छा स्ट्रक्चर्ड मॉर्निंग रूटीन हमें उद्देश्य की भावना देने के साथ साथ हमारे बाकी दिन की टोन भी सेट करता है। सुबह का समय हम पर्सनल ग्रोथ, अपने काम तो prioritize करने और एक क्लियर तथा फोकस्ड माइंड के साथ दिन बिताने में मदद करता है।
द 5 AM क्लब एक परिवर्तनकारी फिलोसॉफी है जिसे प्रसिद्ध लेखक, वक्ता और पर्सनल ग्रोथ डेवलपमेंट एक्सपर्ट Robin Sharma ने विकसित किया है। इससे पहले वो प्रसिद्ध बुक ‘द मोंक हु सोल्ड हिज फेरारी’ भी लिख चुके हैं।
द 5 AM क्लब की फिलोसॉफी सुबह जल्दी उठकर व्यक्तिगत विकास के लिए समय निकालने पर केंद्रित है। रोज़ सुबह 5 बजे उठकर, लोग अपने फिजिकल और पर्सनल ग्रोथ के लिए समय निकाल। इस के साथ ऑथर द्वारा सुझाये गए 20/20/20 फॉर्मूले का उपयोग करके अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं।
जल्दी उठने के लाभ
ऑथर कहते हैं की 5 AM क्लब के रूटीन को अपनाने के कई लाभ हो सकते हैं जो सुबह जल्दी उठने के कही ज़्यादा हैं। इस प्रैक्टिस को अपने जीवन में अपनाकर आप कई लाभ उठा सकते हैं जिनमे से कुछ इस प्रकार हैं –
- उत्पादकता में वृद्धि- सुबह जल्दी उठने वाले लोग अक्सर सुबह के शांत, डिस्ट्रक्शंस और इंटेररपशन्स से मुक्त समय के कारण बेहतर उत्पादकता का अनुभव करते हैं।
- बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य: सुबह के समय की गयी एक्सरसाइज की वजह से बेहतर फिटनेस, बेहतर एनर्जी लेवल्स और अच्छी नींद का भी अनुभव होता है।
- बेहतर मानसिक स्पष्टता: सुबह का समय बेहतर निर्णय लेने, समस्या-समाधान और रचनात्मक सोच के लिए उत्तम माना गया है क्यूंकि इस समय आपका ध्यान इधर उदार नहीं भटकता है।
- दिन पर अधिक नियंत्रण: दिन की शुरुआत जल्दी करने से आप अपने काम को बेहतर ढंग से निपटा सकते हैं तथा हड़बड़ी से बच सकते हैं।
तो आइये बिना और समय व्यतीत किये स्टार्ट करते हैं The 5 AM Club Summary in Hindi
Understanding The 5 AM Club (जल्दी उठने का फ़ायदा)
ऑथर रोबिन शर्मा के दिमाग में द 5 AM क्लब का आईडिया बहुत से सफल लोगों को ऑब्ज़र्व करके और उनके साथ इंटरैक्ट करने के बाद आया। उन्होंने इन सभी सफल लोगों के अंदर एक कॉमन बात नोटिस की और वो ये थी के ये सभी लोग सुबह जल्दी उठते थे, और दिन की व्यस्तता में उलझने से पहले खुद के लिए समय निकालते थे
ऑथर को सुबह उठने की आदत बहुत अदभुत लगी और उन्होंने ये पता लगाने का फ़ैसला किया की क्या वजह है ये आदत सभी सफल लोगों के बीच कॉमन है। उसके बाद उन्होंने इस बुक को लिखने के लिए प्राचीन फिलोसॉफी, मॉडर्न प्रोडक्टिविटी टेक्निक्स और नींद तथा circadian rhythms पर रिसर्च की।
प्रमुख सिद्धांत
5 AM क्लब तीन मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है जो इसके परिवर्तनकारी प्रभाव की नींव हैं। ये सिद्धांत इस प्रकार हैं-
माइंडफुलनेस की पावर
5 AM क्लब के कॉन्टेक्स्ट में माइंडफुलनेस का मतलब है बिना किसी डिस्ट्रैक्शन के उस क्षण में मौजूद रहने से है। ये एक ऐसा स्टेट है जिसमे खुद के विचारों, भावनाओं और परिवेश में फंसे बिना उनके बारे में जागरूकता पैदा होती है।
सुबह के रूटीन में माइंडफुलनेस को शामिल करके कोई भी व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत क्लियर और फोकस्ड माइंड से कर सकता है। इससे उन्हें बिना किसी डिस्ट्रैक्शन के अपने काम को करने तथा सचेत निर्णय लेने में मदद मिलती है।
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माइंडफुलनेस कैसे विकसित करें
5 AM क्लब की दिनचर्या के रूप में माइंडफुलनेस को विकसित करने के लिए ऑथर मैडिटेशन, डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज या माइंडफुल जर्नलिंग जैसी चीज़ों को अपनाने का सुझाव देते हैं। इन चीज़ों के अभ्यास से दिमाग को शांत करने, भावनात्मक स्पष्टता को बढ़ावा देने और पूरे दिन के लिए एक पॉजिटिव टोन सेट करने में मदद मिलती है।
एक्सरसाइज
अपने असंख्य फिजिकल बेनिफिट्स की वजह से एक्सरसाइज 5 AM क्लब की दिनचर्या का एक अभिन्न अंग है। सुबह के समय की गयी फिजिकल एक्टिविटी, एनर्जी बूस्ट करती है, मेटाबोलिज्म को बढाती है, कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ में सुधार करने के साथ साथ मांसपेशियों और हड्डियों को मज़बूत करती है।
एक्सरसाइज का रूटीन कैसे बनाएं?
अगर आप एक्सरसाइज को अपने मॉर्निंग रूटीन में शामिल करना चाहते हैं तो छोटे छोटे और manageable गोल्स के साथ शुरुआत करें। उद्दाहरण के लिए आप छोटी वॉक या किसी छोटे योग सेशन से शुरू करके धीरे धीरे इंटेंसिटी और ड्यूरेशन बढ़ा सकते हैं।
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लाइफसेवर मॉर्निंग रूटीन
लाइफ सावेर मॉर्निंग रूटीन जिसे इसके पॉपुलर नाम 20/20/20 फार्मूला के नाम से जाना जाता है, सुबह के समय को पर्सनल ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए उपयोग करने का एक व्यावहारिक तरीक़ा है। इसमें सुबह के पहले घंटे को 20 मिनट के तीन भाग में डिवाइड किया जाता है।
- एक्सरसाइज के 20 मिनट– इस फॉर्मूले का ये हिस्सा फिजिकल एक्टिविटी के लिए डेडिकेटेड है, जो एनर्जी बूस्ट और बेहतर सर्कुलेशन के साथ दिन की शुरुआत करने में मदद करता है।
- चिंतन के 20 मिनट– ये हिस्सा चिंतन और जर्नलिंग को समर्पित है। यह अपने दिन की प्लानिंग करने, पर्सनल गोल्स पर विचार करने और कृतज्ञता विकसित करने में मददगार साबित हो सकता है।
- व्यक्तिगत विकास के 20 मिनट– 20/20/20 फॉर्मूले का ये हिस्सा सीखने और पर्सनल डेवलपमेंट के लिए है। इसमें पढ़ना, ऑडीओबुक्स सुनना, ब्लॉग पढ़ना या ऑनलाइन कोर्स किया जा सकता है।
ऑथर हमें बताते हैं की ये कोई रिजिड फार्मूला नहीं है बल्कि एक ऐसा फ्रेमवर्क है जिसे अपनी ज़रूरतों और गोल्स के मुताबिक एडजस्ट किया जा सकता है। वह कहते हैं की हमें इस फॉर्मूले के लिए विभिन्न एक्टिविटीज के साथ एक्सपेरिमेंट करना चाहिए और उसे चुनना चाहिए जो हमारे लिए बेस्ट हो।
इन तीन प्रमुख सिद्धांतों को अपने दैनिक जीवन में शामिल करके, हम सुबह जल्दी उठने की शक्ति का उपयोग कर सकते हैं और द 5 AM क्लब के ट्रांस्फॉर्मटिव इम्पैक्ट का अनुभव कर सकते हैं।
The Science Behind Early Rising (जल्दी उठने के पीछे का विज्ञान)
सिरकाडियन रिदम्स की व्याख्या
बायोलॉजिकल क्लॉक्स को समझना
हमारे शरीर के अंदर एक टाइमकीपर होता है जिसे सिरकाडियन रिदम के नाम से जाना जाता है। यह टाइमकीपर विभिन्न मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाओं जैसे सोने-उठने का क्रम, हॉर्मोन प्रोडक्शन और मेटाबोलिज्म को रेगुलेट करता है। यह नेचुरल साइकिल धरती के दिन और रात के चक्र के साथ चलती है, जो लगभग २४ घंटे का होता है।
सोने उठने के चक्र के साथ कनेक्शन
सिरकाडियन रिदम हमारे सोने उठने के चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब हम अपनी एक्टिविटीज को अपने सिरकाडियन रिदम के साथ संरेखित करते हैं तो हम स्वाभाविक रूप से रात में सोने और दिन में जागने का अनुभव करते हैं। जल्दी सोने वाले लोगों को जल्दी नींद आती है क्यूंकि उनका सिरकाडियन चक्र ऐसा ही होता है।
नेपोलियन हिल की फेमस बुक “थिंक एंड ग्रो रिच” की हिंदी समरी पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
अपनी एक्टिविटीज़ को सिरकाडियन रिदम के साथ सिंक करने के लिए ऑथर ने कुछ सुझाव दिए है जो इस प्रकार हैं-
- मॉर्निंग सनलाइट में खुद को एक्सपोज़ करें– सुबह के समय की सूर्य की रौशनी मेलाटोनिन हॉर्मोन को दबाने में मदद करती है, जो नींद को बढ़ावा देता है और शरीर को जागने का सिग्नल देता है।
- रेगुलर स्लीप शेडूल बनाएं– अपने सिरकाडियन साइकिल को रेगुलेट करने के लिए एक नियमित समय पर सोएं और एक नियमित समय पर ही उठें। और वीकेंड्स पर भी इस schedule को मेन्टेन करें।
- सोने से पहले कैफीन और शराब से बचें– कैफीन और शराब दोनों ही नींद के लिए हानिकारक हैं। कैफीन नींद नहीं आने देता और शराब नींद के पैटर्न को बाधित करती है।
मानसिक स्वस्थ्य पर प्रभाव
हार्मोनल बैलेंस
जल्दी उठने से मूड और तनाव को नियंत्रित करने वाले हार्मोन के स्राव पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सुबह की धूप सेरोटोनिन उत्पादन को बढ़ावा देती है, जो मन को खुश रखने के लिए एक न्यूरोट्रांसमीटर है।
मनोवैज्ञानिक प्रभाव
सोने जागने के प्राकृतिक समय के साथ तालमेल बिठाने से मूड को अच्छा रखने और तनाव को दूर रखने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं सुबह जल्दी उठने से पूरा दिन ऊर्जा से भरा रहता है। सुबह जल्दी उठने के मनोवैज्ञानिक प्रभाव को लेकर कई शोध किये गए हैं जिनमे पाया गया है की जल्दी उठने से लोगों के मानसिक स्वस्थ्य में फ़ायदा हुआ है। उदहारण के लिए, ‘स्लीप’ नमक जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया की देर से उठने वालों की तुलना में जल्दी उठने वाले लोगों को अवसाद यानी डिप्रेशन और चिंता का कम सामना करना पड़ता है।
बेहतर प्रोडक्टिविटी और फोकस
पीक एनर्जी टाइम्स का उपयोग
सुबह जल्दी उठने से लोगों को अपने पीक एनर्जी टाइम का उपयोग करने का अधिक समय मिलता है, जहाँ कॉग्निटिव परफॉरमेंस और प्रोडक्टिविटी नेचुरल रूप से ज़्यादा होती हैं। सुबह के इस समय का लाभ उठाकर बेहतर एफिशिएंसी और आउटपुट प्राप्त किया जा सकता है।
डिस्ट्रक्शंस में कमी
सुबह-सुबह की शांति केंद्रित कार्य या व्यक्तिगत गतिविधियों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है। कम डिस्ट्रक्शंस और रुकावटों की वजह से, लोग अधिक प्रभावी ढंग से ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और कार्यों को अधिक आसानी से पूरा कर सकते हैं। बहुत से सफल लोग अपनी बढ़ी हुई प्रोडक्टिविटी और बेहतर फोकस का श्रेय सुबह जल्दी उठने को देते हैं। उदाहरण के लिए, Apple के CEO, Tim Cook रोज़ सुबह 4:30 बजे उठते हैं।
Breaking Down The 5 AM Routine (5 AM रूटीन को समझना)
20/20/20 फार्मूला: सुबह की शुरुआत के लिए एक स्ट्रक्चर्ड एप्रोच
- एक्सरसाइज– आप अपने दिन की शुरुआत 20 मिनट की एक्सरसाइज से कर सकते हैं। ज़रूरी नहीं के आप कोई भरी भरकम एक्सरसाइज करें, आप ब्रिस्क वॉक, योगाभ्यास या और कोई आसानी से की जाने वाली एक्सरसाइज कर सकते हैं। सुबह के समय की गयी इस फिजिकल एक्टिविटी से आपके एनर्जी लेवल्स में सुधार होता है, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है साथ ही साथ आपके आने वाले दिन के लिए एक पॉजिटिव टोन भी सेट होती है।
- चिंतन– आप अपनी सुबह के 20 मिनट आत्म-चिंतन और जर्नलिंग। आप अपने गोल्स पर विचार कर सकते हैं और अपने दिन के बारे में विचार कर सकते हैं। इससे आपके अंदर आत्म-जागरूकता की भावना पैदा होगी और अपने गोल्स के बारे में भी स्पष्टता मिलेगी।
- सीखना– सुबह के रूटीन के 20 मिनट आप कुछ सीखने के लिए निर्धारित कर सकते हैं। आप बुक्स/ब्लॉग पढ़ सकते हैं, ऑडीओबुक्स सुन सकते हैं या फिर कोई ऑनलाइन कोर्स ज्वाइन कर सकते हैं। यह समय आपके कुछ नया सीखने, बौद्धिक कौशल को बढ़ावा देने और नयी स्किल्स सीखने के लिए समर्पित होना चाहिए।
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मॉर्निंग रिचुअल को डिज़ाइन करना
- पर्सनल गोल्स के अनुरूप बनाना– ऑथर कहते हैं की 5 AM रूटीन एक फ्रेमवर्क है और कोई रिजिड फार्मूला नहीं है। इसे आप अपने पर्सनल गोल्स के अनुरूप डिज़ाइन कर सकते हैं। उद्दाहरण के लिए अगर फिटनेस आपकी प्राथमिकता है तो आप एक्सरसाइज के लिए समय बढ़ा सकते हैं, इसी तरह अगर आप कुछ क्रिएटिव करना चाहते हैं तो आप अपना सीखने का समय बढ़ा सकते हैं।
- वर्क और पर्सनल लाइफ को बैलेंस करना– आपको अपने काम से रिलेटेड टास्क और पर्सनल डेवलपमेंट एक्टिविटीज के बीच एक बैलेंस बनाना होगा। वैसे तो सुबह का समय ध्यान केंद्रित कामों को करने के लिए उपयोगी हो सकता है लेकिन आपको ये भी सुनिश्चित करना होगा के आप अपनी पर्सनल ग्रोथ पर भी ध्यान दें और ऐसे काम करें जिनसे आपको ख़ुशी और संतुष्टि मिले।
Overcoming Challenges (चुनौतियों पर काबू पाना)
नींद की कमी से निबटना
सुबह जल्दी उठना शुरू में नींद की कमी का कारण बन सकता है, क्यूंकि शरीर नींद के नए रूटीन में एडजस्ट होने में थोड़ा टाइम लेता है। नींद की कमी महसूस न हो इसके लिए ऑथर ने कुछ सुझाव दिए हैं जो इस प्रकार हैं –
- धीरे धीरे परिवर्तन करें– धीरे धीरे अपने जागने के समय को रोज़ 15-30 मिनट एडजस्ट करें जब तक की आप सुबह 5 बजे उठने के अपने वंचित लक्ष्य को नहीं पा लेते। इससे आपके शरीर को अत्यधिक नींद का अनुभव किये बिना नए schedule में adapt होने का समय मिल जाता है।
- स्लीप ड्यूरेशन मेन्टेन करें– रोज़ कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेने की कोशिश करें और वीकेंड पर भी नींद का समय कम न करें। एक कंसिस्टेंट स्लीप पैटर्न आपका सिरकाडियन रिदम को रेगुलेट करने और दिन की थकान को दूर करने में मदद करती है।
- रिलैक्सिंग बेडटाइम रूटीन बनाएं– सोने से एक घंटा पहले, रौशनी कम कर दें, स्क्रीन टाइम (मोबाइल फ़ोन, टीवी, लैपटॉप इत्यादि) पर समय बीतने से बचें और कुछ शांत एक्टिविटी करें जैसे की पढ़ना या गर्म पानी से नहाना। इससे आपकी बॉडी रिलैक्स होती है और आपकी बॉडी नींद के लिए तैयार होती है।
नए रूटीन के साथ एडजस्ट करना
नए रूटीन के साथ एडजस्ट होने में थोड़ी मुश्किल होती है और इसके लिए मेहनत की आवश्यकता होती है। प्रारंभिक प्रतिरोध पर काबू पाने के लिए ऑथर ने कुछ सुझाव दिए हैं जो इस प्रकार है-
- आंतरिक मोटिवेशन को पहचाने– 5 AM रूटीन को अपने पर्सनल गोल्स और पैशन के साथ जोड़ें। जब आपको अपनी लाइफ पर इस नए रूटीन का पॉजिटिव इम्पैक्ट दिखेगा तो रूटीन को बनाये रखना आसान हो जायेगा।
- सुबह जल्दी उठने को अपनाएं– सुबह के समय को पर्सनल ग्रोथ और प्रोडक्टिविटी के अवसर के रूप में देखें। ऐसी एक्टिविटीज़ करें जो आपको पसंद हों और जिन्हे आप सुबह के समय करना चाहते हों।
- सपोर्ट ढूंढें– अपने गोल्स को अपनी फॅमिली, फ्रेंड्स या एकाउंटेबिलिटी पार्टनर के साथ शेयर करें। उनका एनकरेजमेन्ट और सपोर्ट आपको मोटिवेटेड और अपने रूटीन के साथ कमिटेड रहने में मदद कर सकता है।
कंसिस्टेंट कैसे रहे?
दोस्तों, हम जब भी कोई नया रूटीन स्टार्ट करते हैं तो हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है की इस रूटीन को कैसे बनाये रखा जाए या फिर हम कन्सिस्टेंटली इस रूटीन को कैसे फॉलो करें। इस चुनौती का सामना करने और 5 AM रूटीन के लॉन्ग टर्म बेनिफिट्स के लिए ऑथर ने कुछ स्ट्रेटेजी बताई हैं, जो इस प्रकार हैं-
- एक रात पहले तैयारी करें– सुबह पहनने वाले कपड़ों को पहले से तैयार करके रखें और ऐसा कोई भी काम जो सुबह के आपको व्याकुल कर सकता हो उसे एक रात पहले ही निबटा लें। इससे सुबह के समय की डिस्ट्रक्शंस दूर होती हैं और आपको अपने दिन की एक स्मूथ शुरुआत करने में मदद मिलती है।
- टेम्पटेशन हटाएँ– अपना फ़ोन स्विच ऑफ रखें, और अपने लैपटॉप इत्यादि को भी बंद ही रखें। इसके अलावा ऐसी कोई भी चीज़ जो आपके मॉर्निंग रूटीन में बाधा पहुंचा सकती हो उसे दूर ही रखें।
- हैबिट स्टैकिंग ट्रिगर ढूंढें– आप अपने 5 AM के रूटीन को किसी मौजूदा आदत से जोड़ सकते हैं, जैसे अपना बिस्तर तैयार करना या फिर दांत ब्रश करना। इससे नयी आदत के साथ बने रहना आसान हो जाता है।
- ख़ुद को रिवॉर्ड दें– अपनी प्रोग्रेस को ट्रैक करें और कंसिस्टेंट बनें रहने के लिए खुद को रिवॉर्ड दें। इस पॉजिटिव कदम आपके मोटिवेशन को बढ़ाएगा और कमिटेड रहने में मदद भी करेगा।
दोस्तों, आपको ये याद रखा होगा के 5 AM रूटीन एक जर्नी है, न की कोई रेस है। आपको धैर्य बनाये रखना है, रूटीन को अपनी ज़रूरतों के हिसाब से एडजस्ट करना है और इस जर्नी में हर एक अचीवमेंट को सेलिब्रेट भी करना है।
Productivity Hacks for Early Mornings (सुबह के लिए प्रोडक्टिविटी हैक्स)
दोस्तों, 5 AM क्लब में ऑथर रोबिन शर्मा ने विशेष रूप से सुबह के समय का सदुपयोग करने के लिए प्रोडक्टिविटी हैक्स दिए हैं। आइये नज़र डालते हैं की ये प्रोडक्टिविटी हैक्स क्या हैं।
टाइम ब्लॉकिंग टेक्निक्स
टाइम ब्लॉकिंग एक प्रोडक्टिविटी टेक्नीक है जिसमे अपने दिन के अलग अलग टाइम ब्लॉक्स को किसी स्पेसिफिक टास्क या काम के लिए डेडिकेट करना होता है। ये तकनीक फोकस्सड रहने, डिस्ट्रक्शंस को दूर करने और सुबह का सदुपयोग करने में हमारी मदद करती है। इस तकनीक को फॉलो करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं-
- सबसे महत्वपूर्ण कामों (मोस्ट इम्पोर्टेन्ट टास्क) को पहचानें– ऐसे सबसे महत्वपूर्ण कार्यों को पहचानें जो आपके गोल्स और सफलता में योगदान दे सकें। ये आपके MIT यानी Most Important Tasks हैं, जिन्हे सुबह के टाइम ब्लॉक्स में आपकी फोकस्सड अटेंशन मिलनी चाहिए।
- अपने एमआईटी को शेड्यूल करें– आप अपने मॉर्निंग शेड्यूल में MITs के लिए स्पेसिफिक टाइम ब्लॉक्स एलोकेट कर सकते हैं और यह सुनिश्चित करें की ये टाइम ब्लॉक्स हर तरह के डिस्ट्रक्शंस से मुक्त हों।
- गैप्स को फिल करें– एक बार जब आपके MITs शेड्यूल हो जाएँ, तो बाकी बचे समय का उपयोग अन्य कामों जैसे की ईमेल लिखना, एडमिनिस्ट्रेटिव काम करना या फिर ब्रेक लेने के लिए करें।
गोल्डन ऑवर को मैक्सीमाइज़ करना
गोल्डन ऑवर बढ़ी हुई ऊर्जा और फोकस को दर्शाता है जो अधिकांश लोगों को के लिए सुबह का समय होता है। इस प्रोडक्टिव समय का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित काम किये जा सकते हैं।
- MITs को गोल्डन ऑवर में prioritize करना– गोल्डन ऑवर के दौरान अपने सबसे ज़्यादा डिमांडिंग और ज़रूरी कामों को शेड्यूल करें क्यूंकि इस समय आपि कॉग्निटिव परफॉरमेंस सबसे अच्छी रहती है।
- डिस्ट्रक्शंस को अवॉयड कीजिये– गोल्डन ऑवर के दौरान मोबाइल नोटिफिकेशन बंद करके, लैपटॉप/कंप्यूटर इत्यादि बंद करके डिस्ट्रक्शन को जितना संभव हो सके खुद से दूर रखें और सांत वातावरण में अपना काम निबटाएं।
- प्रोडक्टिविटी टूल्स का उपयोग करें– गोल्डन ऑवर के दौरान अपनी एफिशिएंसी को बेहतर बनाने के लिए आप प्रोडक्टिविटी टूल्स जैसे की टाइम ट्रैकर्स, टू-डू लिस्ट इत्यादि का उपयोग कर सकते हैं।
टेक्नोलॉजी का सावधानीपूर्वक उपयोग
टेक्नोलॉजी को अगर सावधानीपूर्वक उपयोग किया जाए तो ये डिस्ट्रक्शन का सोर्स बनने की जगह प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में हमारी मदद कर सकती है। सुबह के समय टेक्नोलॉजी के उपयोग करने के लिए ऑथर ने कुछ टिप्स शेयर की हैं जो इस प्रकार हैं –
- टेक-मुक्त पीरियड एस्टब्लिश करें– अपने टाइम में से कुछ पीरियड्स ऐसे स्थापित करें जिसमे की आप टेक्नोलॉजी से पूरी तरह से डिस्कनेक्टेड हों, जिससे आपको अपने काम निबटाने के लिए फोकस मिल सके।
- प्रोडक्टिविटी एप्प्स का उपयोग करें– ऐसे प्रोडक्टिविटी एप्प्स जैसे टाइम मैनेजमेंट एप्प, नोट-टेकिंग एप्प या हैबिट ट्रैकर्स का उपयोग करें जो आपको आपके गोल्स तक पहुँचने में मदद करें।
- नोटिफिकेशन बंद रखें– अपने फ़ोन के ऐसे नोटिफिकेशन्स को बंद रखें जो काम करते समय आपका ध्यान भटकाएं।
- सीमाएँ निर्धारित करें– काम से सम्बंधित टेक्नोलॉजी के उपयोग और पर्सनल कामों के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग के लिए सीमा निर्धारित करें जिससे काम आपके पर्सनल टाइम को न खाये।
दोस्तों, ध्यान रखें की टेक्नोलॉजी का फायदा हम तब ही उठा पाएंगे जब हम इसे समझदारी के साथ उपयोग करेंगे अन्यथा ये हमारे मॉर्निंग रूटीन को पूरी तरह से बेकार कर सकता है।
The 5 AM Club and Physical Health (5 AM क्लब और फिजिकल हेल्थ)
5 AM क्लब शारीरिक और मानसिक स्वस्थ्य के लिए एक होलिस्टिक एप्रोच हमारे सामने रखता है क्यूंकि सुबह के समय शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही आवश्यक है।
मॉर्निंग फिटनेस
सुबह के रूटीन में शामिल किया गया एक्सरसाइज शेड्यूल के बहुत से शारीरिक फायदे हैं, जिनमे से कुछ इस प्रकार हैं-
- कैलोरी बर्निंग के लिए मेटाबोलिज्म को शुरू करना।
- एनर्जी लेवल्स को बढ़ाना।
- एक्सरसाइज स्लीप क्वालिटी को बेहतर करके गहरी और अच्छी नींद लेने में मदद करती है।
- स्ट्रेस को मैनेज करके मन को शांत करने में एक्सरसाइज महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
मानसिक स्वास्थ्य
5 AM क्लब का सुबह उठने और एक स्ट्रक्चर्ड रूटीन की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। इसके कुछ फायदे इस प्रकार हैं-
- सुबह की शांति की वजह से स्ट्रेस और एंग्जायटी दूर होती है।
- सुबह के समय नेचुरल मूड बूस्टर्स एंडोर्फिन्स रिलीज़ होते हैं जो हमारे मूड को अच्छा रखने में मदद करते हैं।
- एक स्ट्रक्चर्ड रूटीन और सेल्फ डिसिप्लिन के वजह से फोकस और क्लैरिटी बेहतर होती है।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए आहार
5 AM क्लब के फिजिकल और मेन्टल हेल्थ बेनिफिट्स का लाभ उठाने के लिए, आहार सम्बंधित निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-
- रीहाइड्रेशन और ऑप्टीमल बॉडी फंक्शन के लिए अपने दिन की शुरुआत एक गिलास पानी से करें।
- अपने ब्रेकफास्ट में प्रोटीन रिच, काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स और हेअल्थी फैट्स को शामिल करें।
- बेहतर पाचन और नुट्रिएंट अब्सॉर्प्शन के लिए माइंडफुल ईटिंग का अभ्यास करें और खाते समय भोजन का आनंद लें तथा सभी डिस्ट्रक्शंस को दूर रखें।
एंग्जायटी और स्लीप डिस्टर्बैंसेस से बचने के लिए अत्यधिक कैफीन का उपयोग न करें। - अच्छी नींद और अगले दिन को ऊर्जावान बनाने के लिए बैलेंस्ड और नुट्रिशयस डिनर को प्राथमिकता दें।
Balancing Social Life and Early Mornings (सोशल लाइफ और मॉर्निंग रूटीन को बैलेंस करना)
फ्रेंड्स और फॅमिली से बात करना
5 AM रूटीन के समन्वय बिठाने के लिए अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ कुछ संवाद आवश्यक हैं। ऑथर ने इसके लिए कुछ सुझाव दिए हैं जो इस प्रकार हैं –
- पारदर्शिता– अपने नए शेड्यल के बारे में खुल कर बात करें और उससे होने वाले फायदे के बारे में भी लोगों को बताएं।
- सीमाएँ निर्धारित करें– सामाजिक मेलजोल के लिए अपनी उपलब्धता के संबंध में स्पष्ट सीमाएँ निर्धारित करें, विशेषकर सुबह के समय।
- वैकल्पिक कम्युनिकेशन चैनल– हाल चाल जानने तथा अन्य सोशल इंटरेक्शन्स के लिए वैकल्पिक कम्युनिकेशन चैनल जैसे की टेक्स्ट मैसेज इत्यादि का उपयोग करें।
- शेड्यल कैच अप– अपने फॅमिली और फ्रेंड्स के साथ सोशल एक्टिविटी या आउटिंग्स के लिए भी समय निर्धारित और डेडिकेट करें जिससे आप उन्हें भी पर्याप्त समय दे पाएं।
रूटीन के साथ कोम्प्रोमाईज़ किये बिना सोशलाइज़ होना
दोस्तों, 5 AM रूटीन आपकी सोशल लाइफ की क़ीमत पर नहीं आना चाहिए। इन दोनों के बीच अच्छा बैलेंस बिठाने के लिए ऑथर ने कुछ सुझाव दिए हैं जो इस प्रकार हैं –
- स्ट्रेटेजिक सोशलाइज़ेशन– अपनी सोशल एक्टिविटीज़ को वीकेंड या दोपहर के बाद निर्धारित करें जिससे वो आपके मॉर्निंग रूटीन में बाधा न पहुंचा पाएँ।
- क्वांटिटी से ज़्यादा क्वालिटी– मीनिंगफुल कनेक्शंस और एंगेजिंग कन्वर्सेशन को सुपरफिशिअल इंटरेक्शनस के ऊपर प्राथमिकता दें।
- माइंडफुल सोशलाइजिंग– सामाजिक समारोहों के दौरान माइंडफुलनेस का अभ्यास करें, वर्तमान क्षण का आनंद लें और दूसरों के साथ बेहतर तरह से जुड़ने का प्रयास करें।
- सेल्फ केयर को प्राथमिकता दें– अपने आप को ज़्यादा स्ट्रेस न दें। खुद के लिए भी समय निकालें तथा ख़ुद को तरोताज़ा रखने पर भी ध्यान दें।
सोशल इवेंट्स को नेविगेट करना
5 AM के रूटीन को फॉलो करते हुए सोशल इवेंट्स को नेविगेट करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसके लिए भी ऑथर ने कुछ सुझाव दिए हैं जो की इस प्रकार हैं-
- कम्युनिकेशन और प्लानिंग– मेज़बानों को अपने 5 AM रूटीन के बारे में बताकर रखें और यथानुसार प्लानिंग करें।
- अर्ली एग्जिट स्ट्रेटेजी– दूसरों के साथ बिताए गए समय का आनंद लेने से समझौता किए बिना, समारोह से जल्दी निकलने के लिए एग्जिट स्ट्रेटेजी प्लान करके रखें।
- माइंडफुल पार्टिसिपेशन– ऐसी एक्टिविटीज़ में बिजी रहे जो आपके एनर्जी लेवल और प्राथमिकताओं के अनुरूप हों।
- सेल्फ-केयर को प्राथमिकता दें– अपनी दिनचर्या का पालन करने के लिए सामाजिक कार्यक्रमों के बाद पर्याप्त आराम और आत्म-देखभाल के लिए समय निर्धारित करें।
The 5 AM Club and Sleep Hygiene (5 AM क्लब और स्लीप हाइजीन)
क्वालिटी स्लीप का महत्व
5 AM क्लब की फिलोसॉफी नींद के महत्व को नकारता नहीं है बल्कि ये फिजिकल और मेन्टल परफॉरमेंस के लिए क्वालिटी स्लीप को प्राथमिकता देता है। पर्याप्त नींद के कुछ फ़ायदे इस प्रकार हैं-
- कॉग्निटिव फंक्शन– अच्छी नींद से कॉग्निटिव फंक्शन जैसे की मेमोरी, फोकस और डिसिशन मेकिंग बेहतर बनती है।
- फिजिकल रेस्टोरेशन– नींद से शरीर के टिश्यू को रिपेयर करने में मदद मिलती है जिसका असर फिजिकल हेल्थ पर पड़ता है।
- इमोशनल रेगुलेशन– नींद इमोशनल बैलेंस को बेहतर बनाती है और स्ट्रेस और एंग्जायटी को भी कम करती है।
- हार्मोनल रेगुलेशन– नींद ऐसे हॉर्मोन को रेगुलेट करता है जो हमारी भूख, एनर्जी लेवल और मूड इत्यादि को कण्ट्रोल करते हैं।
बेडटाइम रूटीन बनाना
सोने से पहले का एक रिचुअल बनाएं
5 AM क्लब सोने से पहले एक आरामदायक वातावरण बनाने की सलाह देता है जिससे शरीर को ये सिग्नल मिल सके के सोने का समय हो गया है और वो ख़ुद को इसके लिए तैयार कर सके। इसके लिए ऑथर ने कुछ सुझाव दिए हैं जो इस प्रकार हैं-
- रीडिंग– सोने से पहले किसी रिलैक्सिंग एक्टिविटी जैसे की रीडिंग से शरीर को शांत रखने में और शरीर को नींद के लिए तैयार करने में मदद मिलती है।
- मैडिटेशन और डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज– इन टेक्निक्स से स्ट्रेस और एंग्जायटी को कम करने में मदद मिलती है और शरीर को नींद के लिए तैयार करने में भी।
- जेंटल स्ट्रेचिंग– हलकी स्ट्रेचिंग से टेंशन को रिलीज़ करके शरीर को रिलैक्स करने में मदद मिलती है।
- सोने से पहले स्क्रीन टाइम को कम करें– ऑथर कहते हैं की सोने से 1-2 घंटे पहले स्क्रीन (टीवी, लैपटॉप, मोबाइल फ़ोन इत्यादि) का उपयोग नहीं करना चाहिए क्यूंकि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में से निकलने वाली ब्लू लाइट नींद में व्यवधान पैदा कर सकती है।
- बैलेंस हाइड्रेशन– शरीर को हाइड्रेट रखना आवश्यक है लेकिन सोते समय बार बार बाथरूम जाने से बचने के लिए सोने से पहले अत्यधिक पानी पीने से बचना चाहिए।
नींद के माहौल को अनुकूलित करें
अच्छी नींद के लिए आपके शयनकक्ष में कम रोशनी के साथ साथ शांति होनी चाहिए तथा उसका तापमान भी ऑप्टिमम होना चाहिए। अँधेरा या कम रोशनी शरीर को ये संकेत देने में मदद करता है की सोने का समय हो गया है। शयनकक्ष का तापमान भी न तो अत्यधिक गरम और न ही अत्यधिक ठंडा हो।
अनिद्रा का समाधान
अनिद्रा या सोने में कठिनाई से बचने के लिए ऑथर ने कुछ सुझाव दिए हैं जो इस प्रकार हैं-
- कॉग्निटिव बेहवियरल थेरेपी (CBT)– CBT एक ऐसी थेरेपी है जिससे नींद में व्यवधान डालने वाले विचारों को पहचाने और उन्हें दूर करने में मदद मिलती है।
- रिलैक्सेशन तकनीक– शरीर को रेगुलर फिजिकल एक्सरसाइज की आदत डालें लेकिन सोने से पहले इंटेंस वर्कआउट से बचना चाहिए जिससे सोने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
- कैफीन और अल्कोहल के सेवन से बचें– कैफीन का सेवन कम से कम करें ख़ासतौर से दोपहर बाद और शाम को, नहीं तो ये नींद में व्यवधान पैदा कर सकता है। सोने से पहले अल्कोहल के सेवन से भी बचना चाहिए क्यूंकि अल्कोहल भी नींद में व्यवधान पैदा कर सकता है।
- प्रोफेशनल मदद लें– ऊपर दिए गए सुझावों का पालन करने के बाद भी अगर अनिद्रा की समस्या का समाधान न हो किसी प्रोफेशनल से सलाह अवश्य लें।
Conclusion (निष्कर्ष)
तो दोस्तों ये थी The 5 AM Club Summary in Hindi
दोस्तों, याद रखिये की 5 AM क्लब सिर्फ सुबह जल्दी उठने के बारे में नहीं है बल्कि ये सेल्फ-डिसिप्लिन, पर्सनल डेवलपमेंट और अपने गोल्स को प्राप्त करने के लिए अटूट प्रतिबद्धता विकसित करने में है। 5 AM क्लब के सदस्य बनकर आप भी अपनी वास्तविक क्षमता को उजागर कर सकते हैं और अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में सफ़लता प्राप्त कर सकते हैं।
दोस्तों, अगर आपको ये बुक समरी पसंद आयी हो तो इसे अपने फॅमिली और फ्रेंड्स के साथ अवश्य शेयर करें। आप अपना वैल्युएबल फीडबैक कमैंट्स सेक्शन में शेयर कर सकते हैं। पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
What are the main points of the 5 AM Club?
The main points of the 5 AM Club are:
Wake up at 5 AM every day to get a head start on your day.
Follow a 20/20/20 formula for movement, reflection, and growth.
Use technology mindfully to avoid disruptions.
Prioritize sleep for physical and mental health.
Be consistent with your routine to build self-discipline.
Is 5AM Club Based on a true story?
The 5 AM Club is a fictional book but draws inspiration from real-world principles and evidence surrounding personal growth and success.
What time do the 5 AM Club go to bed?
To wake up at 5 AM, the 5 AM Club recommends going to bed between 9 PM and 10 PM. This allows for 7-8 hours of sleep, which is the recommended amount for adults.
What are the 4 pillars of 5AM club?
The 5 AM Club outlines four pillars that form the foundation of the transformative routine:
Awaken at 5 AM: Embrace the power of early mornings to gain a head start on the day before obligations and distractions take over.
20/20/20 Formula: Dedicate 20 minutes each to movement, reflection, and growth, fostering physical well-being, mental clarity, and personal development.
Mindful Technology Integration: Utilize technology as a tool to enhance productivity and growth, while avoiding its disruptive influence on sleep and focus.
Sleep Prioritization: Recognize the importance of quality sleep as the cornerstone of physical and mental performance. Aim for 7-8 hours of restful sleep each night.
By adhering to these four pillars, individuals can unlock their true potential, achieve their goals, and lead a more fulfilling life.
What is the 20 20 20 rule 5AM club?
The 20/20/20 rule is a core component of the 5 AM Club routine, designed to optimize personal growth and productivity during the early morning hours. It involves dedicating 20 minutes each to three key areas:
Move: Engage in 20 minutes of physical activity to energize your body, promote circulation, and enhance cognitive function.
Reflect: Dedicate 20 minutes to personal reflection, such as journaling, meditation, or quiet contemplation, to cultivate self-awareness, set intentions, and gain clarity for the day ahead.
Grow: Utilize 20 minutes for personal growth activities, such as reading, studying, or engaging in creative pursuits, to expand your knowledge, skills, and overall well-being.
This 20/20/20 rule provides a structured approach to maximizing the benefits of early mornings, setting the stage for a productive and fulfilling day.
What is the 60 10 method Robin Sharma?
The 60/10 Method is a time management technique developed by Robin Sharma, author of the self-help book “The 5 AM Club.” It involves working in focused sprints of 60 minutes, followed by 10-minute breaks to refresh and recharge. This method is designed to enhance productivity and reduce burnout by optimizing energy levels and maintaining concentration.
Here’s how to implement the 60/10 Method:
Set a timer for 60 minutes. During this time, focus solely on the task at hand, eliminating distractions and maintaining intense concentration.
Work with unwavering commitment. Avoid multitasking or checking emails or messages. Dedicate your full attention to the task at hand.
Utilize the 60-minute sprint to make significant progress. Break down large projects into smaller, manageable chunks and focus on completing each segment within the allotted time.
After the 60-minute sprint, take a 10-minute break. Step away from your work and engage in activities that promote relaxation and rejuvenation.
During the break, avoid screens or work-related tasks. Focus on activities that refresh your mind and body, such as walking, stretching, or listening to calming music.
Repeat the 60/10 cycle. Continue alternating between 60-minute work sprints and 10-minute breaks until your task is complete.
The 60/10 Method is particularly effective for individuals who struggle with sustained focus or find themselves easily distracted. By breaking down work into manageable segments and incorporating regular breaks, the method helps maintain energy levels, enhance productivity, and reduce the risk of burnout.
What is the 90 90 1 rule?
Robin Sharma’s 90/90/1 rule is a self-improvement strategy that focuses on allocating 90 minutes each day for 90 days to work on the single most important goal in your life. The goal should be something that you are passionate about and that will have a significant impact on your life.
Here is a breakdown of the rule:
90 days: This is the length of time you will commit to working on your goal. 90 days is long enough to make significant progress, but not so long that you will get discouraged.
90 minutes: This is the amount of time you will dedicate to your goal each day. 90 minutes is enough time to make meaningful progress, but not so much time that it will take over your life.
1 goal: This is the single most important goal in your life. It should be something that you are passionate about and that will have a significant impact on your life.
What is 5 great hours concept Robin Sharma?
The 5 Great Hours concept, as outlined by Robin Sharma in his book “The 5 AM Club,” emphasizes the significance of dedicating 5 hours, typically between 5 AM and 10 AM, to personal growth and productivity. This concept revolves around the idea that by leveraging the quiet and distraction-free early morning hours, individuals can set the stage for a fulfilling and successful day.
The 5 Great Hours framework consists of three key domains:
Movement: Dedicate 20 minutes to physical activity, such as exercise, yoga, or stretching, to energize the body, enhance cognitive function, and promote mental clarity.
Reflection: Engage in 20 minutes of self-reflection, including journaling, meditation, or quiet contemplation, to cultivate self-awareness, set intentions for the day, and gain clarity for your goals.
Growth: Utilize 20 minutes for personal growth activities, such as reading books, studying, or learning new skills, to expand your knowledge, enhance your skillset, and foster personal development.
By integrating these three domains into the early morning hours, individuals can optimize their productivity, enhance their overall well-being, and lay the foundation for a more fulfilling and successful life.
What is the rule of 21 Robin Sharma?
The Rule of 21 is a productivity concept developed by Robin Sharma, the author of “The 5AM Club.” The Rule of 21 suggests that it takes 21 consecutive days to develop a new habit or behavior.
According to Sharma, if you commit to doing something every day for 21 consecutive days, it becomes a habit. This could be anything from waking up early and working out, to practicing meditation or writing in a journal.
The key to the Rule of 21 is consistency. By committing to a new behavior for 21 consecutive days, you create a new habit that bThe Rule of 21, also known as the “Habit Stacking” technique, is a popular personal development strategy popularized by author Robin Sharma in his book The 5 AM Club. It suggests that it takes approximately 21 days for a new habit to become ingrained in our behavior. This concept is based on the neuroplasticity of the brain, which is its ability to change and adapt over time.
The Rule of 21 advocates for consistent repetition of a new behavior for at least 21 consecutive days to form a strong neural pathway in the brain. As the brain consistently receives signals and cues for this new behavior, it gradually strengthens the connection, making it more likely to occur automatically.
To effectively leverage the Rule of 21, Sharma suggests following these steps:
Identify the Habit: Clearly define the new habit you want to cultivate, making it specific and measurable.
Set a Reminder: Set daily or regular reminders to prompt you to engage in the new habit. This could involve using alarms, notes, or scheduling the habit into your routine.
Make It Easy: Make the new habit as easy and convenient as possible to perform. Eliminate barriers and distractions to reduce friction and increase the likelihood of initiation.
Track Your Progress: Monitor your progress daily or weekly to stay motivated and identify areas for improvement. Tracking helps build confidence and reinforces the habit formation process.
Be Patient and Consistent: Remember that it takes time for new habits to become automatic. Be patient with yourself, maintain consistency, and avoid discouragement if you slip up occasionally.
By following these guidelines, individuals can effectively leverage the Rule of 21 to develop new habits, enhance their personal growth, and achieve their goals.ecomes automatic and requires less effort over time. This can help you make positive changes in your life and achieve greater success and productivity.
It’s important to note that the Rule of 21 is a general guideline and may not work for everyone. Some people may need more or less time to develop a new habit, and it may also depend on the complexity of the habit or behavior you’re trying to develop. However, the Rule of 21 can be a useful tool for those looking to make positive changes in their lives.
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